ग्रामीणों के द्वारा बेचे गए गोबर की राशि पंचायत सचिव के साथ मिलीभगत कर आहरण करने का मामला,कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता पर गोबर की राशि के गबन का आरोप
छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले का मामला,ग्रामीणों को नहीं मिला बेचे गए गोबर का पैसा,जपं के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के बयान पर नहीं है ग्रामीणों को विश्वास
राजेंद्र शर्मा-
खड़गवां 22 दिसम्बर 2021 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के खड़गवां विकासखण्ड में ग्रामीणों द्वारा बेचे गए गोबर का पैसा उन्हें नहीं दिए जाने राशि का गबन कर लीए जाने का मामला सामने आया है, देश का यह पहला मामला है जिसमें घोटाला गोबर की बिक्री से मिलने वाली राशि का हुआ है और जो बेचने वालों को गोधन न्याय योजना जो छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है के अंतर्गत प्रदान की जानी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खड़गवां विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सकरिया में शनिवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया था, जिस ग्राम सभा में ग्रामीणों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और ग्रामीण जनों ने अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें प्रमुख मुद्दा गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने के बाद हितग्राहियों को सालों बीत जाने के बाद भी पैसा नही मिलने का मुद्दा उठाया गया। जिसमें पंचायत सचिव ने बताया कि आन लाइन भुगतान जिन हितग्राहियों को नहीं हुआ था उनका प्रपोजल बनाकर जनपद सीईओ को मेरे द्वारा भेजा गया था जिसका भुगतान पंचायत के खाते में जमा हो गया था जिस पैसा को गोबर बेचे हुए हितग्राहियों को करना था, जिस पैसा की जानकारी गौठान समिति के अध्यक्ष को पता लगा और वह मुझसे आकर कहा कि गोबर बिक्री किए हुए किसान हितग्राहियों को पैसा भुगतान करना है, चेक काट दो हम सूची बना लिए हैं और हितग्राहियों को पैसा भुगतान करेंगे जिस पर पंचायत सचिव ने चेक काटने मना किया लेकिन जिला महासचिव युवा कांग्रेस के पदाधिकारी एवं गौठान समिति अध्यक्ष प्रज्ञानंद सांहू के द्वारा अपनी राजनीतिक पहुंच का धौस दिखाते हुए बुजुर्ग पंचायत सचिव अली साय कुर्रे के ऊपर दबाव बनाते हुए गोबर बेचे हुए हितग्राहियों का चेक कटवा लिया गया,वही हितग्राहियों को पैसा भुगतान करना मुनासिब नहीं समझा जबकि पंचायत सचिव अली साय कुर्रे का कार्यकाल 2 माह ही शेष बचा है। इसके बाद उनकी सेवानिवृत्ति होनी है।
युवा कांग्रेस के जिला महासचिव पर लगा ग्रामीणों के गोबर बिक्री का पैसा डकारने का आरोप
गौरतलब बात यह है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ ग्रामीणों को मिलना सरकार के ही नुमाइंदों के कारण बाधित हो रहा है, जिसका जीता जागता उदाहरण सकरिया ग्राम पंचायत में देखने को मिला है,जहां कि अपने ही सरकार में जिला महासचिव युवा कांग्रेस के पद पर विराजमान व्यक्ति द्वारा किस तरह अपने ही सरकार के योजनाओं के अंतर्गत ग्रामीणों को मिलने वाले लाभों का आपस मे ही बंदरबांट कर लिया जा रहा है जबकि लाभ ग्रामीणों को।मिलना था, गोबर के पैसे के भुगतान के लिए महासचिव युवा कांग्रेस एवं गौठान समिति अध्यक्ष के द्वारा पंचायत सचिव के ऊपर दबाव बनाते हुए 2 नवम्बर 2021 को 70900 रुपए एवं 16 नवम्बर 2021 को 64000 हजार रुपए कुल 134900 रुपए का चेक कटवाकर बैंक से राशि आहरण कर लिया, लेकिन हितग्राहियों को उनके पैसे का भुगतान नहीं किया गया, उक्त व्यक्ति के द्वारा किए गए कृत्य का पता ग्राम सभा में चला, जिस लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के कृत्य में सरपंच सचिव की संलिप्तता से भी इंकार नहीं किया जा सकता है वहीं ग्रामीण किसान जो गोबर बेच कर सालों से राशि प्राप्त नहीं किए हैं उनमें से बच्चा लाल यादव लगभग 2500 रुपए, उर्मिला साहू 800, मानमती 4000, मनोज कुमार 2200, नोखेलाल लगभग 2800 सहित ऐसे सैकड़ों किसान है जिनका भुगतान नहीं हुआ है वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत 18 नग शौचालय निर्माण कार्य कराया गया है जिसका पैसा हितग्राहियों को नहीं दिया गया और पैसा आहरण कर लिया गया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत करते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने गुहार लगाई है।
सचिव व मुख्य कार्यपालन अधिकारी के बात में नहीं दिखी समानता
मूलचंद चौपड़ा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खड़गवां के द्वारा पूरे मामले में कहा जा रहा है कि जांच का विषय है जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे सकरिया के सचिव ने कहा कि इसकी लिखित शिकायत मैं ने जनपद पंचायत खड़गवां के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को दी मगर खड़गवां के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कह रहे हैं कि मुझे इसकी सूचना नहीं दी गई जबकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी को किसी प्रकार की सूचना दी ही नहीं गई तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी के द्वारा किस विषय मे जांच कर कार्रवाई करेंगे जैसा उनका बयान आया है, इससे साफ हो रहा है कि अधिकारी सिंधु शिकायत जांच में लिपा पोती कर रहे हैं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत खड़गवां के द्वारा की गई जाच पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब इनको शिकायत ही प्राप्त नहीं हुई तो जांच कैसी कैसी।
गोबर घोटाला गम्भीर मसला
छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना जिस योजना को लेकर पूरे देश मे छत्तीसगढ़ सरकार को ख्याति प्राप्त हुई है प्रसिद्वि मिली है जैसी योजना की राशि यदि सीधे हितग्राही को प्राप्त न होकर राशि की बंदरबांट हो जाती है तो निश्चित रूप से यह सरकार के लिए गंभीर मामला बन जाता है क्योंकि छत्तीसगढ़ की सरकार ने किसानों ग्रामीणों को गोधन न्याय योजना से इसलिए भी जोड़ा है जिससे पशुओं की सही देखभाल भी किसान व ग्रामीण करें और गोधन से आय अर्जित कर पशुओं की सेवा बेहतर कर सकें जिनसे पशुओं को सड़क पर खुलेआम घूमते भी न देखा जाए।