यूपी में बघेल की धमक से बढ़ढ़ रही कांग्रेस की चमक

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यूपी के आसन्न चुनाव में कांग्रेस के सारथी की अति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।हालांकि अभी यूपी में संघर्ष और चुनौतियां बहुत हैं मगर चुनाव सन्दर्भ में अपने अबतक के अनुभव से हमारे मुख्यमंत्री जी बहुत उत्साहित हैं। उत्साहित होना भी चाहिए।खुद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सारे यूपी में किसानों को आश्वस्त कर रही हैं कि वहां कांग्रेस की सरकार बनने पर खेती और किसानों के लिए भूपेश बघेल के छत्तीसगढ़ मॉडल को पूरी प्राथमिकता से लागू किया जाएगा।इस वादे पर यकीन भी किया जा रहा है क्योंकि पूरे देश मे 2500 की दर से धान की सरकारी खरीद अगर कही हो पा रही है तो सिर्फ छत्तीसगढ़ में हो रही है जबकि ईर्ष्या और राजनीतिक दुराग्रह की ज्वाला से छटपटा रही केंद्र की संकीर्ण सोचवाली मोदी सरकार ने अड़ंगे लगाने में अपनी तरफ से कोई कसर बाकी नही छोड़ी है।यूपी में खेती पर निर्भर करोड़ों लोगों को भूपेश बघेल यह लगातार समझा रहे हैं कि किसानों के प्रति मोदी सरकार के मन मे कतई कोई लगाव नही है।यह दुराग्रह के सिवाय और क्या हो सकता है कि छत्तीसगढ़ से हरसाल एफसीआई द्वारा की जानेवाली उसना चावल की खरीद इस बार वर्जित कर दी गई।इसकी कोई वजह भी नही बताई गई।इसी तरह धन खरीद के लिए बेहद जरूरी बारदानों की आपूर्ति में भी शत्रुतापूर्ण रुकावट लगाने से मोदी सरकार बाज नही आई। फिर भी छत्तीसगढ़ में किसानों के दिन फिर रहे है जो यूपी में कांग्रेस के दिन भी फेर सकने की आशा बेशक जगाते है क्योंकि हाथ कंगन को आरसी की जरूरत नही होती।
हमारे पास खोने
को कुछ नही है
यहां इस अभूतपूर्व स्थिति को भी ध्यान में रखना चाहिए कि यूपी में इसबार कांग्रेस ने सपा या बसपा से कोई तालमेल या गठबंधन किए बिना ही शतप्रतिशत सीटों पर चुनाव में उतरने की तैयारी की है।भूपेश बघेल इस बारे में कहते हैं कि यूपी के वोटर ही यह चाहते है कि कांग्रेस उनकी उम्मीदों पर चोट पहुचा चुकी पार्टियों से सर्वथा दूर रहकर सिर्फ अपने दम पर चुनाव लड़े।प्रियंकाजी ने जबसे अकेले लड़ने और 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को देने की घोषणा की है तबसे यूपी में पार्टी की संभावना पर से कोहरे की चादर एकदम हट गई है जिसका सबूत प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में पिछले दिनों हुई कांग्रेस की उस रैली से भलीभांति मिल गया जिसके लिए ” विराट” शब्द को भी प्रेक्षकों ने कम ही बताया था।


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