मामला ग्राम पटना स्थिति खसरा क्रमांक 163/1/क का जो है शासकीय भूमि
- रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 01 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। उप तहसील अंतर्गत ग्राम पटना के ही भुअभिलेखों में विगत वर्षों हुए गलत तरीके के नामांतरण में जिसमें शासकीय भूमि के रूप में भुअभिलेखों में दर्ज भूमि को निजी कैफियत दर्ज करते हुए निजी व्यक्ति के नाम से नामान्तरण करते हुए निजी घोषित कर दिया गया है कि शिकायत जब राजस्व विभाग में की गई और जब शिकायतकर्ता ने तहसील बैकुंठपुर के रिकॉर्ड रूम से इस संबंध में दस्तावेज की मांग की तो तहसील कार्यालय बैकुंठपुर के कानूनगो ने लिखित रूप से यह लिखकर दे दिया कि उक्त संबंध में कोई भी दस्तावेज या नकल तहसील कार्यालय उपलब्ध नही करा सकता क्योंकि तहसील के रिकार्ड रूम में इस संबंध में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।
पूरे मामले में अब सवाल यह उठता है कि जब रिकार्ड ही मौजूद नहीं है तो नामांतरण कैसे हुआ,और कैसे भुअभिलेखों के ऑनलाइन साइट में जो छत्तीसगढ़ शासन का ही भुइयां साफ्टवेयर है उसमें नामान्तरण पस्चात भूमि अब निजी कैफियत में दर्ज दिख रही है। पूरा मामला उप तहसील पटना के ग्राम पटना स्थिति खसरा क्रमांक 163/1/क की भूमि का है जिसका कुल रकबा 3.1570 है और जो शासकीय भूमि के रूप में भुअभिलेखों में दर्ज है वहीं इसी खसरा क्रमांक के कुल रकबे में से .501को व्यवस्थापक रविशंकर शर्मा गायत्री शक्ति पीठ के नाम से निजी कैफियत दर्ज करते हुए उनके नाम से नामान्तरण कर दिया गया है जिसकी शिकायत पटना बाजारपारा निवासी अखिलेश गुप्ता ने जिलाधीश से करते हुए जांच की मांग की है और इस गलत नामान्तरण मामले में जांच कर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। शिकायतकर्ता का कहना है कि शासकीय भुअभिलेखों सहित छत्तीसगढ़ के भुइयां सॉफ्टवेयर में यह नामांतरण दर्ज है और देखा जा सकता है जबकि इसकी जानकारी और कोई दस्तावेज राजस्व विभाग के पास नहीं है यह कहना कहां तक सही है जबकि नामांतरण बाकायदा क्रमांक सहित दर्ज है। अब शिकायतकर्ता की मांग है कि पूरे मामले में बड़े स्तर पर गड़बड़ी हुई है और जिसकी जांच होनी जरूरी है।