- राजा मुखर्जी-
कोरबा 01 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। भुईयाँ सॉफ्टवेयर में आई तकनीकी खमियाँ, पखवाड़े भर बाद भी सीजी एनआईसी द्वारा दुरुस्त नहीं किया जा सका। जिसकी वजह से साईट में उपलोड समस्त राजस्व अभिलेख त्रुटिपूर्ण प्रदर्शित हो रहे हैं। जिससे लोग परेशान हैं वहीं राजस्व अमला हलाकान है। ऑनलाईन गिरदावरी एंट्री का भी काम प्रभावित हो रहा है। जिसे देखते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने खेतों तक पहुंचकर गिरदावरी के बाद मिली जानकारियां भुईयां पोर्टल में एंट्री करने की मियाद 30 सितंबर से बढ़ाकर 10 अक्टूबर तक कर दी है।यहां बताना होगा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने समय व धन की बचत व भू -स्वामियों की सुविधा के लिए राजस्व से जुड़े सभी अभिलेख भुईयाँ साईट में अपलोड कर दी है। जिसे लोग आवश्यकता पड़ने पर घर बैठे या चॉइस सेंटर के माध्यम से साईट से निकालकर अभिलेख की प्रति प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन भुईयाँ सॉफ्टवेयर में कुछ तकनीकी खामियां आ गई थीं , जिसका सुधार कार्य सीजी एनआईसी द्वारा 8 से 12 सितंबर के मध्य कराया गया। लेकिन जानकारी के अनुसार साईट के सुधार में सफलता नहीं मिली। उल्टे जितने अभिलेख अपलोड थे वो सभी त्रुटिपूर्ण तरीके से प्रदर्शित हो रहे। अभिलेख अस्त व्यस्त होने की वजह से जहां लोग परेशान हैं वहीं राजस्व अमला भी हलाकान है। शासकीय महत्व के सबसे बड़े कार्य गिरदावरी भी इससे प्रभावित हो रहा है। पहले खसरा और भुईंया सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की थी। सितंबर माह में भुईंया पोर्टल में तकनीकी समस्या के कारण गिरदावरी प्रविष्टि का काम प्रभावित रहा । इसे देखते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने गिरदावरी प्रविष्टि के काम की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। गिरदावरी उपरांत प्रारंभिक प्रकाशन, दावा आपत्ति प्राप्त करना, उनका निराकरण करना और संशोधन करने की अंतिम तिथि में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह तिथि पूर्व के अनुसार ही 31 अक्टूबर ही रहेगी।कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने पहले ही सभी राजस्व अधिकारियों को गिरदावरी का काम गंभीरता से सावधानी पूर्वक निर्धारित समय सीमा मे पूरा करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि गिरदावरी में धान के रकबा का स्पष्ट उल्लेख करने के साथ-साथ डायवर्सन हो चुकी भूमि, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत पौधरोपण वाला रकबा, धान के अलावा अन्य फसल लगाए हुए रकबा, खेत की मेढ़ पर लगे पेड़ आदि सभी का गिरदावरी में स्पष्ट उल्लेख करने के भी निर्देश दिए हैं। गिरदावरी के दौरान सभी खसरा का भौतिक सत्यापन कर ऑनलाइन फसल प्रविष्टि की जाएगी साथ ही धान की किस्म, पेड़, मकान, सिंचाई के साधन इत्यादि की की भी प्रविष्टि की जाएगी। गिरदावरी के दौरान ग्रामीणों से चर्चा करते हुए फसल की स्थिति, सिंचाई, तथा खेती-किसानी से जुड़ी अन्य जानकरी तथा रिकॉर्ड भी दुरुस्त करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए गए हैं।भुईंया सॉफ्टवेयर में आई तकनीकी खामियों की वजह से डाटा व डीएससी उड़ जा रहा है। जैसे किसी का नाम दर्ज है वही नाम 50 बार प्रदर्शित होकर 50 बार खाता खुल जाना। पुराना अभिलेख प्रदर्शित हो रहा,अभिलेख दुरुस्तीकरण नहीं हो पा रहा है। नामांतरण रिपोर्ट त्रुटिपूर्ण प्रदर्शित हो रहा है। यही नहीं भू -स्वामी का नाम भी खसरे में त्रुटिपूर्ण प्रदर्शित हो रहा है। सही डाटा नहीं मिलने की वजह से समीक्षा नहीं हो पा रही है। हालांकि ई कोर्ट का काम सुचारू रूप से संचालित है,जो राहत की बात है।