मामला खांडा में 14 वें 15 वें वित्त अनुदान राशि के बन्दरबांट की जांच का…एक सफ्ताह में जांच पूरी कर प्रस्तुत करना था रिपोर्ट
-रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 28 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)। एक सफ्ताह में जांच पूरी कर रिपोर्ट जिला पंचायत कोरिया को सौंपने के जिला पंचायत कोरिया के ही आदेश की अवहेलना करते नजर आ रहें हैं एसडीओ आरईएस बैकुंठपुर। ग्राम पंचायत खांडा में 14 वें 15 वें वित्त अनुदान की राशि को पंचायत खातों से निकालकर बड़ी मात्रा में शासकीय राशि के बन्दरबांट की ग्राम पंचायत खांडा के ही पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों की शिकायत की जांच कर राशि के खर्च का भौतिक सत्यापन कर जांच रिपोर्ट एक सफ्ताह में जिला पंचायत कोरिया के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश जिला पंचायत कोरिया द्वारा एसडीओ आरईएस को जारी किया गया था। एक सफ्ताह की जगह एक माह बीतने के बाद भी अभी तक जांच पूरी नहीं कि गई वहीं जांच रिपोर्ट भी जिला पंचायत के सुपुर्द नहीं कि गई बशर्ते जांच के दौरान गड़बçड़यों को छुपाने के आरोप जांच अधिकारियों पर जरूर लगते रहे।
क्या है पूरा मामला
कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत खांडा के ही पंचायत प्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने जिला पंचायत में शिकायत दर्ज कर जांच की मांग की थी कि सरपंच व तात्कालीन पंचायत सचिव द्वारा ग्राम पंचायत के बैंक खातों से 14 वें 15 वें वित्त अनुदान की राशि विभिन्न निर्माण कार्यों साथ ही मरम्मत कार्यों के नाम पर निकाली गई है वहीं राशि का उपयोग निर्माण कार्यों मरम्मत कार्यों की बजाय आपसी बंटवारा कर गबन करने में किया गया है। जिला पंचायत द्वारा शिकायत की जांच हेतु गठित प्रथम जांच दल जिसकी अगुवाई सहायक संचालक जिला पंचायत कोरिया ने किया को जांच के दौरान दस्तावेजों के परीक्षण से पता चला कि पंचायत को मिले शासकीय अनुदान की राशि के बन्दरबांट की शिकायत प्रथम दृष्ट्या सही है वहीं गड़बड़ी बड़े स्तर पर की गई है। जिला पंचायत ने प्रथम जांच उपरांत ही पंचायत सचिव को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया वहीं एसडीओ आरईएस के नेतृत्व में नया जांच दल गठित कर एक सफ्ताह में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया। जिला पंचायत द्वारा 40 निर्माण कार्यों सहित मरम्मत कार्यों को चिन्हांकित करते हुए सूचीबद्ध कर जांच दल को उन्ही 40 कार्यों के भौतिक सत्यापन का जिम्मा सौंपा है जिसमें गड़बड़ी की पूरी आशंका दस्तावेजों अनुसार परिलक्षित हो रही है।
जांच दल दो बार पहुंचा भौतिक सत्यापन करने
जिला पंचायत से आदेश प्राप्त होने के बाद से अब तक एक माह बीतते बीतते जांच दल दो बार ग्राम पंचायत खांडा पहुंचकर जांच कर प्रतिवेदन तैयार करता नजर आया,पहली बार 8 कार्यों का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें 5 काम धरातल पर ही नहीं पाए गए जबकि शेष 3 निर्माण व मरम्मत कार्यों को किसी तरह केवल धरातल पर खड़ा पाया गया या किसी तरह निपटाया गया इस स्थिति में पाया गया,जबकि दूसरी बार जांच दल में पहुंचे दो इंजीनियर जो जांच के दौरान गड़बçड़यों को छुपाकर सरपंच व तात्कालीन ग्राम पंचायत सचिव के पक्ष में गोपनीय तरीके से रिपोर्ट बनाते ग्रामीणों व पँचायत प्रतिनिधियों द्वारा धरे गए जिन्हें स्थिति बिगड़ती देख जांच अधूरा छोड़कर पलायन करते देखा गया।
कैसे हो सकेगी निष्पक्ष जांच
पूरे मामले में एक माह बीत चुका जिला पंचायत कोरिया द्वारा जांच हेतु एक सफ्ताह का ही समय जांच दल को दिया गया था, बीच मे जांच के दौरान मामले में सरपंच सचिब को जांच दल द्वारा बचाने के प्रयास का भी आरोप लगा अब इन परिस्थितियों में निष्पक्ष जांच कैसे हो सकेगी यह बड़ा सवाल बन चुका है। जांच पूरी हुए बगैर कार्यवाही भी तय नहीं कि जा सकती वहीं जांच दल की कार्यप्रणाली कहीं से निष्पक्ष जांच की अभी तक सामने नहीं आई है। एक तरह से देखा जाय तो लोक कल्याणकारी राज्य की कोरी घोषणा ही सरकारें करती आ रहीं हैं जबकि उसी राज्य का प्रशासन आर्थिक गड़बçड़यों के मामले में जांच कर कार्यवाही से बच कर रहने में ही भलाई समझ रहा है क्योंकिं यदि एक जांच हुई और दोष सिद्ध हुआ तो अन्य जगह की शिकायतों की भी जांच का दबाव बढ़ेगा वहीं सभी जगह जांच होने पर सभी को पोल खुलेगी जिसमें नीचे से ऊपर तक का पूरा अमला खुद को बचा पाने में असमर्थ होगा। एक तरह से ग्राम पंचायतों के अनुदान राशियों में गड़बड़ी की जांच सभी के लिए गले की हड्डी न बन जाये इसलिए भी जांच में निष्पक्षता संभव नजर नही आ रही।
खांडा ग्राम पंचायत की अनियमितता की जांच का जिम्मा जिला पंचायत कोरिया से मुझे मिला है, पंचायत में काफी सारे कामों की जांच होनी है इस वजह से जांच में विलंब हो रहा है जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी जांच में मिलीभगत कर सरपंच सचिव को बचाने के जो भी आरोप लग रहे हैं वह गलत है।
आभास सिन्हा
एसडीओ आरईएस बैकुंठपुर