- राजनीति में उतार-चढ़ाव और संघर्ष लगा रहता है वेदांती तिवारी।
- जिला पंचायत उपाध्यक्ष का सघन जनसंपर्क की वजह से जनता से सीधा जुड़ड़ाव।
- हर किसी के दुख-सुख में शामिल होना पहली प्राथमिकता,क्षेत्र में सक्रियता से जारी है दौरा।
- घटती घटना के साथ वेदांती तिवारी की राजनीतिक चर्चा।
-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 03 जून 2022 (घटती-घटना)। घटती घटना की राजनीतिक चर्चा में शामिल कोरिया जिला पंचायत उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी ने बतया राजनीतिक जीवन से जुडी कुछ राजनीतक चर्चा में साझा किया रोचक बता, आइये वेदांती तिवारी को लेकर जानते हैं वह हर कुछ जो क्षेत्र की जनता उनमे पसंद करती है और उनपर उसी कारण विश्वास करती है। 58 वर्षीय वेदांती तिवारी का राजनीतिक जीवन ग्राम पंचायत के पंच पद पर निर्वाचित होने उपरांत शुरू हुआ और उन्होंने दो बार देश की राष्ट्रीय पार्टी से भी टिकट पाकर विधानसभा तक का चुनाव लड़ा। सफल व्यव्सायी साथ ही सक्रिय व जनता के हर दुख सुख में सदैव उपस्थित जनप्रतिधि वेदांती तिवारी से जुड़ी कुछ खास बातें। दो बार बैकुंठपुर से कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा प्रत्यासी रह चुके वर्तमान में कोरिया जिला पंचायत के उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी क्षेत्र में लगातार सक्रिय नजर आ रहें हैं।
विधानसभा चुनावों में दो बार की शिकस्त व तीसरी बार पार्टी से टिकट नहीं मिलने के बावजूद भी वेदांती तिवारी ने राजनीतिक पृष्ठभूमि से खुद को अलग नहीं जाने दिया और ना ही वह किसी भी तरह मायूस हुए दो बार बड़े ही कम अंतर से पराजय की वजह चाहे जो भी रही हो तीसरी बार उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बावजूद भी वह जिला पंचायत चुनाव में सदस्य बतौर अपनी उम्मीदवारी दर्ज किए और अंतत: बड़े ही जोरदार तरीके से बम्पर वोटों से विजयी भी हुए, क्षेत्र की जनता ने जिला पंचायत चुनाव में उन्हें जिस तरह स्वीकार किया और जिस बड़े बहुमत से उन्हें विजश्री माला पहनाई उसमे चार चांद तब और लग गया जब वेदांती तिवारी ने बड़े ही कठिन मुकाबले में जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद पर भी कब्जा कर लिया और जिले के जिला पंचायत पर अपना परचम लहरा दिया। जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होते ही जैसे वेदांती तिवारी में नई ऊर्जा उत्पन्न हो गई और फिर क्या था वह निकल पड़े जन कल्याण और जन समस्याओं के निराकरण की दिशा में कार्य करने। वेदांती तिवारी लगातार जनसंपर्क करते हुए हर उस जगह पहुंच रहें हैं जहाँ क्षेत्र की जनता को संबल और सहायता की जरूरत होती है। दुख हो सुख का कोई भी अवसर वेदांती तिवारी क्षेत्र की जनता के साथ हर जगह खड़े नजर आ रहें हैं और जनता के साथ उनका दुख दर्ज बांट रहें हैं।
जनता के बीच ज्यादा रहना पसंद करते हैं वेदांती तिवारी
आज क्षेत्र की जनता भी वेदांती तिवारी की सक्रियता से खासे प्रभावित हैं और अपने हर समस्या और हर जरूरत में उन्हें तत्काल याद करते हैं उन्हें अपनी समस्या बताते हैं। वेदांती तिवारी का जिला पंचायत उपाध्यक्ष बनना वैसे भी चुनौतीपूर्ण था क्योंकि जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद एक ऐसा पद है जिसमें बहोत ज्यादा न तो किसी तरह की घोषणा या शासकीय मदों की स्वीकृति का अधिकार है और न ही स्वेक्षानुदान या अन्य कोई विकल्प है कुछ है तो केवल बड़ी जिम्मेदारी क्योंकि क्षेत्र में निर्वाचित होने जनप्रतिधि का दर्जा प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता जन अपेक्षाएं बढ़ी हुई निकलकर सामने आती हैं और जनता भी बड़े ही आशान्वित नजरों से अपने आसपास के विकास को लेकर याचक बनी हुई रहती है। अब जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं व उनकी मांगों का संकलन व संकलित मांगो और समस्याओं के संबंध में निराकरण का प्रयास बड़ा कठिन काम होता है क्योंकि सभी कुछ जाकर बैठकों में निराकृत होने वाला विषय रहता है और कुछ मांगे पूर्ण होती हैं कुछ समस्याएं हल होती हैं और कुछ शेष भी रह जाती हैं जिसको लेकर आगे प्रयास करना पड़ता है।
लोगों की भावनाओं को भी बहुत अच्छे तरीके समझते हैं तिवारी
जनता के बीच एक जनप्रतिधि कि भूमिका का निर्वाहन कितने बेहतर तरीके से हो सकता है यह एक अलग विषय हो सकता है लेकिन जनता कितना विश्वास रखती है किसी जनप्रतिधि के प्रति यह भी मायने रखता है जो वेदांती वेदांती तिवारी के संदर्भ में यदि देखा जाए तो आज क्षेत्र की जनता उनके प्रति बिल्कुल आशान्वित नजर आती है जिसमें समस्याओं के निराकरण की उम्मीद जनता के भीतर नजर आती है और मांगो की पूर्ति के भी। आज किसानों के संदर्भ में बात की जाए, मजदूरों या कामगारों के विषय में बात की जाये या फिर व्यवसायियों सहित कर्मचारियों के हित की बात की जाए वेदांती तिवारी हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए हर संभव प्रयास करते नजर आते हैं जो उनकी बेहतर राजनीतिक समर्पण के रूप में देखा जा रहा है।
वेदांती तिवारी अपना आदर्श स्वर्गीय डॉ रामचंद्र सिंहदेव को मानते हैं
वेदांती तिवारी स्वयं कहते हैं राजनीति से लगाव स्व डॉ रामचन्द्र सिंहदेव की वजह से हो सका वहीं जनपद पंचायत बैकुंठपुर में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी एक समय की राजनीतिक उपलब्धि रही जो उनके जैसे किसी सामान्य कृषक परिवार के पुत्र के रूप में उनके शहर की तरफ का रुख तय कर सका लेकिन मुख्य पेशा व्यवसाय जिसमें भी समय देने की वजह से उन्होंने राजनीति में बहोत आगे जाने का विचार कभी नहीं किया था,लेकिन स्व डॉ रामचन्द्र सिंहदेव जो उनके राजनीतिक जीवन मे प्रवेश के प्रणेता रहे कि ही चाह पर उन्होंने दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा भले पराजय मिली कम अंतर से पराजय का मुंह देखना पड़ा जिससे उन्हें कोई ज्यादा दुख भी केवल इसलिए नहीं हुआ क्योंकि उन्हें चुनावों में समर्थन देकर विजयी देखने वालों की भी संख्या बहोत ज्यादा थी जो उनके लिए संतोष का विषय रहा। वेदांती तिवारी ने यह भी कहा कि क्षेत्र की जनता की मांग थी कि मैं जिला पंचायत में अपनी दावेदारी करूँ और मैंने की भी जनता ने हांथो हांथ लिया यह जनता का बड़प्पन था और उनका समर्थन भी जिसका कर्ज उतारना अभी बाकी है और मैं लगा हुआ हूँ इसी प्रयास में की क्षेत्र में सर्वत्र खुशहाली हो सभी समस्याविहीन हों चाहे भले ही मुझे कितनी भी मेहनत करनी पड़ें। वेदांती तिवारी लगातार जनसपंर्क में अग्रणी बने हुए हैं और सुख का कोई आमंत्रण हो या दुख में किसी को संबल की जरूरत वह हर जगह उपस्थित हो रहें हैं और जनता से सीधा जुड़ाव कायम रखे हुए हैं।