कोरिया@नवोदय विद्यालय बैकुंठपुर के अस्तित्व के लिए आवश्यक की अपराधी प्रवृत्ति के छात्रों को बर्खास्त करे विद्यालय प्रबंधन:अभिभावक

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विद्यालय में अपराधी प्रवृत्ति के छात्र विद्यालय की साख को लगा रहे बट्टा,होनहार मेघावी छात्रों का भविष्य भी हो रहा चौपट
आरंभ से ही विद्यालय में छात्र अनुसरण प्रवृत्ति के कारण कर रहे हैं आपराधिक कार्य, परम्परा तोड़ने छात्रों का बर्खास्त किया जाना आवश्यक,अभिभावकों की मांग

-रवि सिंह-
कोरिया,11 सितंबर 2025 (घटती-घटना)।
कोरिया जिले के जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर ग्राम केनापारा में स्थित स्थापित जवाहर नवोदय विद्यालय जो जिले का अपनी तरह का एकमात्र आवासीय विद्यालय है जो आज या यह कहें आरंभ से ही छात्र उदंडता और छात्रों द्वारा किए जाने वाले अपराधिक गतिविधियों के लिए विख्यात हो चुका है और जिस कारण विद्यालय में अध्यनरत अधिकांश छात्रों के अभिभावक अब यह चाहते हैं कि विद्यालय प्रबंधन या तो अपराधिक प्रवृत्ति वाले छात्रों को बर्खास्त करे या फिर वह खुद अपने बच्चों को विद्यालय से अन्यत्र अध्ययन के लिए भेजने मजबूर होंगे जो कम से कम होनहार और मेघावी छात्रों के हिसाब से अभिभावकों का अगला निर्णय हो सकता है।
बता दें कि हाल ही में जवाहर नवोदय विद्यालय केनापारा बैकुंठपुर से एक बड़ी खबर बाहर निकलकर सामने आई थी जिसमें सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों की रैगिंग ली जा रही थी जूनियर छात्रों से बर्तन धुलवाए जा रहे थे उनसे कपड़े धुलवाए जा रहे थे उन्हें प्रताडि़त किया जा रहा था और जब उन्होंने प्रबंधन से शिकायत की तब प्रबंधन ने कुछ सीनियर छात्रों को 15 दिन के लिए विद्यालय से निलंबित किया था और निलंबित होने उपरांत निलंबित छात्र पुनः जूनियर छात्रों को प्रताडि़त करते रहे और जब इस बात की पुनः शिकायत हुई जिले के आला अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों के साथ विद्यालय पहुंचना पड़ा और मामले में अभिभावकों के साथ विद्यालय प्रबंधन, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,अनुविभागीय अधिकारी पुलिस की बैठक आहूत की गई और नव पदस्थ प्राचार्य ने मामले में उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। पूरे मामले में सबसे गंभीर स्थिति यह समझ में आई कि एक हायर सेकेंडरी विद्यालय में जो अनुशासन सुविधा सहित अपनी देश स्तरीय ख्याति के लिए विख्यात है में जूनियर छात्रों की प्रताड़ना मामले में जो सीनियर छात्र कर रहे हैं जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को पहुंचना पड़ा और बड़ी बात यह रही जो देखने को मिली कि पुलिस के आला अधिकारियों को भी पहुंचना पड़ा,मामला कुलमिलाकर छोटा मोटा नहीं आपराधिक था जिस कारण जिला प्रशासन पूरी क्षमता से साथ विद्यालय में उपस्थित हुआ। अभिभावकों के साथ बैठक के बाद उन्हें दिए गए आश्वासन के बाद अब अभिभावकों का यह कहना है कि विद्यालय से आपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों को बर्खास्त किया जाए उन्हें निलंबित करके पुनः विद्यालय में ही रखने से भविष्य में अन्य छात्रों के जान को भी खतरा हो सकता है क्योंकि जो छात्र दंड मिलने उपरांत भी भयभीत नहीं हैं और पुनः अपराध की पुनरावृत्ति कर रहे हैं वह किसी भी समय बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं जो अन्य छात्रों के लिए जान के खतरे का कारण भी बन सकता है।
निरीक्षण और नियंत्रण प्रणाली में बदलाव साथ ही अपराध से प्रेरणा लेने वाले छात्रों का बर्खास्त किया जाना अब आवश्यक
विद्यालय की साख तो पुलिस के दखल के बाद जाती रही क्योंकि मामला कानून व्यवस्था से जुड़ गया और प्रबंधन सहित निरीक्षणकर्ता जिम्मेदार असफल नजर आए। अब आवश्यकता है कि निरीक्षण और नियंत्रण प्रणाली में बदलाव किया जाए और नए सिरे से इसके लिए जिम्मेदार तय किए जाएं,जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य शिक्षा जगत के अधिकारियों की सतत् निगरानी स्थापित की जाए वहीं जिला प्रशासन भी अलग-अलग अधिकारियों से सतत निगरानी तय करे,छात्रों से सतत संवाद के लिए भी टीम भी बनाया जाए जो उनके लिए सहायक साबित हो,आपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों को निलंबित करने की बजाए जब तक बर्खास्त नहीं किया जाएगा विद्यालय से बाहर का रास्ता नही दिखाया जाएगा यह अनुसरण आधारित अपराध बंद नहीं होगा,वैसे पहले भी छात्रों को विद्यालय से बाहर का रास्ता दिखाया गया है और जिससे कुछ हद तक विद्यालय में अनुशासन स्थापित करने में मदद मिली थी ऐसा सूत्रों का दावा है।
अब तक कि सभी पुरानी घटनाओं पर नहीं हुई बड़ी कार्यवाही,अभिभावकों का आरोप प्रबंधन केवल बैठकर ले रहा वेतन
एक अभिभावक के अनुसार उसने अपने बच्चे के साथ हुई मारपीट और प्रताड़ना की घटना की सूचना प्रबंधन को पिछले सत्र में दी थी जिसमें केवल समझाइश की कार्यवाही मात्र की गई,समझाइश के बाद भी आज स्थिति वही है और सीनियर जूनियर के साथ अत्याचार जारी रखे हुए हैं, प्रबंधन केवल वेतन लेकर मौन बैठा है यह आरोप खुलकर लगा रहे हैं अभिभावक,अभिवावकों के अनुसार जवाहर नवोदय विद्यालय में अब कड़े निर्णयों की आवश्यकता है,प्रबंधन को अपने सभी छात्रों के हित अनुसार निर्णय लेने सोचना चाहिए और अपराध से प्रेरित छात्रों को केवल एक दंड बर्खास्त जैसी कार्यवाही से दंडित करना होगा, अभिभावकों ने यह भी कहा कि यदि किसी बच्चे को सीनियर छात्र जान का नुकसान पहुंचा देंगे तब ही क्या बड़ी कार्यवाही होगी,यदि ऐसा है तो फिर जान की गारंटी भी प्रबंधन दे क्योंकि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है।
आरंभ से ही विद्यालय में अनुशासन का विषय रहा है चुनौती से जुड़ा हुआ,अनुसरण भी एक वजह
जवाहर नवोदय विद्यालय बैकुंठपुर में अनुशासन का विषय छात्रों के व्यवहार में अपराधिक प्रवृत्ति का पाया जाना आरंभ से ही जारी है,सूत्रों के अनुसार कई बार छात्रों पर कार्यवाहियां हुईं कई बार छात्र निष्कासित हुए जिन्हें धीरे से बिना बड़ी कार्यवाही विद्यालय से अलग किया गया तब भी छात्रों में क्रमशः अपराधिक प्रवृत्ति का पाया जाना जारी रहा,बताया जाता है यह अनुसरण विषय जैसा है,पूर्व में छात्रों ने जो झेला वह उसका अनुसरण करना सिख गए वैसे ऐसा सभी छात्र नहीं सिखते जिनके भीतर अपराधिक प्रवृत्ति मौजूद रही वह ही सीखते गए और यह एक परम्परा बनती गई,इस परम्परा को तोड़ने किसी ने प्रयास नहीं किया और अब स्थिति पुलिस नियंत्रण जैसी स्थिति तक पहुंच गई। बताया जाता है कि विद्यालय में प्रबंधन का नियंत्रण छात्रों पर बिल्कुल नहीं कायम है वह उन्हीं पर कायम है जो छात्र केवल अध्ययन में ही विशेष रुचि रखते हैं, विद्यालय में अपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों का लगातार होना क्रमशः होना प्रबंधन की पूर्व की चुक है जो अब आज के प्रबंधन के लिए नासूर बन गई है और आज स्थिति विद्यालय प्रबंधन के हांथ से बाहर है।
आपराधिक प्रवृत्ति के छात्रों का बर्खास्त किया जाना ही भविष्य में विद्यालय को अनुशासित माहौल प्रदान कर सकेगा:अभिभावक
एक अभिभावक ने बड़ी विनम्रता साथ ही चिता व्यक्त करते हुए कहा कि जैसी खबरें आईं और जो उनके बच्चों ने बतलाया,सीनियर कुछ छात्र अपराधिक प्रवृत्ति के मालूम पड़ते हैं और वह काफी उद्दंड हैं और वह भय से अलग निडर चरित्र हैं,अभिभावक के अनुसार विद्यालय की साख बचाने विद्यालय में पढ़ने वाले अन्य छात्रों का भविष्य संवारने विद्यालय प्रबंधन को कड़े निर्णय लेना होगा जो लेने की जरूरत भी है जिससे एक मिसाल कायम हो सके और वर्षों से जारी अपराध की कहानी बंद हो,उन्होंने कहा विद्यालय में रैगिंग और वह भी एक अनुशासित साथ ही आवासीय विद्यालय में ऐसा होना कतई स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि हर अभिभावक अपने बच्चे को वहां पढ़ने अच्छे संस्कार की प्राप्ति उद्देश्य से भेजता है और यदि उसका शोषण ही होगा वह अपना भविष्य कैसा पायेगा समझा जा सकता है,अभिभावक के अनुसार अब निलंबन की बजाए सीधे बर्खास्तगी और विद्यालय से बाहर का रास्ता यदि दिखाया जाए अपराधिक प्रवृत्ति वाले छात्रों को तभी अनुसरण की अपराध अनुसरण की यह परम्परा विद्यालय से पलायन कर सकेगी,उन्होंने यह भी कहा वह लाख आश्वासन उपरांत भी चिंतित हैं और वह अपने बच्चे के भविष्य की बजाए उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए उसके जीवन के लिए चिंतित हैं जिसे खतरा महसूस हो रहा है उन्हें।


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