सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का फैसला
नई दिल्ली,19 मई 2025 (ए)। बेंगलुरु के प्रतिष्ठित हरे कृष्ण मंदिर के नियंत्रण को लेकर लंबे समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई का निपटारा हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि बेंगलुरु का प्रसिद्ध हरि कृष्ण मंदिर इस्कॉन सोसाइटी बेंगलुरु का है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने इस्कॉन बेंगलुरु और इस्कॉन मुंबई के बीच लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवाद को समाप्त कर दिया। जिसमें दोनों पक्ष मंदिर और इससे जुड़े शैक्षणिक परिसर के नियंत्रण का दावा कर रहे थे।
जस्टिस एएस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कर्नाटक हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली इस्कॉन बेंगलुरु की याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया, जिसमें पहले मंदिर का नियंत्रण इस्कॉन मुंबई को दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया और 2009 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बहाल कर दिया, जिसमें मंदिर पर इस्कॉन बेंगलुरु के कानूनी अधिकार को मान्यता दी गई थी और इस्कॉन मुंबई के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा दी गई थी।
क्या था पूरा विवाद
कानूनी विवाद ने दो धार्मिक समाजों को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा कर दिया है, दोनों का नाम इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) है और दोनों के आध्यात्मिक मिशन एक जैसे हैं। पदाधिकारी कोडंडाराम दास द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले इस्कॉन बैंगलोर ने 2 जून,2011 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जब हाई कोर्ट ने स्थानीय बेंगलुरु अदालत के एक अनुकूल फैसले को पलट दिया।
