- कैसे चुना गया ऑपरेशन सिंदूर का ऑल पार्टी डेलीगेशन?
- सदस्यों के नाम पर क्यों हो रही राजनीति
नई दिल्ली,17 मई 2025 (ए)। ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई के संदर्भ में मोदी सरकार ने सर्वदलीय प्रतिनिमंडल भेजने का फैसला किया है। सरकार की तरफ से चुने गए सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने वाले हैं। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेगा। वे आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता के देश के मजबूत संदेश को दुनिया के सामने रखेंगे। सरकार के अनुसार प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक को शामिल किया गया है। इससे पहले सरकार ने विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के नाम मांगे थे। इस क्रम में कांग्रेस से भी नाम मांगे गए थे। इसके बाद सरकार ने अपनी तरफ से भी नामों को चुना है। सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों के साथ ही प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक को भी शामिल किया है। ऐसे में राजनीतिक दलों के प्रस्ताव से इतर भी नाम सूची में हैं। शशि थरूर ऐसा ही नाम है जो पार्टी की तरफ से ना होकर सरकार की तरफ से प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा हैं। इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। कांग्रेस से पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के लिए 4 सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा गया। कल 16 मई को दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखकर कांग्रेस की ओर से 4 सांसदों के नाम दिए। कांग्रेस का कहना है कि पार्टी ने थरूर का नाम नहीं दिया था। ऐसे में सरकार ने थरूर का नाम तो प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया लेकिन जो नाम पार्टी की तरफ से दिए गए उन्हें शामिल नहीं किया गया है। जयराम रमेश का कहना है कि गंभीर मामले को लेकर खेल खेला जा रहा है। सरकार डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटी है। ये वादाखिलाफी है।
कांग्रेस को घेरने में जुटी बीजेपी
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस की तरफ से सुझाए गए चार नामों में से दो नाम गौरव गोगोई और सैयद नासिर हुसैन पर आपत्ति जताई है। असम के सीएम और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि सूची में नामित सांसदों में से एक (असम से) ने पाकिस्तान में अपने लंबे समय तक रहने से इनकार नहीं किया है।
सरमा का आरोप है कि वह कथित तौर पर दो सप्ताह के लिए पाकिस्तान में रहा है। उन्होंने आगे कहा कि विश्वसनीय दस्तावेजों से पता चलता है कि उनकी पत्नी भारत में काम करते हुए पाकिस्तान स्थित एक एनजीओ से वेतन ले रही थीं। राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में और दलगत राजनीति से परे, मैं विपक्ष के नेता राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि इस व्यक्ति को ऐसे संवेदनशील और रणनीतिक कार्य में शामिल न करें।
सैयद नासिर हुसैन पर बीजेपी का सवाल
इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नासिर हुसैन को लेकर कहना है कि उनकी राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे थे। बीजेपी का दावा है कि उनके समर्थकों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कूटनीतिक बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कांग्रेस पार्टी के विकल्प न केवल दिलचस्प हैं, बल्कि वे बेहद संदिग्ध भी हैं। उन्होंने लिखा कि भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रतिनिधिमंडल में सैयद नसीर हुसैन को शामिल करना। यह वाकई चौंकाने वाला है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यह उनके समर्थक ही थे जिन्होंने राज्यसभा में उनकी जीत का जश्न मनाते हुए विधान सभा के अंदर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए थे। बेंगलुरु पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट, परिस्थितिजन्य साक्ष्य और गवाहों की गवाही के आधार पर इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
थरूर के नाम पर कांग्रेस को ही घेरा
मालवीय ने थरूर के नाम पर कांग्रेस को ही घेरा। उन्होंने लिखा शशि थरूर की वाकपटुता, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी के रूप में उनके लंबे अनुभव और विदेश नीति के मामलों पर उनकी गहरी अंतर्दृष्टि को कोई नकार नहीं सकता। तो कांग्रेस पार्टी और खास तौर पर राहुल गांधी ने उन्हें विदेश भेजे जाने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में क्यों नहीं शामिल किया, ताकि वे प्रमुख मुद्दों पर भारत की स्थिति स्पष्ट कर सकें? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यह असुरक्षा है? ईर्ष्या है? या फिर ‘हाईकमान’ से बेहतर प्रदर्शन करने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रति असहिष्णुता है?
सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से टीएमसी सांसद का इंकार

केंद्र सरकार सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेशों में भेजकर पाकिस्तान को ातंकवाद पर एक्सपोज करने की योजना बनाई है। इस प्रतिनिधि मंडल का ऐलान होते ही सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। शशि थरूर के नाम को लेकर मामला गर्माया हुआ है। इसी बीच टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से इंकार कर दिया।
दुनिया के सामने खोलेंगे पाकिस्तान की पोल
मोदी की टीम इंडिया में शशि थरूर करेंगे कप्तानी

आपरेशन सिंदूर के बाद आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्तान की करतूतों और उसकी करतूतों को इंटरनेशनल लेवल पर उजागर करने के लिए मोदी सरकार ने स्पेशल टीम गठित की है। कांग्रेस के सीनियर लीडर और सांसद शशि थरूर इस टीम की अगुआई करेंगे। थरूर यूएन में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, ऐसे में उनके अनुभवों को देखते हुए सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल मुहिम चलाने के लिए गठित टीम की बागडोर उन्हें सौंपी है। इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्तान की बेइज्जती और उसकी पोल खोलने की तैयारी है। बताया जा रहा है कि शशि थरूर अमेरिका और यूरोप के कुछ अन्य देशों में जाकर पाकिस्तान की
साजिशों के बारे में पब्लिक ओपिनियन बनाएंगे। टीम के अन्य सदस्य दुनिया के अन्य देशों में जाकर पाकिस्तान की पोल खोलेंगे। टीम के सदस्य दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जाकर पाकिस्तान की ओर से फैलाई जा रही झूठ को उजागर करेंगे और आतंकवादी गतिविधियों में उसकी संलिप्तता के बारे में उन्हें बताएंगे।
टीम में शामिल नेता निशिकांत दुबे
2.बांसुरी स्वराज
3.अनुराग ठाकुर
4.रविशंकर प्रसाद
5.समिक भट्टाचार्य
6.दग्गुबति पुरंदेश्वरी
7.एसएस अहलुवालिया
8.श्रीकांत शिंदे
9.सु्रपिया सुले
10.प्रियंका चतुर्वेदी
11.सस्मित पात्रा
12.विक्रमजीत साहनी
13.शशि थरूर
14.सलमान खुर्शीद
15.कनीमोड़ी
16.जॉन ब्रिट्स
7 जोन तय
अमेरिका
2.यूरोपीय यूनियन
3.साउथ-ईस्ट एशिया
4.मिडिल ईस्ट
5.अफ्रीका
6.ऑस्ट्रेलिया
7.ब्रिटेन