सुरजपुर@देवनगर मंडल अध्यक्ष ने जारी की कार्यकारिणी सूची उसमें मृत व्यक्ति को भी मिल गई जगह

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-शमरोज खान-
सुरजपुर,16 मई 2025 (घटती-घटना)। जिला सूरजपुर में देवनगर भाजपा मंडल की कार्यकारिणी की सूची जारी हुई जैसे ही यह सूची जारी हुई यह सूची विवादों में घिर गई है सोशल मीडिया पर इस सूची ने खूब सुर्खियां बटोरी,सुर्खी बटोरने का कारण सिर्फ इतना था कि पुरानी सूची में ही फेरबदल करने के चक्कर में एक बड़ी गड़बड़ी देखी गई, वह गड़बड़ी यह थी कि जो व्यक्ति इस दुनिया में नहीं है उसे भी देवनगर भाजपा मंडल के कार्यकारिणी में जगह दे दिया गया, अब जैसे ही लोगों का ध्यान उस स्वर्गीय व्यक्ति के नाम पर गया लोगों ने इसे लेकर खूब मंडल अध्यक्ष को ट्रोल करने लगे। पूरा सोशल मीडिया ही उस सूची को लेकर कमेंट से भरा रहा, सोशल मीडिया पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली कुछ ने इस पर कटाक्ष किया तो कुछ इस पर मजा लेते दिखे। जब फजीहत होने लगी तो कुछ का जवाब भी आया कि सूची में प्रिंट मिस्टेक है पर असल वजह तो यही थी कि पुराने सूची में ही फेरबदल करना इन्हें आलोचना का भागीदारी बनना पड़ा, इसके बाद तत्काल ही दूसरी सूची जारी की गई पर इस सूची जारी करने में भी इन्होंने हड़बड़ी दिखाई और उसमें भी यह देखा गया कि जो पहले मंत्री था वह उपाध्यक्ष हो गया और जो उपाध्यक्ष था वह मंत्री हो गया। पहली सूची की बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी सूरजपुर के जिला अध्यक्ष मुरली मनोहर सोनी व देवनगर मंडल के अध्यक्ष अनिल साहू के द्वारा विगत 3 दिनों पहले 13 मई की देर रात 9 बजकर 39 मिनट में देवनगर मंडल कार्यकारिणी की औपचारिक घोषणा करते हुए अधिकृत वाट्सअप ग्रुपों के माध्यम से कार्यकारिणी विस्तार के पत्र का पीडीएफ जारी किया गया था। इस घोषित कार्यकारिणी सूची में पद क्रमांक 2 में लेडुआ निवासी श्री विष्णु साहू को मंडल उपाध्यक्ष के पद की नवीन जिम्मेदारी से नवाजते हुए इनकी नियुक्ति की गई थी। तो वहीं इसी कार्यकारिणी सूची में ही पद क्रमांक 9 में आमगांव निवासी श्री मानिकचंद पोर्ते को मंडल मंत्री के पद की नवीन जिम्मेदारी से नवाजते हुए इनकी भी नियुक्ति की गई थी। एक मृतक व्यक्ति का नाम जुड़ना तो जहां फजीहत कर ही रहा था की जैसी ही दूसरी सूची जारी हुई पद में भी परिवर्तन को लेकर फिर दोबारा जारी सूची भी फजीहत करते दिखे कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के लिए देवनगर मंडल का कार्यकारिणी घोषित करना ही आलोचना का विषय बन गया।
दोनों सूची में ये हैं अंतर
पहली बार जारी सूची में पद क्रमांक 23 में पौड़ी निवासी स्वर्गीय उदित प्रताप सिंह जो काफी पहले मृत घोषित हो चुके है उनको कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया तो वहीं दूसरी बार जारी सूची में पद क्रमांक 23 में ही पौड़ी निवासी स्वर्गीय उदित प्रताप सिंह कि जगह पद क्रमांक 23 में ही पौड़ी निवासी रुद्र प्रताप सिंह को कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है। इन दोनों सूची में मृत कार्यकर्ता को कार्यकारिणी सदस्य घोषित करने के साथ-साथ त्रुटि सुधार की आड़ में मनमानी और प्रमोशन-डिमोशन का भी खुला खेल देखने को मिला।
क्या नशे में थे या नींद आ गई थी?
क्या नशे थे या नींद में या आंख बंद कर घोषित हुई थी सूची या टाइप होने के बाद सूची को जिम्मेदार जिलाध्यक्ष या मंडल अध्यक्ष ने एक बार सूची को देखा या पढ़ा ही नहीं था या फिर ये कहे कि दोनों अध्यक्षों ने आंख बंद कर अपने हस्ताक्षर मार दिए थे। कुल मिलाकर 15 घंटों में 2 बार सूची जारी की गई जिसमें किसी मृत कार्यकर्ता को कार्यकारिणी सदस्य, तो वहीं किसी कार्यकर्ता को पहले प्रमोशन तो वहीं किसी कार्यकर्ता का बाद में डिमोशन भी किया गया।


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