- गजब विडंबना है आरोपी की शिकायत पर जांच हो जाती है और फरियादी की शिकायत जस की तस जैसा तस्वीर
- आरोपी की हुई शिकायत पर जांच से ही पता चला कि पुलिस ने जो दस्तावेज मांगे थे वह आरोपी के ही विरुद्ध हैःसूत्र
- आरटीआई से निकली जानकारी, जिस पत्र को कूटरचित बताया वो भी एसपी कार्यालय से मिला।
–ओंकार पाण्डेय –
सूरजपुर 26 दिसंबर 2024 (घटती घटना)। सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल ने पूर्व में शिकायत की थी कि कोरिया के तत्कालीन डीपीएम की डिग्री फर्जी है उसेके विरोध में प्रभारी डीपीएम ने सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल के विरुद्ध शिकायत करके यह कहा था कि वह कूटरचित रिजल्ट व डिग्री वायरल कर रहा है उसके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए यह शिकायत सूरजपुर जिले में की गई थी पर प्रार्थी की शिकायत पर जांच तो नहीं हुई पर आरोपी के शिकायत पर पुलिस ने जांच करते हुए कूटरचित दस्तावेज की जांच करने लगी उस जांच में पुलिस ने यूनिवर्सिटी तक से जानकारी मंगाई उसे जानकारी में बहुत चीज मिले हैं जिससे यह साबित होता है कि वाकई में प्रभारी डीपीएम की डिग्री व रिजल्ट मामले में कुछ ना कुछ गड़बड़ है। यह जानकारी समाजसेवी संजय जायसवाल ने आरटीआई के तहत निकाली जिसमें यह बात पता चला कि संजय जयसवाल की शिकायत की जांच नहीं हो रही थी जांच हो रही थी डॉक्टर प्रिंस जायसवाल प्रभारी डीपीएम की जिसने संजय जयसवाल पर आरोप लगाया था कि उनके द्वारा झूठी शिकायत की जा रही है वह फर्जी कूटरचित रिजल्ट व डिग्री वायरल किया जा रहा है। जिसे लेकर दस्तावेज होने का परिणाम कोरिया जिले के तत्कालिन डीपीएम व वर्तमान में सुरजपुर के प्रभारी डीपीएम खुद को आयुवेर्दिक चिकित्सक बताने वाले प्रिंस जायसवाल के खिलाफ एक बार फिर सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, डीजीपी, मिशन संचालक एनएचएम, कलेक्टर सुरजपुर, एसपी सुरजपुर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुरजपुर को शिकायत की है इस शिकायत में उन्हें आरटीआई से मिली जानकारी देकर प्रिंस जायसवाल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है।
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल का कहना है कि उन्हें सूचना के अधिकार के तहत 27 पृष्ठ की जानकारी प्राप्त हुई है, जिसमें यह साफ हो गया है कि प्रिंस जायसवाल की डिग्री फर्जी है, जिस पर सुरजपुर पुलिस किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं कर रही है, मेरे द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी से कार्यवाही करने का आग्रह किया है। कार्यवाही नहीं होने पर मुझे माननीय न्यायालय की शरण लेनी होगी। दरअसल,सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल ने 23 फरवरी 2024 को स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम के मिशन संचालक को सुरजपुर के प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल की एमपीएच रेगूलर की डिग्री न होने की शिकायत की थी, उसके बाद 21 मई 2024 को कलेक्टर व एसपी सुरजपुर को सुरजपुर के प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल की एमपीएच रेगूलर की डिग्री की जांच कर एफआईआर दर्ज करने की शिकायत की। जिसके बाद 12 जुलाई 2024 को उनका बयान दर्ज किया गया और साबरमती यूनिवर्सिटी (कैलरेक्स टिचर यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद को मेल से मामले में जवाब मांगा गया। साबरमती यूनिवर्सिटी (कैलरेक्स टिचर यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद द्वारा पुलिस अधीक्षक सुरजपुर को पत्र प्रेषित कर डिग्री को फर्जी बताया।
प्रार्थी की शिकायत पर जांच नहीं
समाजिक कार्यकर्ता श्री जायसवाल की माने तो जब साबरमती यूनिवर्सिटी (कैलरेक्स टिचर यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद द्वारा पुलिस अधीक्षक सुरजपुर को पत्र के द्वारा यह सूचित किया गया कि उनके यहां प्रिंस जायसवाल के नाम से कोई विद्यार्थी का रिकार्ड नहीं है और वो उनकी यूनिवर्सिटी का छात्र नहीं है। ऐसा पत्र सोशल मीडिया मे वायरल भी हो गया, तब सुरजपुर पुलिस को प्रिंस जायसवाल ने सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल के नाम षिकायत की, कि संजय जायसवाल द्वारा कूटरचित दस्तावेज से उनकी छवि का धूमिल किया जा रहा है। हैरानी की बात यह कि सुरजपुर पुलिस ने संजय जायसवाल की षिकायत पर जांच नही की, परन्तु प्रिस जायसवाल की शिकायत पर जांच शुरू की और जांच के लिए कुछ पुलिसकर्मियों को अहमदाबाद तक भेजा।
जिसे कूटरचित बताया वो पुलिस के पास से निकला
सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायसवाल ने उनकी शिकायत पर हुई कार्यवाही की मांग सूचना के अधिकार के तहत की, परन्तु कोई दस्तावेज नहीं मिले, क्योंकि पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई एक्षन नहीं लिया था परन्तु जब प्रिंस जायसवाल की शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी उन्होने आरटीआई से मांगी तो 27 पूष्ट की जानकारी प्राप्त हुई, जिस साबरमती यूनिवर्सिटी (कैलरेक्स टिचर यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद के पत्र को प्रिंस जायसवाल कूटरचित बता रहा था वह पत्र भी सुरजपुर पुलिस के पास से निकला, वो उन्हें आरटीटाई के तहत प्राप्त हुआ। इसके साथ कई दस्तावेज मिले जिससे साफ होता दिख रहा है कि प्रिस जायसवाल की डिग्री फर्जी है। आरटीआई में मिली जानकारी में प्रिस जायसवाल की एमपीएच रेगूलर की डिग्री को साबरमती यूनिवर्सिटी (कैलरेक्स टिचर यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद के डायरेक्टर कांट्रोलर ऑफ एक्जामिनेषन ने नॉट वेरिफाईड लिखा है।
एक लैटर पोस्ट के जरीए आया
जब सामाजिक कार्यकर्ता ने एमडी एनएचएम के डिग्री की जांच के लिए पत्र लिखा था तो एमडी एनएचएम को एक पत्र साबरमती यूनिवर्सिटी (कैलरेक्स टिचर यूनिवर्सिटी) अहमदाबाद का एक पत्र डाक से एमडी एनएचएम को प्राप्त हुआ। जिसमें डिग्री को सही बताया गया है। जबकि दोनो लैटर पैड में जमीन आसमान का अंतर है। डाक से प्राप्त पत्र एकदम अलग तरह का देखा जा रहा है। उन्होने यह भी मुख्यमंत्री से मांग की है कि डाक से भेजे गए पत्र की भी गंभीरता से जांच की जाए।
करेगें मानहानी का मामला दायर
सामाजिक कार्यकर्ता संजय जायाववाल की माने तो अब यह तय हो चुका है कि प्रिंस जायसवाल की डिग्री फर्जी है। कार्यवाही के साथ वो भी मानहानि करने की तैयारी में है। उनका कहना है कि वो 25 लाख की मानहानि करेगें। आपको बता दे घटती घटना अखबार कांग्रेस के कार्यकाल में कोरिया जिले में पदस्थ तत्कालिन सीएमएचओ डॉ आरएस सेंगर और प्रभारी डीपीएम प्रिंस जायसवाल के द्वारा बरती गई अनियमितताओं को लेकर प्रमुखता के साथ खबरें प्रकाशित करता आया है। कांग्रेस सरकार में दोनों ने जमकर ना सिर्फ सरकारी कामकाज में वित्तीय अनियमितताएं की बल्कि मीडिया का मुंह बंद करने के लिए उन्हें नोटिस तक थमाया, परन्तु अब आरटीआई से मिलने वाली जानकारियों से दोनों के क्रियाकलापों की तस्वीर साफ होती जा रही है और घटती घटना की खबरों की पुष्टि होती जा रही है।