नागपुर,14 सितम्बर 2025 (ए)। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर के एक कार्यक्रम में इथेनॉल मिले पेट्रोल विवाद पर टिप्पणी की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक पेड और राजनीतिक रूप से प्रेरित सोशल मीडिया अभियान है। कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने कहा कि उनका दिमाग 200 करोड़ रुपये प्रति माह का है और वे ईमानदारी से कमाते हैं,इसलिए धोखाधड़ी की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने बेटों के कारोबार को वैध बताते हुए स्पष्ट किया कि वे किसी भी तरह के फायदे के लिए नीतियां नहीं बनाते। उन्होंने आगे कहा…मेरे पास पैसे की कमी नहीं है। मुझे पता है कि पैसे कहां से ईमानदारी से कमाना है। मेरे बेटे ने ईरान से 800 कंटेनर सेव लाकर 1000 कंटेनर केले वहां भेज दिए। गडकरी ने कहा- मैं अपने बेटों को विचार देता हूं, लेकिन धोखाधड़ी नहीं करता। मेरा चीनी कारखाना,डिस्टिलरी और पावर प्लांट है, लेकिन मैं कृषि में व्यक्तिगत लाभ के लिए प्रयोग नहीं कर रहा हूं। भारत में हाल के हफ्तों में इथेनॉल मिले पेट्रोल (ई20) की अनिवार्य बिक्री को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी खूब आलोचना की। वाहन मालिकों का दावा है कि यह ईंधन माइलेज कम करता है और पुराने वाहनों को नुकसान पहुंचाता है।
क्या होता है एथेनॉल : एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाडि़यों में इको-फ्रैंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।
1त्र एथेनॉल : फर्स्ट जनरेशन एथेनॉल गन्ने के रस, मीठे चुकंदर, सड़े आलू, मीठा ज्वार और मक्का से बनाया जाता है।
2त्र एथेनॉल : सेकेंड जनरेशन एथेनॉल सेल्युलोज और लिग्नोसेल्यूलोसिक मटेरियल जैसे- चावल की भूसी, गेहूं की भूसी, कॉर्नकॉब (भुट्टा), बांस और वुडी बायोमास से बनाया जाता है।
3त्र बायोफ्यूल : थर्ड जनरेशन बायोफ्यूल को एलगी से बनाया जाएगा। अभी इस पर काम चल रहा है।
अप्रैल से देश में बिक रहा श्व-20 पेट्रोल
पेट्रोल-डीजल गाडि़यों से होने वाले एयर पॉल्यूशन को रोकने और फ्यूल के दाम कम करने के लिए दुनियाभर की सरकारें एथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल पर काम कर रही हैं। भारत में भी एथेनॉल को पेट्रोल-डीजल के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इससे गाडि़यों का माइलेज भी बढ़ेगा।
देश में 5′ एथेनॉल से प्रयोग शुरू हुआ था जो अब 20′ तक पहुंच चुका है। सरकार अप्रैल के महीने में नेशनल बायो फ्यूल पॉलिसी लागू कर श्व-20 (20′ एथेनॉल + 80′ पेट्रोल) से श्व-80 (80′ एथेनॉल + 20′ पेट्रोल) पर जाने के लिए प्रोसेस शुरू कर चुकी है। इसके अलावा देश में अप्रैल से सिर्फ फ्लेक्स फ्यूल कंप्लाइंट गाडि़यां ही बेची जा रही हैं। साथ ही पुरानी गाडि़यां एथेनॉल कंप्लाएंट व्हीकल में चेंज की जा सकेंगी,
