लेख@ ट्रंप को मिला मुंह तोड़ जवाब

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भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने संबंध सुधारने के लिए अन्य देशों के साथ-साथ अमेरिका की इतनी यात्रा नहीं की। अपने 11 साल के शासन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी 11 बार अमेरिका गए उनकी और राष्ट्रपति ट्रंप की निकटतम मित्रता भारत में ही नहीं बल्कि जग जाहिर थी। फिर ऐसा क्या हो गया की दोनों लोकतांत्रिक देश के प्रमुखों में इतनी कटुता हो गई के ट्रंप भारत पर 50त्न टैरिफ लगाने और रूस से पेट्रोल मंगवाने पर पेनल्टी लगाने के लिए मजबूर हो गए ऐसा क्या हो गया कि यह जानते हुए भी पाकिस्तान चीन के नजदीक है भारत और पाकिस्तान में पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों में संघर्ष को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान का पक्ष लिया और पाकिस्तान के सेवा प्रमुख, आसिफ मुनीर को अमेरिका में लंच पर बुलाया यह जानते हुए कि भारत में पहलगाम में आतंकी त्रासदी के लिए वही आदमी जिम्मेदार है । इतना ही नहीं पाकिस्तान भारत सैनिक संघर्ष में चीन तथा तुरकिया ने पाकिस्तान का साथ दिया अमेरिका फर्स्ट इस नीति को ध्यान में रखते हुए ट्रंप ने अलग-अलग देशों पर टैरिफ नीति के द्वारा आक्रमण किया जो देश ट्रंप की नीतियों का अनुसरण नहीं करते थे उन पर भारी तारीफ लगा दिया। कनाडा ब्राज़ील यूरोपीय देश जापान चीन आदि ने ट्रंप को टैरिफ नीति को लेकर मुंह तोड़ जवाब दिया भारत पर सबसे ज्यादा 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया ट्रंप ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि भारत रूस से भारी मात्रा में तेल तथा हथियार मंगवाता है जिसकी सहायता से रूस यूक्रेन पर युद्ध धोंप‌ दिया जिसके कारण यूक्रेन में हजारों लोग मर रहे हैं । पूछा जा सकता है कि अमेरिका भी तो रूस के साथ कई वस्तुओं का व्यापार कर रहा है तो भारत की तरह वह भी तो रूस की यूक्रेन के खिलाफ मदद कर रहा है। अमेरिका ने चीन पर टैरिफ न केवल कम कर दिया है बल्कि ट्रंप चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलने के लिए अमेरिका भी जा रहे हैं कुछ लोगों का यह सोचना है कि अमेरिका द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लगाने और रूस के द्वारा भारत को तेल बेचने कोलेकर पेनल्टी लगाने से भारत की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। औइसमें कोई शक नहीं लेकिन अमेरिका भारत को समय-समय पर परेशान करता रहा है ।1971 में जब बांग्लादेश का निर्माण हुआ श्रीमती इंदिरा गांधी तथा वाजपेई जी के शासनकाल में जब हमने परमाणु परीक्षण किया तब भी भारत के ऊपर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। भारत ने सभी स्थितियों का बहादुरी से मुकाबला किया अब भी भारत ट्रंप की दादागिरी की हवा निकाल देगा भारत रूस तथा चीन अगर आपस में मिल जाते हैं और ब्रिक्स देश अगर मिलजुल कर व्यापार करते हैं तो इससे विश्व में डॉलर का महत्व कम हो जाएगा। भारत ने कुछ समय पहले इंग्लैंड के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है जो की भारत के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि उसमें भारतीय माल पर 95 प्रतिशत कोई शुल्क नहीं लगेगा। भारत को चाहिए की विश्व व्यापार संघ की सहायता से अन्य देशों के साथ भी इंग्लैंड की तर्ज पर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करें जो व्यापार अमेरिका के साथ हो रहा है और उसे पर अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने से बुरा प्रभाव पड़ेगा उसके लिए भारत छोटे-छोटे देशों में बाजार की तलाश करें और व्यापारिक समझौते करें अमेरिका को यह नहीं सोचना चाहिए कि भारत पर टैरिफ लगाकर या भारतीय लोगों को अमेरिका में काम से निकाल कर भारत को नुकसान पहुंचेगा इस सारे का अमेरिका पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि भारतीय लोगों का अमेरिका की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है! भारत को चाहिए कि अमेरिका के साथ सभी सामरिक तथा व्यापारिक समझौते रद्द कर दे। हवाई जहाज मंगवाने का समझौता भी रद्द कर दे अरब देशों के साथ संबंध सुधार कर उनके साथ व्यापार ज्यादा करें। प्रधानमंत्री मोदी को चाहिए कि अमेरिका को उसी दृढ़ता से जवाब दे। जैसे की 1971 में बांग्लादेश के निर्माण के समय श्रीमती इंदिरा गांधी ने निक्सन को दिया था भारत को रूस के साथ संबंध और सुधारने चाहिए यह हमारा सबसे नजदीकी और ईमानदार देश है ट्रंप को जवाब के तौर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन जा रहे हैं और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के भी भारत में आने की संभावना है। भारत को चाहिए की स्थिति का बहादुरी के साथ मुकाबला करें और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की कोशिश करें लेकिन अन्य देशों की तरह चीन के कर्ज जाल में न फंसे मुसीबत कोई भी आए रास्ते तो हमेशा और भी होते हैं।


प्रोफेसर शाम लाल कौशल
रोहतक-124001( हरियाणा)


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