अम्बिकापुर,16 जुलाई 2025 (घटती-घटना)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन करते हुए कलेक्टोरेट का घेराव किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित इस रैली में कर्मचारियों ने बरसते पानी में छाता ओढकर पैदल मार्च किया और नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे, जहां उन्होंने नायब तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में संविलियन,स्थायीकरण,समान कार्य के लिए समान वेतन,ग्रेड पे व्यवस्था लागू करना, पारदर्शी कार्य मूल्यांकन प्रणाली, स्थानांतरण नीति और कैशलेस चिकित्सा बीमा शामिल हैं। एनएचएम कर्मचारी लंबे समय से वर्ष 2018 की मानव संसाधन नीति के तहत कार्यरत हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे राज्य के स्वास्थ्य ढांचे की रीढ़ हैं और कोविड काल जैसी विषम परिस्थितियों में भी निरंतर सेवा दी,लेकिन इसके बावजूद उन्हें संविदा के तहत अस्थिर भविष्य में कार्य करना पड़ रहा है। संघ की जिला अध्यक्ष शिल्पी राय ने मांग की कि शिक्षा विभाग की तर्ज पर एनएचएम कर्मचारियों का भी संविलियन किया जाए और जब तक स्थायीकरण की नीति नहीं बनती, तब तक नियमित भर्तियों में 50 प्रतिशत पद उनके लिए आरक्षित किए जाएं। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों—मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा—की तरह छत्तीसगढ़ में भी एनएचएम कर्मचारियों के लिए ग्रेड पे व्यवस्था लागू होनी चाहिए, जिससे वेतन विसंगतियों को दूर किया जा सके। कर्मचारियों ने यह भी मांग की कि कार्य मूल्यांकन प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाए, ताकि किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत दुर्भावना का असर प्रदर्शन पर न पड़े। साथ ही अनुकंपा नियुक्ति, सवैतनिक चिकित्सा अवकाश, संतान पालन अवकाश तथा अर्जित अवकाश जैसी सुविधाएं भी नियमित कर्मियों की तरह दी जाएं। उन्होंने पçलक हेल्थ कैडर के गठन की मांग करते हुए बताया कि इससे क्लिनिकल और मैनेजमेंट कैडर के एनएचएम कर्मियों को स्थायित्व मिलेगा और स्वास्थ्य व्यवस्था में पेशेवर गुणवत्ता बढ़ेगी।
