
अंबिकापुर,28 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। नगर निगम के समान्य सभा की बैठक सोमवार को सरगुजा सदन में हुई। महापौर मंजूषा भगत ने प्रस्तावित वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। जो कि दो करोड़ घाटे का बजट है। वहीं चुनाव जीतने के बाद महापौर ने निगम को शुद्धिकरण कराए जाने की बात कही थी। महापौर के इस बयान को लेकर विपक्ष ने सामान्य सभा की बैठक में काली पट्टी लगाकर विरोध जताया। वहीं सामान्य सभा की पहली बैठक में सरगुजा सांसद चिंतामणि माहराज भी पहुंचे। उन्होंने हर संभव मदद करने का भरोसा जताया।
नगर निगम की समान्य सभा की पहली बैठक सोमवार को सभापति हरमिंदर सिंह टिन्नी के नेतृत्व में हुई। समान्य सभा दोपहर 12 बजे आयोजित की गई। बैठक में विपक्ष द्वारा काली पट्टी बांधकर विरोध जताया गया। विपक्ष का कहना था कि निगम चुनाव जीतने के बाद महापौर मंजूषा भगत ने गिनम में पहली हिंदू महापौर बनने व निगम को शुद्धिकरण कराने की बात कही थी जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने निगम की पहली बैठक में ही विरोध जताया। इस मुद्दे को जब नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने उठाया तो महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि मेरे द्वारा ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। मैं अपने बयान से किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहती थी। महापौर के इस बात से सहमत होकर विपक्षी नेताओं ने अपनी काली पट्टी उतार दी। नगर निगम में नियमित व प्लेसमेंट कर्मचारियों की संख्या कितनी है इसकी जानकारी को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने सवाल लगाया था। जिसपर ज्ञात हुआ कि निगम में 343 प्लेसमेंट कर्मचारी हैं। सत्ता पक्ष के पार्षद आलोक दुबे ने कहा कि प्लसेमेंट कर्मचारियों से काम कराया जाए। इनसे अधिकारियों के घरों की सजी व गाड़ी धुलाए जाने की पारिपाटी बंद होनी चाहिए। एक-एक विभाग में आधा दर्जन से अधिक प्लेसमेंट कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। इनसे क्या काम लिया जा रहा है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। जबकि प्लेसमेंट कर्मचारियों को हर महीने 10 हजार वेतन निगम द्वारा दिया जाता है। जाकि महीने का 35 लाख से अधिक है। नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने भी समति जाहिर करते हुए कहा कि निगम के नियमित व प्लेसमेंट कर्मचारियों की जानकारी सभी 48 पार्षदों को होनी चाहिए। ताकि विकास कार्य असानी से हो सके। वहीं उन्होंने कहा कि विकास कार्य के लिए मैं पूरी तरह से सत्ता पक्ष के साथ रहूंगा। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत एनएच व पीडल्यूडी की सडक भी गुजरी है। जो कि मरम्मत कार्य कराने में परेशानी होती है। निगम पीडल्यूडी व एनएच की सडक को मरम्मत नहीं करा पाती है। ऐसे स्थिति में महापौर मंजूषा भगत ने कहा कि अगर एनएच व पीडल्यूडी की सडक निगम के अंडर में ले लिया जाता है तो मरम्मत कार्य असान हो जाएगी। इसके लिए एनएच व पीडल्यूडी विभाग से चर्चा कर प्रक्रिया शुरू किए जाने की बात कही गई। वहीं महापौर ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि निगम के कांग्रेस शासन काल में बनाई गई सडकें गुणवगुडवत्ता विहीन थी जो काफी कम समय में खराब हो जाती थी। इस पर निगम नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने विरोध जताते हुए कहा कि महापौर गरिमा का पद है इस तरह का भेदभाव ठीक नहीं है। हमलोगों द्वारा निगम क्षेत्र के लगभग 25 प्रतिशत सडकों का निर्माण कराया गया है। जो गुणवत्तापूर्ण था। कुछ सडकें गुणवत्ताविहीन पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। जिसका आज तक पेमेंट नहीं हो सका है।
बजट दो करोड़ केघाटे का अनुमान
महापौर मंजूषा भगत ने अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। उन्होंने बताया कि, 6 अरब 94 करोड़ 6 लाख रुपए आय के विरुद्ध 6 अरब 96 करोड़ 4 लाख रुपए व्यय का अनुमान पेश जाएगा। निगम को 1 करोड़ 98 लाख 21 हजार रुपए घाटे का अनुमान है। बजट में अधोसंरचना मद, स्व‘छता प्रबंधन, महामाया कारीडोर निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों की घोषणा होगी।- सांसद चिंतामणि पहुंचे सामान्य सभा में
- नगर निगम की सामान्य सभा में सांसद चिंतामणि महाराज भी पहुंचे। महापौर मंजूषा भगत सहित नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने सांसद का स्वागत किया। शफी अहमद ने कहा कि पूर्व के 10 सालों में निगम को सांसद मद से राशि नहीं मिली। सांसद चिंतामणि महाराज कुछ राशि नगर विकास के लिए जरूर देंगे। शहर की खराब सडकों को सुधारने के लिए पहल की मांग भी शफी अहमद ने रखी। वहीं चिंतामणि महाराज ने कहा कि मैं अपनी राजनितिक काल में किसी भी चीज के लिए घोषणा नहीं किया है। आज भी मैं घोषणा नहीं कर रहा हूं। पर हर संभव मदद दिलाने का भरोसा जताया।