अंबिकापुर,22 नवम्बर 2023 (घटती-घटना)। नगर के सरस्वती महाविद्यालय सुभाषनगर में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी पर आंवला वृक्ष की पूजा करके इसके वृक्ष के नीचे खिचड़ी बनाकर भंडारा आयोजित किया गया। आंवला वृक्ष की पूजा सुख समृद्धि के लिए की जाती है। डॉ. बीपी तिवारी ने कहां की आंवला नवमी पर आंवला के वृक्ष की पूजा और इस वृक्ष के नीचे भोजन करने की प्रथा माता लक्ष्मी ने शुरू की। प्रचलित कथा के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आई। रास्ते में भगवान विष्णु और शिव की पूजा एक साथ करने की इच्छा हुई। कहा जाता है कि तुलसी और बेल के गुण एक साथ आंवला में पाए जाते हैं। तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और बेल शिव को। आंवला के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक चिन्ह मानकर मां लक्ष्मी ने आंवला के वृक्ष की पूजा की, तब से आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करना शुभ माना जाता है। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक ऋषि सिंह, प्रवीण शर्मा, मलय दास, कृष्ण कुमार त्रिपाठी सहित समस्त कर्मचारियों की उपस्थिति रही।
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