अम्बिकापुर@विशेष पिछड़ी पण्डो जनजाति के लोगों को

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स्वच्छता व अंधविश्वास को लेकर कर रहा जागरूक

अम्बिकापुर 11 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में टेक्निशियन के पद पर पदस्थ उदय पंडो अस्पताल में पहुंचे सरगुजा में संभाग के सभी जिलों से विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार- पण्डो , पहाड़ी कोरवा, कोरवा-कोड़ाकू , बिरहोर एवं अन्य समाज के गरीब परिवार जरूरतमंद लोगों स्वच्छता की जानकारी दे रहा है।अस्पताल में भर्ती गरीब परिवार के मरीजों- परिजनों एवं अनभिज्ञ परिवारों को डिटोल, साबुन, डिटर्जेंट पाउडर वितरण कर स्वच्छता के लिए हैंडवाश करने व उससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दे रहा है। शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में पूरे संभाग से इलाज कराने पहुंचते हैं। अस्पताल में भर्ती मरीजों की देख रेख के दौरान परिजनों का तबीयत खराब होने लगता है। मरीज के परिजन अक्सर संक्रमित होकर उल्टी-दस्त से पीडि़त हो जाते हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। इसका कारण यह सामने आया है कि जागरुकता के अभाव में गरीब मरीज व उनके परिजन समय -समय पर हाथ धोना, हैंडवाश नहीं कर पाते हैं इस कारण अस्पताल में रहने के कारण बीमार पड़ जाते हैं। उदय पण्डो ग्राम पंचायत बिरेंद्र नगर एवं बैकुंठपुर वाड्रफनगर ब्लॉक जिला-बलरामपुर-रामानुजगंज में जन-जागरूकता शिविर आयोजित कर पण्डो विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को शासन के सभी योजनाओं को लाभ उठाने के लिए बताया गया। बीमार पडऩे पर गांव में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों, उप स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर इलाज कराने के लिए प्रेरित किया गया। बीमार पडऩे पर स्वयं से झाड़ फूंक, जड़ी-बूटी से इलाज करने पर रोक लगाने के लिए कहा और समय से सरकारी अस्पतालों में पहुंच कर चिकित्सकों के सलाह से इलाज कराने हेतु जागरुक किया जा रहा है। पंडो जनजाति लोगों को कोरोना टीका लगवाने के लिए भी प्रेरित किया गया। उदय पंडो द्वारा गांव में जाकर पंडो जानजाति के लेगों को टीकाकरण के लिए जागरूक कर उनके बीच अफवाहों को दूर किया। ग्रामीण क्षेत्रों में पीछड़ी विशेष जनजाति के लोगों के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर भी कई तरह के अभवा बना हुआ है। इसे लेकर भी उदय पंडो द्वारा जागरुक किया गया। पंडो विशेष जनजाति काफी गरीब हैं और पढ़े लिखे नहीं होते हैं। इनके बीच जागरुकता का अभाव है। ये बीमार पडऩे पर तत्काल डॉक्टर से इलाज कराने के बजाए अंधविश्वास में पड़कर झाड़ फूंक कराने लगते हैं। इस कारण बीमारी गंभीर बन जाती है और इनकी जाने जा रही है। पिछले दो माह के अंदर 15 से ज्यादा लोगों की मौत के मामले सामने जाए हैं। ये सभी मौत का कारण अंधविश्वास व समय पर उपचार नहीं कराने की बात सामने आई है।


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