बैकु΄ठपुर@जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह ने मनरेगा अधिकारी पर लगाया बड़ा आरोप

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सहायक परियोजना अधिकारी की शिकायत करते हुए कमीशन खोरी का लगाया आरोप


-रवि सिंह-


बैकु΄ठपुर 10 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप है परियोजना अधिकारी निजी लाभों को देखकर कार्य करते हैं जिला पंचायत के सदस्यों ने भी हस्ताक्षर कर इसकी शिकायत मुख्यमंत्री, कलेक्टर व जिला पंचायत सीईओ से की है। कोरिया जिला पंचायत अध्यक्ष रेणुका सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है की कोरिया जिले में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी आरिफ रजा मनरेगा में पिछले 10 वर्षों से एक ही स्थान में अंगद की पांव की तरह जमे हुए है। विभागीय अधिकारियों से सांठ-गांठ करते हुए जमकर कमीशन खोरी इनके द्वारा की जाती है, स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सभी अनुरोध को ताक में रखकर मनमानी से यह कार्य करते है। परियोजना अधिकारी के सह पर कुछ नामचीन कर्मचारी खुलेआम भ्रष्टाचार कर शासकीय योजना में प्राप्त राशि का बंदरबाट कर अपना जेब भरने पर लगे हुए है। जिले में मनरेगा में संचालित कार्यो पर सीधे हस्ताक्षेप कर जिले के परियोजना अधिकारी कमीशन प्राप्त कर खुले तौर पर अधीनस्थ कर्मचारियों से कार्य कराते है। शिकायत होने की स्थिति में रफा-दफा कर मोटी अवैध वसूली कर रहे है। पदस्थ परियोजना अधिकारी को किसी अन्य जिले में स्थानांतरित किया जावे, ताकि जिले में मनरेगा कार्यों के संचालन में कुछ सुधार पारदर्षिता निहित हो सके।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा है कि जिला पंचायत कोरिया में पदस्थ सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा आरिफ रजा के द्वारा लगातार मेरे निर्देषों एवं सुझावों की अवहेलना किया जाता रहा है मेरे द्वारा सैकडो प्रेषित पत्रों के संबंध में पहल नही किया गया है। सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा के द्वारा जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों में पदस्थ मनरेगा के कनिष्ठ कर्मचारियों को भ्रष्टाचार करने में सह दिया जा रहा है। कई बार मेरे स्वयं के द्वारा मनरेगा योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही के निर्देषों पर भी कोई प्रतिक्रिया नही किया गया, यहां तक की शिकायतों पर कार्यवाही करने के बजाय सीधे कर्मचारियों को बुलाकर संरक्षित करने तक का भरोसा आरिफ रजा के द्वारा दिया जाता है। साथ ही जिले के कई ग्राम पंचायतों से मजदूरी भुगतान की शिकायत का भी निराकरण नही किया गया है, जिससे ग्रामीणजनों एवं मनरेगा में कार्य करने वाले मजदूरों का जनप्रतिनिधि (यथा जिला पंचायत सदस्यों) से भरोसा समाप्त होने के स्थिति बन रही है। मेरे सामान्य जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत मेन्ड्रा, कसरा, मुरमा, खडगवां क्षेत्र के कई ग्राम पंचायत, बैकुण्ठपुर जनपद के कई ग्राम पंचायतों के प्राप्त मजदूरी भुगतान की शिकायतों पर मनरेगा के परियोजना अधिकारी के द्वारा कोई भी कार्यवाही नही करते हुए, पत्रों को ठंडे बस्ते में फेककर जिला पंचायत के अध्यक्ष, (राज्यमंत्री दर्जा) व अन्य सदस्यों जैसे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की लगातार अवहेलना करना कतई स्वीकार नही होनी चाहिए। उक्त तथ्यों के कई पुख्ता सबूत कार्यालय में संधारित है जिसे आवश्यकता पडने पर प्रस्तुत किया जा सकता है। हस्ताक्षरकर्ता के कार्यालय से कई प्रेषित पत्रों का कोई जवाब प्रस्तुत नही करना, ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यो की मांग पर आज पर्यन्त तक कोई कार्यवाही आरिफ रजा के द्वारा नही किया गया। जिला पंचायत के अध्यक्ष सदस्यों को आज पर्यन्त तक स्वीकृत कार्यो की जानकारी नही दिया गया, यहां तक कि स्वीकृति आदेश के प्रतिलिपि में नाम दर्ज होने के बाद हम सभी जनप्रतिनिधियों को एक भी प्रति उपलब्ध नही कराया गया। इस प्रकार के कृत्य जानबूझ साजिश के तहत् परियोजना अधिकारी आरिफ रजा के द्वारा किया गया है। जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर के ग्राम पंचायत रटगा में परियोजना अधिकारी के सगे संबंधी ग्राम पंचायत सचिव एवं सगे संबंधी ठेकेदार मित्र होने के कारण अन्य ग्राम पंचायतों के अनुपात में ज्यादा मटेरियल वाले कार्यों की स्वीकृति की गई है, और जमकर शासन के मनरेगा मद की राशि को अपने सगे संबंधी को लाभ पहुचाते हुए भ्रष्टाचार किया गया है, इसका प्रमाण आपको ऑन लाईन के माध्यम से ग्राम पंचायत रटगा के कार्यों की स्वीकृति पिछले 04-05 वर्षों से किया जा सकता है। अतः इस प्रकार के मनरेगा परियोजना अधिकारी के द्वारा अपने कार्य दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही, भ्रष्टाचार करने वाले कर्मचारियों को सह प्रदाय कर उनके शिकायतों पर पर्दा डालकर उच्चाधिकारी को गुमराह करने वाले मनरेगा अधिकारी, जिले के कुछ ग्राम पंचायतों में सामुदायिक ठेकेदारों वाले पंचायत में अत्याधिक कार्यों की स्वीकृति कर व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने वाले मनरेगा अधिकारी, जनप्रतिनिधियों के निवेदन पर कोई उचित पहल/कार्यवाही नही करने वाले मनरेगा अधिकारी, कार्यो की स्वीकृति में मनमानी एवं भेदभाव करते हुए, फाईल प्रस्तुत करने वाले मनरेगा अधिकारी 08-10 वर्षों से पदस्थ होकर भेदभाव से कार्यवाही करने वाले मनरेगा अधिकारी को हटाने की मांग जिला पंचायत अध्यक्ष ने की है। शिकायत पर जिला पंचायत सीईओ ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही।


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