संघर्ष समिति ने 2 दिनों में 70 किलोमीटर का सफर किया तय…अभी भी मंजिल 280 किलोमीटर दूर

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चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने मिलकर मांग रखेगे संघर्ष सामिति के सदस्य


चिरमिरी को जिला मुख्यालय बनाने हेतु पद यात्रा,350 किमी की सत्याग्रह पद यात्रा कर सीएम का आभार व्यक्तकरेगे

बैकु΄ठपुर 27 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)। जिला मुख्यालय चिरीमिरी को बनाने के लिए संघर्ष समिति ने पदयात्रा शुरू कर दी है यह पद यात्रा 350 किलोमीटर की है 350 किलोमीटर तय करने के बाद मिलेंगे मुख्यमंत्री और उनसे मुख्यालय चिरीमिरी में ही बनाने का संघर्ष समिति करेगी मांग, अब देखना यह है क्या उनकी यह तपस्या पूरी होगी और क्या इसका फल मुख्यमंत्री उन्हें देंगे?
लगभग 40 दिन से ज्यादा अपनी एक सूत्रीय मांग को लेकर क्रमिक भूख हड़ताल में बैठी चिरमिरी ने अंततः अपने सीएम से मिलने का फैसला किया। इस दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर सहमति बनने के बाद 26 सितम्बर को सत्याग्रह पद यात्रा निकालने का निर्णय हुआ। आपको बता दे कि सत्याग्रह पद यात्रा चिरमिरी हल्दीबाड़ी धरना स्थल से शुरू होगी और मुख्यमंत्री निवास में जाकर खत्म होगी। यात्रा के दौरान आकस्मिक होने वाली परेशानियों के मद्देनजर सघर्ष सामिति चिरमिरी छोटी से छोटी बातों को ध्यान में रख रही है। पद यात्रा कर रहे चिरमिरी के कर्णहार के खाने-पीने सहित रुकने और अन्य जरूरी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सामिति कैटर्स की टीम व स्टापेज के लिए जरूरी व्यवस्थाये साथ मे लेकर चल रही है। बताया जा रहा है निकली सत्याग्रह पद यात्रा संभवत 10 दिनों में मुख्यमंत्री निवास पहुँच सकेगी हालांकि पहुँचने की तिथि तय नही की जा सकी है क्योंकि रायपुर पहुँचने को लेकर प्रतिदिन किये जाने वाले यात्रा पर निर्भर करेगा कि सत्याग्रह मुख्यमंत्री निवास कब पहुँच पायेगी। गौरतलब हो कि संघर्ष समिति चिरमिरी अपने अस्तित्व की लड़ाई को अंतिम मानकर चल रही क्योकि उन्हें मालूम है कि यदि इस बार कुंछ हासिल नही कर पाए तो चिरमिरी का नामोनिशान समाप्त हो जाएगा। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर चिरमिरी पहली बार एक मंच के नीचे आई हालांकि सत्ता का दबाव संगठन पर है बाबजूद संगठन ने विरोध ना करते हुए चिरमिरी के अस्तित्व को बचाना प्राथमिक आवश्यकता के मद्देनजर समर्थन दे चुकी है।

राजनीतिक व सामाजिक सोंच इससे विपरीत

हालांकि राजनीतिक, सामाजिक सोंच इससे विपरीत हो सकती है लेकिन सवाल सिर्फ मुख्यालय का नही है बल्कि उसके बनने से तात्कालिक स्थिति में कितने लोगों को पलायन से बचाया जा सकेगा और खत्म होते अस्तित्व की रक्षा हो सकेगी। फिलहाल चिरमिरी के कर्णधार सीएम भूपेश को पिघलाने के लिए निकल पड़े है अब देखना है कि लगभग 01 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा संघर्ष समिति चिरमिरी के सत्याग्रह पद यात्रा का असर सीएम भूपेश पर पड़ता है या नहीं।

चिरमिरी को जिला मुख्यालय को इसलिए बनाना चाहिए

नवीन जिला मुख्यालय एमसीबी की घोषणा के बाद और पहले से भी कोरिया जिले का सबसे बड़ा शहर चिरमिरी रहा है और है। छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकाय निगम का मुख्यालय शहर ही जिला मुख्यालय है और नगर निगम चिरमिरी का मुख्यालय शहर चिरमिरी है इसलिए चिरमिरी जिला मुख्यालय बनना चाहिए। कोरिया जिला निर्माण से पूर्व कोरिया जिला मुख्यालय को स्थापित करने के लिए दुबे आयोग का गठन किया गया था जिसकी रिपोर्ट जिला मुख्यालय को लेकर चिरमिरी के हालातों और वर्तमान परिस्थियों को भापकर रिपोर्ट पेश की गई थी जो छोटा नागपुर सरभोक के आसपास बताया गया था, लेकिन तब भी राजनीति हुई और चिरमिरी को कुंछ नही मिला। शासन की नीति है किसी भी क्षेत्र का विकास की गति धीमी या बिल्कुल ना हो येसी परिस्थिति में प्रशासनिक अमले को वहाँ तक पहुचाने के लिए नवीन गठन की प्रक्रिया अपनाई जाती है इस लिहाज से मनेन्द्रगढ़ से ज्यादा, अति आवश्यकता वाला शहर चिरमिरी है इसलिए भी जिला मुख्यालय जरूरी है। लगातार बंद हो रही खदानों के कारण बड़ी तेजी से पलायन हो रहा है इसे रोकने के लिए भी जिला मुख्यालय चिरमिरी होना आवश्यक है। नवीन जिला एमसीबी के अंर्तगत चिरमिरी ही एक यैसे शहर है जिसकी आबादी सबसे ज्यादा है इसलिए भी जरूरी है कि जिला मुख्यालय चिरमिरी हो। जिला मुख्यालय के लिए प्रशासनिक भवन के स्थान पर वर्तमान में अस्थाई आवश्यक बिल्डिंग चिरमिरी में पर्याप्त है इसलिए भी चिरमिरी को मुख्यालय बनाने पर सरकारी कार्य जल्द प्रतिपादित किया जा सकेगा। जिला मुख्यालय को स्थायी तौर पर प्रशासनिक भवन के लिए भी राजस्व की जमीन पर्याप्त उपलब्ध है जो भविष्य की आवश्यकता के अनुसार निर्माण कराया जाएगा के लिए भी चिरमिरी में मुख्यालय बनाया जा सकता है।


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