जनता के सवाल में मूलभूत सुविधा का जिक्र शुरू,क्योंकि 3 साल पूरे होने को
जनता मूलभूत सुविधाओं से है वंचित तो सरकार पर सवाल उठना है लाजमी,बिजली को लेकर भाजपा,कांग्रेस दोनों के पास नहीं है जवाब
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 26 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में इस समय कोई सबसे बड़ी कोई समस्या है तो स्वास्थ्य, 24 घण्टे बिजली और हर कोने तक नेटवर्क की उपलब्धता। सोशल मिडिया पर भी लोगों की तकलीफें आनी शुरू हो गयी है और वर्तमान सरकार के जनप्रतिनिधिओं पर सवाल भी लोग करने लगे है। इस समय लोगों का कहना है कि क्या कोई ऐसी सरकार है जो गावं-शहर सभी जगहों पर बिजली दे सके क्योंकि लम्बे समय से बिजली की असुविधा को झेल रहे है। वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था भी इस समय चरमराई हुयी है क्यों कि जिम्मेदार अपनी कर्तव्य का सही निर्वहन नहीं कर रहे और जनप्रतिनिधि भी बेवस है। वहीं वर्तमान सरकार के समर्थकों की मानें तो सब कुछ अच्छा चल रहा है। सोशल मिडिया में अव्यवस्था पर हो रहे सवालों के जवाब में विधायक के नुमाईंदे झूठी प्रशंसापूर्ण जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
वर्तमान सरकार के तीन साल पूरे होने को है और लोगों ने इसी उम्मीद से सत्ता परिवर्तन किया था की नई सरकार आम जनों के लिए कुछ अच्छा करेगी। मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करेगी पर ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। आमतौर पर मूलभूत सुविधाओं में स्वास्थ्य-बिजली-सड़क-पानी है। पर सवाल अब भी वहीं है कि निरंतर कई सरकारें इसमें काम कर चुकी है इसके बावजुद क्या इन समस्याओं से निजात लोगों को मिल सकी है। वर्तमान सरकार भी इन समस्याओं के आगे नतमस्तक दिखाई दे रहा है। जबकि समय के अनुसार मूलभूत सुविधाओं में बढ़ोत्तरी होते दिख रही है अब मूलभूत सुविधाओं में सुरक्षा व नेटवर्क कनेक्टविटी भी शामिल करनी चाहिए यह भी इस समय लोगों का हिस्सा बन चुका है। इस समय लोगों के लिए यह सुविधाएं अत्यंत आवश्यक सुविधाओं में माना जाने लगा है। इस समय लोगों का एक ही सवाल है कि क्या कोई ऐसी सरकार आएगी जो गांव शहरों में 24 घंटे बिजली हुआ नेटवर्क इंटरनेट कनेक्टिविटी सुविधा मुहैया करा सके। निश्चित ही अब राजनैतिक पार्टीओं को इन सुविधाओं का अपने एजेंडे में शामिल कर इन मुद्दो पर चुनावों में जोर अजामाईश से इंकार नहीं कर सकते।
बिजली विस्तार के अनुसार बिजली आपूर्ति कम
छत्तीसगढ़ में गावं-गावं तक बिजली पहुंचाने का काम बहुत तेजी से किया गया और लगभग गावों तक बिजली के खम्भे खड़े हो चुके है पर गावं-गावं तक बिजली की सुविधा देने के लिये बिजली की खपत बढ़ी है पर उतनी बिजली की उपलब्धा में कमी है। जो 24 घंटे बिजली देने के लिये पर्याप्त नहीं है। वहीं बिजली के लिये सरकारों के घोषणा के अनुरूप बिजली कनेक्टीविटी तो उपलब्ध है पर उस सुविधा का सफल संचालन के लिये क्या उचित व्यवस्था है? बिजली विभाग बिजली आपूर्ति के लिये जितनी व्यवस्था बिजली पहुंचाने के लिये गावों तक होनी चाहिए उतनी व्यवस्था आज भी नहीं है। योजनाओं के अनुसार व्यवस्थाओं में कमी है।
बिजली के लिये स्टाफ की कमी
बिजली व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखने के लिये मैन पॉवर की सबसे बड़ी कमी है। बिजली के सफल संचालन के लिये जितनी आवश्यकता है उसके एक तिहाई में बिजली आपूर्ति का काम किया जा रहा है अब ऐसे में बिजली का सुचारू रूप आपूर्ति कैसे होगी। पूरे जिले में बिजली को लेकर परेशानियां है और हर क्षेत्र में कर्मचारीयों की कमी व उपकरण न होना बड़ी समस्या बतायी जा रही है। छत्तीसगढ़ में बिजली आपूर्ति में अव्वल होने का दर्जा रहा पर वर्तमान में बिजली पर सरकार नाकाम दिखायी दे रही है।
शहर से ज्यादा गांव में बिजली उपभोक्ता
जिले में बिजली उपभोक्ता की संख्या करीबन एक लाख बताई जा रही है इसमें शहर में उपभोक्ताओं की संख्या 30,000 से अधिक है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में उपभोक्ताओं की संख्या 70000 से ज्यादा है जिले के सभी क्षेत्रों में बिजली की मांग को लेकर एक जैसी स्थिति है। शहर व ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति के लिए 2000 किमी से ज्यादा तारों का जाल बिछाया गया है। इसमें 33 केवी, 11 केवी व एलटी लाइन शामिल है इसके बावजूद बिजली को लेकर परेशानियां किसी से छुपी नहीं।
स्टॉफ की यह स्थिति
बैकुंठपुर के अंतर्गत तीन सबस्टेशन संचालित जिसे बैकुंठपुर, बांधपारा, मनसुख शमिल है इस के अलावा पटना व पीपरडांड़ दो अलग सब स्टेशन भी संचालित है, बैकुंठपुर में एक लाइनमैन स्पेक्टर, छः सहायक लाईन मेन, ग्रेड-2 के 04 स्टॉफ, 07 परिचालन, सबडिविजन में एक-एम लाईन स्पेक्टर के साथ तीन सहायक लाईन मेन के पॉंचव हेल्पर लाईनमेन शामिल है। वही पटना में 10 हजार उपभोक्ताओं में 12 कर्मचारी ही पदस्थ है जिसमें ज्यादातर संविदा के कर्मचारी नियुक्त है।
कमियों का अंबार फिर भी विभाग दूर करने पर असमर्थ क्यों?
जिस विभाग को बिजली आपूर्ति करनी है उस विभाग में समस्याओं का अंबार है समस्या 24 घंटे बिजली देने में एक नहीं अनेक समस्या है पर इन अनेकों समस्याओं को जानते हुए भी विभाग इसे दूर करने में दिलचस्पी क्यों नहीं दिखा रहा या फिर नहीं चाहता कि 24 घंटे बिजली लोगों को उपलब्ध हो सके सरकार की विभाग की ओर ध्यान नहीं दे रही जिसका नतीजा है लोगों को बिजली बिल पटाने के बाद भी बिजली आपूर्ति सही तरीके से ना होना सरकार के नाकामी के साथ जिम्मेदारों पर नाराजगी भी लोग व्यक्त करते दिखते है।