बैकुण्ठपुर @भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की मार,किसान लाचार,फसल बीमा की लाखों की राशि का गोलमाल,किसान कंगाल

Share


फसल बीमा राशी में धोखाधड़ी को लेकर कलेक्टर कोरिया से शिकायत


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 23 जून 2022 (घटती-घटना)। भारत किसानों का देश है और देश/राज्य की अर्थव्यवस्था में सबसे योगदान और हिस्सा किसानों का ही है। इसीलिए केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की समृद्धि के लिए नित्य नए-नए नियम कानून लाते हैं, और किसानों को लाभान्वित करने के लिए अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं। पर कमी रह जाती है लागू की गई योजनाओं की धरातल पर मानिटरिंग। योजनाओं का लाभ किसानों तक वास्तव में पहुंच पा रहा है या नहीं इसके लिए सिस्टम में कोई व्यापक व्यवस्था नहीं है, और यही कारण है कि समाज का सबसे सरल, सहज और इमानदार वर्ग आज भी अपने अधिकारों और अपने हित लाभ से वंचित है। कृषि सुधारों और किसानों की स्थिति सुधारने के लिए चाहे कितने लाख प्रयास केंद्र और राज्य की सरकारों द्वारा किए जाएं, चाहे जितने भी तौर तरीकों से सरकारें किसान हितैषी बनने का दावा करें परंतु धरातल पर स्थिति इस से पृथक है। सरल और इमानदार होने के कारण किसान आसानी में बहका लिए जाते हैं और धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के नए-नए तरीकों से वापिस ना होने के कारण इनके हक पर लगातार कुठाराघात होता रहता है।
ताजा मामला सहकारी समिति पटना के अंतर्गत खरीफ फसल 2018 की फसल बीमा क्षतिपूर्ति की राशि को लेकर शिकायत के संदर्भ में है। समिति के अंतर्गत आने वाले कुछ किसानों ने कलेक्टर कोरिया को दिए गए अपने आवेदन में यह बताया की सहकारी समिति पटना के कृषकों की फसल बीमा क्षतिपूर्ति खरीफ वर्ष 2018 की राशि किसानों के सहकारी बैंक खातों में प्रदान की गई थी। परंतु इसकी जानकारी समयानुसार किसानों को नहीं मिली कि यह किस मद की राशि उनके खाते में जमा हुई है। इसका नाजायज लाभ उठाकर तत्कालीन समिति प्रबंधक पटना अनूप कुशवाहा एवं कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश साहू के द्वारा मिलीभगत कर कृषकों को यह कहकर बरगलाया गया कि बैंक वालों की गलत एंट्री की वजह से यह राशि आपके खाते में आ गई है। जिसकी वसूली बैंक ब्याज समेत करेगी। इसे वापस बैंक में जमा करना है अतः आप यह राशि आहरण कर या चेक के माध्यम से दे देवें। इस प्रकार से सैकड़ों किसानों से चेक, आहरण पर्ची लेकर कर कृषकों के खातों से राशि निकाल ली गई। किसानों के अनुसार यह राशि लाखों में है, जो फर्जीवाड़ा कर आहरित की गई है। ठीक इसी प्रकार का प्रकरण सूरजपुर जिले के भैयाथान में भी आया था जिसमें किसानों के हिस्से के फसल बीमा क्षतिपूर्ति की ‌गबन की राशि करोड़ों में थी‌। जिसकी विधिवत जांच, करने पर मामला सत्य पाया गया। एफआईआर दर्ज हुआ कुछ लोग जेल भी गए।
शिकायतें होती हैं पर
जांच और कार्यवाही नहीं

यह मामला बहुत बड़ा और करोड़ों के गबन और भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है। यदि शिकायतों पर विधिवत जांच की जाए तो मामले का पर्दाफाश हो सकता है। परंतु सहकारिता विभाग एक ऐसा विभाग है जहां शिकायतें तो होना आम है पर जांच और कार्यवाही सदैव ठंडे बस्ते में ही रहती है। जिसका सीधा असर किसानों के हित पर पड़ता है। ऐसा कहना पड़ रहा है क्योंकि कलेक्टर महोदय से शिकायत के पश्चात नाबार्ड की 2 सदस्यों की टीम 17 से 19 जून 2022 तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में निरीक्षण करने आई थी। जांच पड़ताल में शिकायत उपरांत कृषकों से बात कर नियमानुसार मामले की जांच करनी थी। परंतु ढाक के तीन पात वाली तर्ज पर शासकीय कागजों का ही केवल अवलोकन किया जाता है। धरातल पर क्रियान्वयन के संबंध में कभी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की जाती है। इस मामले में भी शासकीय रिकार्ड दुरुस्त पाए जाएंगे क्योंकि किसानों के खाते में फसल बीमा क्षतिपूर्ति की राशि जमा तो हुई थी। परंतु फर्जीवाड़ा का तरीका इतना नायाब था कि रिकार्डो में हेरफेर करने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। यदि प्रभावित और शिकायतकर्ता किसानों से बात की जाती तो मामला सामने आ पाता कि किस प्रकार किसानों के हक की राशि उन्हें बहला-फुसलाकर, उनसे आहरित करा कर, बैंक में दोबारा जमा करने के नाम पर ले ली गई। बहरहाल मामला लाखों-करोड़ों का है, और ठगी करने का तरीका भी नायाब है। देखना यह है कि मामले की विधिवत जांच होती है या किसान जैसे पहले छले जाते रहे हैं, सरकारों के लाख किसान हितैषी बनने के बाद भी छले जाते रहेंगे।


Share

Check Also

रायपुर@ छत्तीसगढ़ में लिफ्ट और एस्केलेटर की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला

Share अब 30 दिन में मिलेगी जरूरी सेवाएंरायपुर,29 अप्रैल 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य …

Leave a Reply