
होली भारतवासियों का एक बेहतरीन रंगों का त्यौहार है। इस दिन सभी जातियां, सभी धर्मों तथा सभी क्षेत्र के लोग एक दूसरे पर गुलाल तथा रंग डाल कर हर्ष उल्लास अभिव्यक्त करते हैं। यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा वाले दिन मनाया जाता है। हमारे देश के भिन्न भिन्न त्योहारों का संबंध किसी न किसी फसल के काटने से जुड़ा हुआ होता है। होली का त्यौहार भी गेहूं तथा चने की फसल के काटने से शुरू होता है। इस त्यौहार को मनाने में लोगों को इतना आनंद आता है कि इसके कुछ दिन पहले ही एक दूसरे पर गुलाल तथा रंग डालना शुरू कर देते हैं। शिक्षा संस्थानों में विद्यार्थी एक दूसरे पर गुलाल डालते हैं, पानी डालते हैं और कई बार तो पटाखे भी चलाते हैं। होली वाले दिन नौजवान उत्साही लड़कों की टोलियां की टोलियां शोर शराबा करती हुई बाजारों,गलियों तथा सड़कों से गुजराती है और जो कोई भी रास्ते में मिल जाए उसके ऊपर गुलाल तथा पिचकारी से रंग डालकर हर्षो उल्लास मनाती हैं। कुछ शरारती लोग होली वाले दिन एक दूसरे पर कीचड़ तथा गंदा पानी, रंगों में हानिकारक केमिकल मिलाकर इस त्यौहार की गरिमा को कम कर देते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि कुछ लोग रंग नहीं डलवाना चाहते, जिद्दी लड़के उस पर रंग और पानी डालकर उसको अपमानित करते हैं और हो हल्ला करते हैं, यह अच्छी बात नहीं है। होली मनाने वालों को बुजुर्गों तथा स्ति्रयों पर रंग और पानी नहीं डालना चाहिए। आखिरकार मर्यादा भी तो कोई चीज होती है।
इस त्यौहार की शुरुआत राक्षसों के राजा हिर्नाकश्यप की बहन होलिका के आग में जल जाने से संबंधित है। हिर्नाकश्यप राक्षसों का राजा था और उसका विष्णु भगवान के साथ वैर था। लेकिन उसका पुत्र, प्रहलाद विष्णु का भक्त था। प्रहलाद के पिता को यह बात पसंद नहीं थी। उसने उसको रोकने के लिए उस पर बहुत जुल्म किये और आखिरकार अपनी बहन होलिका, जिसे कि यह वरदान मिला हुआ था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती,को प्रहलाद को अग्नि में अपनी गोद में लेकर बैठने को कहा। इस बीच प्रहलाद विष्णु भगवान का स्मरण किया और इसका परिणाम यह हुआ कि होलिका तो जल गई परंतु प्रहलाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। बाद में भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार बनकर हिरण्यकश्यप को मार दिया था! कहा जाता है कि होली का त्यौहार होलिका के जलने की खुशी में तभी से मनाया जाता है। असल में होली के त्यौहार का संबंध होलिका के जलने, शिवजी द्वारा कामदेव को भस्म करने, श्री कृष्णा तथा पूतना तथा राजा पृथु तथा राक्षसी ढूंढी से संबंधित ह
होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर भी मनाया जाता है। इस त्यौहार के मनाने का मकसद बसंत ऋ तु के शुभ आगमन के तौर पर भी माना जाता है। इस दिन लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल कर आपस में गले मिलते हैं, एक दूसरे पर गुलाल तथा रंग डालते हैं, नाचते और गाते हैं। कुछ लोग इस दिन खुशी के मारे भांग भी पीते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत बुंदेलखंड में झांसी के एरच से शुरू हुई थी जो कभी हिरण कश्यप की राजधानी हुआ करती थी। होली का त्यौहार भारत के अलावा विश्व के कम से कम आठ देशों, जिनमें मॉरीशस, श्रीलंका, इंडोनेशिया, अमेरिका तथा यूरोप शामिल है, में मनाया जाता है। यह त्योहार श्री कृष्णा तथा राधा के द्वारा अपनी सखियों के साथ रंग बिरंगी होली को वृंदावन में मनाने को लेकर भी याद किया जाता है। इस त्यौहार को हिंदुओं के अलावा जैन,बौद्ध आदि धर्मों के लोग भी मनाते हैं। लोग होली के आने से कई दिन पहले ही इसको मनाने की तैयारी शुरू कर देते हैं। वे अलाव के लिए लकडç¸यां इकट्ठी करते हैं, गाय के गोबर के उपले बनाकर माला बनाते हैं। गाय के गोबर से होलिका तथा प्रहलाद की मूर्तियां बनाते हैं और उनके गले में गाय के गोबर से बने उपले की माला डालते हैं और शहर के चौराहे पर उसे जलाते हैं।
पंजाब में श्री आनंदपुर साहब में सिख समुदाय के द्वारा होली के बदले में… होला मोहल्ला… मनाया जाता है! जिसमें इस समुदाय द्वारा सिखों की वीरता और बहादुरी को प्रदर्शित करने की कोशिश की जाती है! कहना ना होगा कि सिख धर्म के दसवें गुरु, श्री गुरु गोविंद सिंह ने होला मोहल्ला की परंपरा आनंदपुर साहिब में 1701 में शुरू की थी जो कि आज तक भी जारी है। आनंदपुर साहब में होला मोहल्ला बनाने को लेकर सिख समुदाय के बहुत सारे लोग एकत्रित होते हैं।
राजस्थान के जालौर में पत्थर मार होली खेली जाती है। यह होली मुख्यतः आदिवासी समुदाय के द्वारा मनाई जाती है। हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों में..कोरड़ेमार होली.. मनाई जाती है। जिसमें पुरुष और स्त्रीयां एक दूसरे के ऊपर रंग और पानी डालते हैं और महिलाएं पुरुषों को चुनरी या कपड़े से बने हुए कोरड़े मारती हैं। ऐसी होली खेलने में दोनों पक्ष आनंद महसूस करते हैं। होली रंगों का त्यौहार है, आपसी गिले शिकवे भूलकर नए सिरे से संबंध स्थापित करने का त्यौहार है। इसे हंसी खुशी मनाना चाहिए।
प्रोफेसर शाम लाल कौशल
रोहतक-124001( हरियाणा)