राजपुर,14 सितम्बर 2025 (घटती-घटना)। अंबिकापुर से बलरामपुर की ओर जाने वाली एनएच 343 सड़क बारिश पूर्व रिपेयर नहीं होने से एवं बारिश भर जिम्मेदार आला अधिकारियों के वजह ऐसी दुर्दशा हो गई। ककना से कल्याणपुर तक जाने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क। छत्तीसगढ़ में मानसून के सक्रिय होते ही जहां एक ओर ऊपर वाले ने गर्मी से राहत तो दी , लेकिन दूसरी ओर लगातार हो रही बारिश ने राष्ट्रीय राजमार्ग 343 की दुर्दशा उजागर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। अब तो इस मार्ग पर चलना जोखिमों से भर गया है।अंबिकापुर से पस्ता के तक खड्डे नुमा डबरी नजर आने लगे हैं, क्षेत्र के लोगों का कहना है कि यह सड़क अब गड्ढों में सड़क खोजने की स्थिति में पहुंच चुकी है। काफी जोर आजमाइश और मशक्कत के बाद एनएच विभाग जागा भी था तो सिर्फ खानापूर्ति कर बरसात की तैयारी पूरी कर ली गई। यदि विभाग के द्वारा बारिश पूर्व सड़क किनारे लगे पेड़ कटवाने में जो समय जाया किया उस समय सड़के रिपेयर की जा सकती थी। अब जिस तरह सड़कों के बड़े बड़े गड्ढों पर मिट्टी और क्रेशर डस्ट और गिट्टी डाला जा रहा है वह तो शुरुआती बारिश में ही धूल गई।
यदि गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थायित्व को लेकर कोई ठोस योजना बनाकर रिपेयरिंग (मरम्मत) कराई गई होती तो आज यह दुर्दशा नहीं होती, ना ही एनएच 343 अंबिकापुर से पस्ता तक की सड़क की ऐसी दुर्दशा नहीं हुई होती ना ही आमजनमानस परेशान होती। ना ही विभाग एवं ठेकेदारों पर सवाल उठाए जाते। बहर हाल अब देखना यह है कि विभागीय अधिकारी ठेकेदारों से हृ ॥ 343 की सड़क गुणवत्ता अनुरुप कार्य कराने में कामयाब होती है या पेच रिपेयरिंग के नाम पर जारी हुए रुपए की तरहगुणवत्ताविहीन सड़क बनाकर रुपए बंदर बांट कर लिया जाएगा ?
