- संभाग के पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय सहित अन्य जिलों के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से बड़ा और भव्य हो सकता है पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरिया?
- चार पुलिस थानों के कोरिया जिले में इतने बड़े और भव्य भवन के निर्माण की आवश्यकता क्यों?
- क्या कार्यालय के नाम पर कार्यालय को भव्यता प्रदान करने के नाम पर यह शासकीय राशि का दुरुपयोग नहीं?

-रवि सिंह-
कोरिया,05 सितंबर 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के अग्रणी सहित कन्या महाविद्यालय परिसर के भीतर नए पुलिस अधिक्षक कार्यालय के लिए भूमि आबंटित किए जाने और उसके निर्माण के लिए भूमिपूजन किए जाने के बाद से ही यह मामला सुर्खियों में आ चुका है और इस मामले में एक तरफ जनविरोध खड़ा है जिसमे छात्र संगठनों, महाविद्यालय के छात्र छात्राओं, नगर वासियों सहित प्रमुख विपक्षी दल की भूमिका नजर आ रही है वहीं एक तरफ जिला प्रशासन इस मामले में जन विरोध को कमजोर करने के लिए सत्तापक्ष के नेताओं का सहारा ले रहा है और वह जबरन जन समर्थन साबित कर रहा है जिसके लिए वह सत्तापक्ष के लोगों से समर्थन में पत्र भी स्वीकार कर रहा है,इस बीच महाविद्यालय प्रबंधन जिसमें दो महाविद्यालय शामिल हैं ने भी अपना विरोध दर्ज किया है और महाविद्यालय परिसर में पुलिस अधीक्षक कार्यालय के निर्माण को महाविद्यालय के भविष्य के विस्तार के लिए घातक बताया है साथ ही इस निर्माण के बाद महाविद्यालय के छात्र छात्राओं की स्वतंत्रता बाधित होगी यह भी उन्होंने कहा है वहीं इन विरोधों का असर जिला प्रशासन पर नहीं पड़ा और जिला प्रशासन ने अपने निर्णय पर अडिग रहने का ही निर्णय बरकार रखा और अब निर्माण की शुरूआत भी हो चुकी है, वैसे जिला प्रशासन कई प्रकार से इस मामले में अपने निर्णय पर आम सहमति बनाने प्रयासरत है और इसके लिए व्यक्तिगत भी परिचय का वह फायदा उठा रहे हैं और वह किसी न किसी माध्यम से विरोध को शांत करने में लगे हैं। वहीं इस बीच नए पुलिस अधीक्षक कार्यालय 3डी डिजाईन सोशल मिडिया में तैर रहा है क्या यही नक्शा निश्चित किया गया है? और कैसा होगा नया पुलिस अधीक्षक भवन इसका जो ब्लूप्रिंट सामने आया है यदि यही सही है तो उसको देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि संभागीय पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा संभाग सहित संभाग के किसी भी जिले में ऐसा भवन नहीं होगा कार्यालय के लिए और यह काफी भव्य और तीन मंजिला इमारत होगी। वैसे चार पुलिस थानों के जिले में इतने बड़े और विशाल पुलिस अधीक्षक कार्यालय की आवश्यकता क्या है? और इतने बड़े भवन को बनाने के पीछे का उद्देश्य क्या है? यह समझ से परे है क्योंकि तीन मंजिले इस भवन में जीतने कक्ष बनाए जाएंगे उनकी क्या उपयोगिता होगी यह स्पष्ट नहीं। वैसे क्या इतने बड़े तीन मंजिला भवन की जगह केवल उपयोग अनुसार कार्यालय नहीं बनाया जाना चाहिए क्या बेवजह और बिना अनिवार्य आवश्यकता इतने बड़े भवन का निर्माण शासकीय राशि का दुरुपयोग नहीं? पुलिस अधीक्षक कार्यालय में 8 शाखाएं होती हैं लगभग और यह संख्या अधिक भी हो सकती है जिले के आकार और उसकी आवश्यकताओं के हिसाब से। 8 शाखाओं के लिए वह भी एक कार्यालय की के लिए 1 एकड़ 25 डिसमिल भूमि पर तीन मंजिला भवन क्या कुछ ज्यादा ही नहीं है? कोरिया जिले में प्रस्तावित और निर्मित किया जाने वाला पुलिस अधीक्षक कार्यालय अपनी भव्यता और अपनी विशालता के लिए जाना जाएगा ऐसा ही उसके नक्शे को देखकर कहा जा सकता है वहीं भवन के हर हिस्से और कमरे में शाखाओं की स्थापना हो सकेगी यह लगता नहीं है।

जितना हाईटेक व बड़ा कार्यालय कोरिया में बनने जा रहा है क्या संभाग में भी बनेगा?
कोरिया जिले में भव्य,विशाल और हाईटेक पुलिस अधीक्षक कार्यालय बनने जा रहा है, ऐसा भवन संभाग में कहीं नहीं है न ही सम्भागीय मुख्यालय में ही ऐसा भवन है कार्यालय के लिए, अब सवाल यह है कि क्या जैसा कार्यालय कोरिया जिले में बन रहा है वैसा ही संभाग में ही और अन्य जिलों में भी बनेगा,क्या हर जगह 1 एकड़ 25 डिसमिल में तीन मंजिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय वह भी हाईटेक कार्यालय बनेगा। यह देखने वाली बात होगी की क्या ऐसा होता है। कहीं ऐसा तो नहीं कि कोरिया जिले का पुलिस अधिक्षक कार्यालय संभाग का सबसे बड़ा पुलिस अधीक्षक कार्यालय होगा।
टेंडर जिस जमीन के लिए हुआ था निर्माण के लिए क्या उस जमीन पर निर्माण न कर स्थल परिवर्तन कराया गया?
बताया जा रहा है कि पहले टेंडर अन्य भूमि पर भवन निर्माण के लिए निकाला गया था,अब भवन अलग स्थान पर बनने जा रहा है,क्या टेंडर में जिस भूमि का उल्लेख किया गया था उस स्थान का टेंडर में परिवर्तन किया गया है। वैसे यह सूत्रों के अनुसार प्राप्त जानकारी है और उनके अनुसार स्थल परिवर्तित कर पुनः नए स्थल का उल्लेख किया गया है टेंडर में। वैसे विभिन्न जगहों का चयन करते करते जब जिला प्रशासन हार मान गया जब उसे कहीं भी बिना आपत्ति भूमि मिलना सम्भव नजर नहीं आया तब उसने यह निर्णय लिया कि भवन महाविद्यालय परिसर में बनाया जाए और महाविद्यालय के विरोध के दबाया जाना उसने आसान पाया।
वर्तमान पुलिस अधीक्षक कार्यालय जहां पर है उसी के आसपास काफी जमीन है जहां पर नवीन कार्यालय बनाया जा सकता है फिर महाविद्यालय की जमीन ही क्यों?
वर्तमान में जहां पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित है वहां ही इतनी भूमि उपलब्ध है कि नया पुलिस अधीक्षक कार्यालय बनाया जा सके। वहीं नए भवन के लिए महाविद्यालय परिसर की भूमि का आबंटन जिला प्रशासन ने किया है। ऐसा क्यों किया गया यह बड़ा सवाल है,वैसे सवाल यह भी है कि क्या पुलिस अधीक्षक कार्यालय के नए भवन बनने उपरांत पुराने कार्यालय की जमीन को अन्य किसी उपयोग के लिए अन्य उद्देश्य से आबंटित किया जाएगा क्या उस समय पुलिस विभाग विरोध दर्ज नहीं करेगा।
क्या पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कलेक्टर कार्यालय से भी ज्यादा शाखाएं हैं जिसके लिए इतनी बड़ी बिल्डिंग बनाई जा सकती है?
पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शाखाएं कितनी होंगी यह कार्यालय की आवश्यकताओं पर निर्भर होगा लेकिन देखा गया है कि 8 शाखाएं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में होती हैं। बैकुंठपुर में बन रहा पुलिस अधिक्षक कार्यालय तीन मंजिला होगा और कमरों की संख्या बहुत अधिक होगी, अब सवाल यह है कि क्या 8 से भी अधिक शाखाएं कोरिया जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से संचालित होंगी,यदि ऐसा है तब तो ठीक है, वैसे क्या कलेक्टर कार्यालय से अधिक शाखाएं पुलिस अधीक्षक कार्यालय में होंगी जिस कारण तीन मंजिला और बहु कक्ष पुलिस अधीक्षक कार्यालय बनाया जा रहा है। कोरिया जिले का पुलिस अधीक्षक कार्यालय कलेक्टर कार्यालय से भी बड़ा होगा यह भवन का प्रस्तावित नक्शा देखकर कहा जा सकता है।
भूमि पूजन से पूर्व दैनिक घटती-घटना ने अंदेशा जताया था यदि उस समय विरोध किया गया होता तो शायद भूमिपूजन नहीं होता?
दैनिक घटती-घटना ने भूमिपूजन पूर्व ही इस बात का अंदेशा जता दिया था कि नया पुलिस अधीक्षक कार्यालय महाविद्यालय परिसर में बनाया जा सकता है,तब विरोध के स्वर नहीं सुनाई दिए और भूमिपूजन कार्यक्रम संपन्न हो गया,यदि समाचार से संज्ञान लेकर पहले ही विरोध दर्ज किया गया होता आज शायद पुलिस अधीक्षक कार्यालय अन्यत्र बनाए जाने का निर्णय लिया जा चुका होता। कुल मिलाकर विरोध जब किया जाना था तब नहीं किया गया और जब निर्माण शुरू हुआ विरोध के स्वर मुखर हुए जो नाकाफी साबित हो रहे हैं।
क्या महाविद्यालय परिसर में ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय बनाने की जिद है?
पुलिस अधीक्षक कार्यालय कई अन्य स्थानों पर बनाया जा सकता है। स्थान का चयन जिला प्रशासन लगातार कर रहा था,कई जगह की आपत्तियां आईं जिनके कारण वहां भवन बनाने का निर्णय बदला भी गया, बाद में महाविद्यालय परिसर में नए भवन के लिए भूमि का आबंटन किया गया ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि महाविद्यालय का विरोध दबाया जा सकता है यह जिला प्रशासन जानता था और हुआ भी वही महाविद्यालय प्रबंधन सहित छात्रों का दबाव विरोध नाकाफी साबित हुआ,अब निर्माण वहीं होना तय नजर आ रहा है। वैसे सवाल यह है कि क्या पुलिस अधीक्षक कार्यालय महाविद्यालय परिसर में ही बनाए जाने की जिद में है जिला प्रशासन? जिला प्रशासन का रुख तो ऐसा ही साबित कर रहा है कि वह महाविद्यालय परिसर में ही भवन निर्माण के लिए अडिग है।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय की प्रमुख शाखाएँ
यातायात शाखा
सड़क यातायात को नियंत्रित करने और यातायात नियमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है…
महिला प्रकोष्ठ
महिलाओं से संबंधित अपराधों और मुद्दों से निपटने के लिए समर्पित है…
अपराध शाखा
गंभीर अपराधों की जांच और समाधान के लिए जिम्मेदार है…
विशेष शाखा
यह शाखा विशेष खुफिया जानकारी एकत्र करने और संभावित खतरों से निपटने के लिए काम करती है…
दूरसंचार शाखा
पुलिस संचार प्रणाली के संचालन और रखरखाव का कार्य करती है…
शिकायत शाखा
पुलिस से संबंधित शिकायतों को प्राप्त करने और उनका निवारण करने का कार्य करती है…
अपराध अन्वेषण शाखा
यह शाखा राज्य स्तर पर गंभीर अपराधों की जांच करती है, और अक्सर एसपी के मार्गदर्शन में काम करती है…
आतंकवाद निरोधी दस्ते
यह शाखा आतंकवाद विरोधी गतिविधियों और संबंधित