
अंबिकापुर,22 अगस्त 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले सरगुजा जिले के अधिकारी और कर्मचारी शुक्रवार को अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिवसीय हड़ताल पर रहे। हड़ताल के चलते जिले भर के शासकीय कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। कार्यालय खुले जरूर रहे, लेकिन कर्मचारी अनुपस्थित रहने से वहां सन्नाटा पसरा रहा। दूर-दराज से विभिन्न कार्यों के लिए पहुंचे नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और उन्हें बिना काम कराए ही लौटना पड़ा। तहसील कार्यालय, एसीडीएम कार्यालय सहित कई विभागों में ताले लटके रहे, जिससे जमीन रजिस्ट्री सहित अन्य जरूरी कार्य प्रभावित हुए। कर्मचारी और अधिकारी स्थानीय गांधी चौक पर एकत्र होकर धरने पर बैठे, जहाँ वक्ताओं ने मंच से अपनी मांगों को जोरदार तरीके से रखा। दोपहर बाद सभी कर्मचारियों ने रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा। फेडरेशन ने केंद्र सरकार की तर्ज पर राज्य कर्मचारियों को मोदी की गारंटी के तहत लाभ देने की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि शीघ्र मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो आंदोलन और उग्र रूप लेगा।
पहले भी सौंपा गया था ज्ञापन
फेडरेशन ने बताया कि इससे पूर्व 18 जुलाई 2025 को भी कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। इस कारण कर्मचारियों में असंतोष गहराता जा रहा है। फेडरेशन ने स्पष्ट किया कि ये मांगें केवल कर्मचारियों के हित के लिए नहीं हैं, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए भी आवश्यक हैं। यदि सरकार ने शीघ्र कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो यह आंदोलन आगे और भी कड़ा और निर्णायक रूप ले सकता है।
फेडरेशन की 11 प्रमुख मांगें…
- केंद्र के समान महंगाई भत्ता (डीए) और राहत (डीआर) लागू हो।
- 2019 से लंबित डीए एरियर जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए।
- पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर वेतन विसंगतियां दूर की जाएं।
- चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान लागू हो।
- सहायक शिक्षकों व पशु चिकित्सा अधिकारियों को त्रिस्तरीय वेतनमान दिया जाए।
- नगरीय निकाय कर्मचारियों को नियमित वेतन और पदोन्नति मिले।
- राज्य में कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू हो।
- अनुकंपा नियुक्ति निःशर्त एवं स्थायी रूप से लागू की जाए।
- 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त कर सभी पदों में अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
- अर्जित अवकाश का नगदीकरण 300 दिन तक किया जाए।
- प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना कर समस्त लाभ दिए जाएं।