मोहला-मानपुर@राज्य में हुआ और एक बड़ा फर्जीवाड़ा

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फेक विज्ञापन और फेक दस्तावेजों के जरिए 9 लोगों की कर दी गई भर्ती…

3 साल से तनख्वाह भी पा रहे कर्मचारी…
मोहला-मानपुर,05 अगस्त 2025 (ए)।
प्रदेश के मोहला-मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में एक ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है जिसे जानकार सभी आश्चर्यचकित हैं। यहां नौ लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर सरकारी नौकरी दे दी गई है और अफसरों को इसका पता ही नहीं चला। मजे की बात यह है कि ये सभी फर्जी लोग पिछले 38 महीनों से नियमित कर्मचारी की तरह वेतन भी पा रहे हैं। इस मामले में खुलासा हुआ है कि, मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिला में कोरोना काल 2021 में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी विज्ञापन निकालकर फर्जी दस्तावेजो के माध्यम से नौ लोगों को नियुक्ति दे दी गई। इन लोगो से न तो परीक्षा ली गई और न ही साक्षात्कार, सिर्फ फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर उन्हें नौकरी दे दी गई। अब यह फर्जीवाड़ा सामने आया है।
वर्ष 2021 में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 और डाटा एंट्री ऑपरेटर ने विभागीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी दस्तावेज कुटरचित नियुक्ति आदेश के आधार पर इन्हें छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा में चयनित परीक्षा में सम्मिलित होकर चयनित बता दिया। वर्तमान में ये जिला कलेक्टर कार्यालय, जिला शिक्षा अधिकारी एवं विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहित स्कूलो में सहायक ग्रेड 3 के 6, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 3 कुल 9 लोग विगत 38 माह से इन पदों पर बाकायदा रेगुलर कर्मचारी के रूप में नौकरी कर रहे हैं। इस मामले में इन पर आरोप है कि छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग के सचिव ओपी मिश्रा के नाम पर फर्जी नियुक्ति आदेश का हवाला देकर नौ लोग सरकारी नौकरी पर जमे हुए है।
आरटीआई से हुआ खुलासा
दरअसल इस मामले में आरटीआई से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने दस्तावेज निकाले तब पता चला कि ऐसी कोई भर्ती प्रक्रिया ही नहीं हुई है। आरटीआई जागरूकता संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुखराम साहू, मोतीलाल हिरवानी ने मीडिया को दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए बताया कि, वर्ष 2021 में नौ लोगों की शिक्षा विभाग में नियुक्ति फर्जी तरीके से की गई है। नियुक्ति आदेश में ओपी मिश्रा सचिव छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग रायपुर का हवाला दिया गया है। जिसमें प्रथम दृश्य कहीं पर भी भर्ती विज्ञापन, पदस्थापना स्थान जिला, परीक्षा अवधि, वेतन मैट्रिक्स लेबल, नाम पिता पूर्ण पता, सवर्ग, प्रतिलिपि आदि का लेख नहीं है। जो कि वास्तविक नियुक्ति आदेश में रहता है। इसके साथ ही जिम्मेदार अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी प्राचार्य द्वारा नियुक्ति आदेश पत्र की सत्यता की जांच किए बिना विभिन्न जगहों पर जॉइनिंग देते हुए सेवा पुस्तिका का सत्यापन करना व जिला कोषालय अधिकारी द्वारा कर्मचारी कोड अनुमोदन करते हुए वेतनमान आवंटन करना जांच का विषय है। इस पूरे प्रकरण में उन्होंने मांग किया है कि बिंदुवार इस प्रकरण में जांच होनी चाहिए।
कई लोगों की हुई फर्जी नियुक्ति
डोलामनी मटारी डाटा एंट्री ऑपरेटर ग्रेटर पेमेंट 2400, शादाब उरमान डाटा एंट्री ऑपरेटर ग्रेट पेमेंट 2400, अजहर सिद्दीकी डाटा एंट्री ऑपरेटर ग्रेट पेमेंट 2400, आशुतोष कछवाहा सहायक ग्रेड 3 ग्रेट पेमेंट 19 00, मोहम्मद अमीन शेख सहायक ग्रेड 3 ग्रेट पेमेंट 1900,फागेंद्र कुमार सिन्हा सहायक ग्रेड 3 ग्रेट पेमेंट 19 00, टीकम चंद्र सहायक ग्रेड 3 ग्रेड पेमेंट 1900, रजिया अहमद सहायक ग्रेड 3 ग्रेड पेमेंट 1900, सी एच अन्थोनी अम्मा सहायक ग्रेड 3 ग्रेड पेमेंट 1900 है। इन पर आरोप है कि फर्जी नियुक्ति पत्र कूट रचना के आधार पर यह लोग जिला शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी पर पदस्थ हैं।
नहीं दी गई है नियुक्ति- सचिव
छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग के सचिव ओपी मिश्रा के नाम पर फर्जी नियुक्ति आदेश पर नौ लोग 38 माह से सरकारी नौकरी पर बने हुए हैं। नियुक्ति को लेकर मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत जानकारी में वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य शिक्षा आयोग के सचिव ओपी मिश्रा ने स्पष्ट किया कि इस तरह की कोई भी नियुक्ति उनके द्वारा नहीं दी गई है।
एफआईआर होनी चाहिए दर्ज
मोहला मानपुर के विधायक इंद्र शाह मंडावी ने इस मामले में कहा कि फर्जी आदेश के बलबूते नौकरी कर रहे 9 लोगों के मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए इन पर एफआईआर दर्ज कर इस मामले में जितने लोग लिप्त हैं उन सभी के ऊपर अपराध कायम होनी चाहिए।


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