कांग्रेस ने किया सदन का बायकाट…
दूसरे दिन भी विधानसभा की कार्रवाई हंगामे की भेंट चढ़ी…
रायपुर,15 जुलाई 2025 (ए)। विधानसभा में आज दूसरे दिन मुख्य विपक्षीय दल कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव लाकर प्रदेश में अवैध रेत परिवहन एवं उत्खनन का मामला उठाया। विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि खनिज माफिया के हौसल बुलंद है वे आए दिन शासकीय कर्मचारियों पर हमला करते हैं। इसको लेकर विपक्ष ने सदन का वाकआउट कर दिया।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, भूपेश बघेल उमेश पटेल सहित कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव लाकर प्रदेश में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर चर्चा कराने की मांग की। विपक्ष का कहना था कि प्रदेश में रेत माफिया काफी सक्रिय हो गया है। विधायकों ने विभिन्न जिलों का हवाला देते हुए कहा कि राजनांदगांव धमतरी, गरियाबंद, तथा महासमुंद जिले में बरसात के पूर्व रेत का अवैध उत्खनन कर भंडारण किया जा रहा है। इसके चलते प्रमुख नदियों में चैन माउंटिंग मशीन तथा जेसीबी लगाकर उत्खनन हो रहा है। खनिज माफिया किसानों को परेशान कर रहे हैं। खनिज विभाग द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद रेत उत्खनन जारी है। कांग्रेस के ओर से भूपेश बघेल, चरणदास महंत, अंबिका मरकाम सहित अन्य विधायकों ने सरकार से इस पर चर्चा कराने की मांग की। सदस्यों की बात सुनने ने पश्चात अध्यक्ष रमन सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव अमान्य कर दिया जिसको लेकर काफी शोर शराबा हुआ। अंतत: कांग्रेस के सदस्यों ने विधानसभा की कार्रवाई बहिर्गमन कर दिया। विधान सभा आज दूसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गई।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र : जल जीवन मिशन के मुद्दे पर भूपेश बघेल ने पूछा सवाल,बहस के बाद विपक्ष ने किया का वॉकआउट
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को जल जीवन मिशन को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार केवल आंकड़ों का भ्रम फैलाकर असल तस्वीर छुपा रही है। भूपेश बघेल ने तीन वर्षों 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के दौरान खर्च की गई राशि और घरों में पहुंचाए गए जल कनेक्शनों का हिसाब मांगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जिलों में खर्च ना के बराबर हुआ है और नल से जल योजना सिर्फ कागजों में पूरी दिखाई जा रही है। डिप्टी सीएम और जल संसाधन मंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि अब तक ₹15,045 करोड़ यानी कुल 57 प्रतिशत राशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य के 31,16,398 घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है, और 3,836 गांवों में शत-प्रतिशत जलापूर्ति की गई है। साव ने यह भी जोड़ा कि राशि का वितरण जिलों की प्रगति के आधार पर किया जाता है।
नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने उठाया रेडी टू ईट का मुद्दा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन के विभागों से जुड़े प्रश्न लगाए गए हैं। वहीं 4 ध्यानाकर्षण भी लगाए गए हैं। विधायक राजेश अग्रवाल एंबुलेंस की कमी का मुद्दा उठाएंगे,जबकि नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत रेडी टू ईट योजना को लेकर सवाल उठाया।
सीएसआर फंड को लेकर गरमाया सदन
भाजपा विधायक किरण सिंह देव ने ही मंत्री पर दागे सवाल,विपक्ष ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र दूसरे दिन बस्तर संभाग में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड के उपयोग को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। सबसे पहले यह मुद्दा भाजपा के ही विधायक किरण देव सिंह ने उठाया। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में अब तक सीएसआर फंड से कोई भी काम स्वीकृत नहीं हुआ है, जबकि वहां कई बड़े उद्योग कार्यरत हैं। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सिंह ने सरकार से जगदलपुर और बस्तर संभाग में सीएसआर मद से अब तक किए गए कार्यों और खर्च की गई राशि का पूरा ब्योरा मांगा। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा कि उद्योग आखिर सीएसआर फंड का कितना हिस्सा खर्च कर रहे हैं? जवाब में मंत्री ने बताया कि कंपनियां 2 प्रतिशत तक राशि खर्च करने के लिए बाध्य हैं।इस पर महंत ने सवाल उठाया कि अगर सीएसआर फंड का उपयोग हो रहा है, तो उसका पारदर्शी लेखा-जोखा कहां है? उन्होंने तर्क दिया कि पहले की सरकार में इस मद में जितनी राशि खर्च होती थी और आज के खर्च में भारी अंतर है, जिसे सामने लाना जरूरी है। महंत ने कटाक्ष करते हुए कहा, अगर राशि सही जगह खर्च हो रही है, तो सरकार को उच्च स्तरीय जांच से डर क्यों है? उन्होंने सीएसआर मद में खर्च की जा रही पूरी राशि की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की।
अजय चंद्राकर और देवेंद्र यादव के बीच तू-तू-मैं-मैं,
विधानसभा में रमन सिंह ने कराया शांत

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र का आज दूसरा दिन था. प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी थी। सदन में विपक्षी सदस्यों ने जल जीवन मिशन के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। इसी दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोंक-झोंक हुई। मामला इतना बढ़ गया कि भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव आपस में ही भिड़ गए। दोनों ही सदस्यों के बीच तू-तू-मैं-मैं होने लगी। दोनों सदस्यों के बीच बढ़ते मामला और सदन की मर्यादा भंग होता देख स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने तत्काल हस्तक्षेत करते हुए कड़ी टिपण्णी की। विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा, पक्ष-विपक्ष आसंदी की मर्यादा का ध्यान रखें. प्रश्नकाल में हंगामा करना उचित नहीं है. पूरा देश छत्तीसगढ़ की कार्यवाही को देखता है. सदस्यों को आपस में देखकर बात नहीं करनी चाहिए। आसंदी की ओर देख कर बात करनी चाहिए। आप सभी सदस्य इस बात का ध्यान रखें। आसंदी की मर्यादाओं का पालन हम सभी को करना होगा विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने अजय चंद्राकर और देंवेंद्र यादव को फटकार लगाते हुए कहा, विधानसभा सड़क नहीं है जो भाषण देने आ रहे हैं। विधानसभा में इस तरह की लहजे में बात नहीं होनी चाहिए।
विधानसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर अभिनंदन प्रस्ताव,
विपक्ष ने किया बहिष्कार,
हंगामा के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित
छत्तीसगढ़ विधानसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर अभिनंदन प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ। इस दौरान सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की गई। सत्तापक्ष की ओर से अजय चंद्राकर ने चर्चा की शुरुआत की। चंद्राकर के भाषण पर विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए चर्चा का पूर्ण बहिष्कार किया। जिसके बाद चर्चा का बहिष्कार कर विपक्ष के सदस्य सदन से बाहर निकल गए। वहीं विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।