अम्बिकापुर@ जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की हुई शुरूआत,18 जुलाई तक होगा आयोजन

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विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से लोगों परिवार नियोजन के सम्बन्ध में दी जाएगी जानकारी
अम्बिकापुर,11 जुलाई 2025 (घटती-घटना)।
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व जनसंख्या दिवस एवं जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन किया जाना है। इसी कड़ी में पूरे प्रदेश सहित सरगुजा जिले के समस्त विकासखण्डों में भी 11 जुलाई को “जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा’’ की शुरूआत गई, इसका आयोजन 18 जुलाई 2025 तक किया जाएगा। भारत सरकार के द्वारा इस वर्ष जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 2025 का स्लोगन ‘‘मॉं बनने की उम्र वही,जब तन और मन की तैयारी सही ’’ रखा गया है। पखवाड़े के पहले दिन शुक्रवार को जागरूकता सारथी रथ को रवाना किया गया। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ. पी.एस.मार्को, सिविल सर्जन डॉ. जे.के.रेलवानी, डीपीएम डॉ. पुष्पेन्द्र राम,डॉ. रोजलीन आर.एक्का,डॉ. श्रीकांत सिंह, डॉ. प्रीति मॉनिक, श्रीमती कविता सिंह, श्री संतोष सिंह एवं अन्य अधिकारी- कर्मचारी उपस्थिति रहे। इस अवसर पर सीएमएचओ डॉ.मार्को ने स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पखवाड़े में उन दम्पत्तियों को लक्ष्य के रूप में रखा जाएगा, जिनकी अभी-अभी संतान हुई है। इनको अस्थाई तौर पर गर्भ निरोधक और परिवार पूरा होने पर नसबंदी जैसे परिवार नियंत्रण उपायों की जानकारी दी जाएगी। सीएमएचओ ने पखवाड़े के सफल आयोजन हेतु योग्य दम्पत्तियों की सूची ए.ए.एम. एवं मितानिन के द्वारा बनाने एवं लक्ष्य दम्पत्तियों को स्थायी, अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी देते हुए परिवार नियोजन की आवश्यकता को आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर नये अस्थायी परिवार नियोजन साधनों के बारे में चर्चा हेतु सास-बहू सम्मेलन आयोजित किया जाए, जिसमें नए गर्भ निरोधक साधन के बारे जानकारी दी जाए। सिविल सर्जन डॉ.रेलवानी ने कहा देश की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृद्धि की गति को नियंत्रित करना, संसाधनों के संतुलित उपयोग को सुनिश्चित करना एवं नागरिकों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है। जनसंख्या नियंत्रण हेतु जागरूकता शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अति आवश्यक है,परिवार नियोजन के उपायों जैसे गर्भनिरोधक साधनों की उपलधता और जागरूकता ग्रामीण क्षेत्रों तक फैलाना है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. पुष्पेन्द्र राम ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण के प्रयासों को सफल बनाएं। यह न केवल देश के भविष्य के लिए जरूरी है, बल्कि हर परिवार के आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी हितों के लिए भी आवश्यक है। परिवार नियोजन नोडल डॉ. किरण भजगावली ने कहा कि परिवार नियोजन विशेष रूप से जन्मों के बीच अंतराल बनाए रखने से, मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है। परिवार नियोजन,गर्भनिरोधक विधियों का उपयोग करके, अनचाहे गर्भधारण को रोकने में मदद करता है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। परिवार नियोजन व्यक्तिगत और सामुदायिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो बेहतर स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिरता, और सामाजिक कल्याण में योगदान देता है। परिवार नियोजन हेतु हितग्राहियों को शासन के माध्यम से महिला नसबंदी पर दो हजार रूपए, प्रसवोत्तर महिला नसबंदी पर तीन हजार रूपए एवं पुरूष नसबंदी पर तीन हजार की प्रोत्साहन राशि भी प्रदाय की जाती है। उन्होंने बताया कि नसबंदी से कोई नुकसान नहीं होता है,नसबंदी एक सर्जिकल प्रक्रिया है। इस वर्ष महिला नसबंदी 2500,आईयूसीडी 3150, पीपीआईयूसीडी 1890 एवं पुरूष नसबंदी 300 का लक्ष्य जिले को दिया गया है।


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