
शंकरगढ़,09 जुलाई 2025 (घटती-घटना)। विकासखण्ड मुख्यालय शंकरगढ़ में सूखे पेड़ लोगो के लिए खतरा बने हुवे है बरसात के चलते शहर में सूखे पेड़ गिरने से नुकसान हो सकता है,शहर की सड़कों के किनारे कई पेड़ सूख गए हैं, इससे हर वक्त अब दुर्घटना की आशंका बनी हुई है मेन रोड के किनारे कदम का कई वर्षों पुराना पेड़ पूरी तरह से खोखला हो गया है जिससे कि कभी भी बड़ी घटना घट सकती है। इसके आसपास से गुजरने वाले लोग दुर्घटना को लेकर डरे रहते हैं मेन रोड का रास्ता होने के कारण हजारो गाडि़यों का आना जाना लगा रहता है स्कूल के बच्चों का आना जाना लगा रहता है । विशेषकर तेज हवा के दौरान खतरा और बढ़ जाता है,ग्राम पंचायत,वन विभाग, प्रशासन भी इन सूखे व जर्जर हो चुके पेड़ों को हटाने पर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। बरसात के इस में मौसम आंधी-तूफान आने की संभावना अधिक रहती है,लोग इस बात को लेकर आशंकित हैं कि ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है,मुख्यालय और आसपास के इलाकों में कई जगहों पर सडक¸ किनारे पेड़ सूख गए हैं,सूखे पेड़ों के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। ब्लॉक मुख्यालय के मुख्यमार्ग पर संदीप इलेक्ट्रॉनिक के सामने बड़ा कदम का पेड़ है जो कि अंदर से पूरी तरह से खोखला,जर्जर हो चुका है व पेड़ खोखला होकर अंतिम सांसे ले रहा है और आये दिन कभी भी पेड़ किसी हादसे को निमंत्रण दे रहा है जिससे कि यात्री व आस पास के लोग भयभीत है । मुख्यमार्ग के किनारे बचवार में जो बड़ा खोखला कदम का पेड़ है इस पर किसी भी अधिकारी की नजर नही पड़ रही है स्थानीय लोगो का कहना है कि इसकी शिकायत अनेक बार विभागीय अधिकारियों से की गई लेकिन इस पर कोई ध्यान नही दे रहा है। विडम्बना तो यह है कि इस मुख्यमार्ग पर रोजाना कई सरकारी पदाधिकारी एवं पुलिस कर्मियों का आना-जाना लगा रहता है लेकिन सब कुछ देखकर अंजान बने रहते है लोगो का कहना है कि पेड़ गिरने की घटना के बाद ही विभाग की नींद टूटती है,स्थानीय नागरिकों ने खोखले पेड़ को जल्द से जल्द हटाने की मांग की है और कहा है कि अभी मानसून के दिनों में इन सूखे पेड़ो के गिरने का खतरा प्रबल हो जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि सुशासन तिहार में भी दिया था आवेदन
आस-पास के निवासियों ने बताया कि शासन के द्वारा समस्याओं के निवारण के लिए चलाए जा रहे सुशासन तिहार में भी पेड़ कटवाने के लिए आवेदन दिया गया था व क्षेत्रीय विधायक उदेश्वरी पैकरा को भी इस समस्या से अवगत कराया गया था लेकिन आज तक इस पर किसी अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान नही जा रहा है। लोगों का कहना है जिम्मेदार यदि ध्यान नहीं देंगे तो यह पेड़ किसी भी दिन कोई बड़े हादसे का कारण बन सकता है,लोगों का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि कम से कम सुशासन तिहार के दौरान दिए आवेदन पर प्रशासन विचार करेगा और इस समस्या से कम से कम सुशासन के नाम पर ही निजात दिल सकता था लेकिन ऐसा करने की हिम्मत नहीं दिखाई गई और न ऐसा किया गया।