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बोइंग विमान हादसाःडरावना ब्लैक थर्सडे


बोइंग 787-8 ड्रीम लाइनर विमान के पायलट ने अहमदाबाद के वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से उड़ने से 15 सेकंड बाद उड़ते विमान का सबसे खतरनाक संदेश मेडे-मेडे-मेडे एयर ट्रैफिक कंट्रोल अहमदाबाद एयरपोर्ट को भेजा था और तब ट्रैफिक कंट्रोल के संचालकों को यह मौका भी नहीं मिला कि वे इस फ्र ांसीसी शब्द के मतलब विमान को खतरा के संकेत के बाद कोई सुरक्षा व्यवस्था कर पाते,इतनी ही देर में विमान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गिरकर आग का गोला बनकर तबाह हो गया और 230 यात्रियों और 12 विमान के क्रू मेंबर सहित काल के गाल में समा गये लेकिन ईश्वर की कृपा से एक यात्री रमेश विश्वास कुमार सकुशल बच गया। यह जीवित व्यक्ति खुद चलते हुए आपातकालीन रक्षक स्मड के पास आया उसे तुरंत चिकित्सीय व्यवस्था करवाई गई,रमेश विश्वास कुमार भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं।
वे अपने भाई नीरज के साथ परिवारजनों से मिलने भारत आए हुए थे पर ईश्वर की लीला देखिए रमेश विश्वास कुमार तो अब कुशल जीवित हैं पर उनके भाई अब इस दुनिया में नहीं रहे वे विमान हादसे के शिकार हो गए।
इसी तरह जैसा की गुजरात के बीजेपी अध्यक्ष पाटिल जी ने इस बात की पुष्टि की है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी इस
विमान हादसे में दिवंगत हो गए हैं वे अपनी पत्नी को लाने लंदन जा रहे थे। विमान का संचालन पायलट सुमित सभरवाल कर रहे थे जिन्हें 8200 घंटे विमान उड़ाने का दीर्घ अनुभव था साथ में को पायलट ऑफिसर लाइव सुंदर भी थे जिन्हें 1100 घंटे विमान उड़ाने का भी अनुभव प्राप्त था दोनों पायलट इस विमान हादसे में काल-कवलित हो गए। इस विमान में 169 भारतीय 53 ब्रिटिश 7 पुर्तगाली और एक कनाडा का नागरिक भी था इनमें से रमेश विश्वास कुमार के अलावा किसी को यह कल्पना भी नहीं थी कि उनकी जिंदगी की अनमोल सांसें 60 सेकंड में रुक जाएगी और वे सब सब ईश्वर को प्यारे हो जाएंगे। अहमदाबाद एयरपोर्ट का रनवे 23 एक बार फिर चर्चा में आ गया है दुर्घटना अगस्त विमान बोइंग 787 9 ड्रीम लाइनर भी रनवे 23 से उड़कर लंदन जाने वाला था पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना ने 1988 में हुए एक अन्य विमान हादसे की याद दिला दी अहमदाबाद में 1988 के बाद यह दूसरा बड़ा दर्दनाक विमान हादसा है महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों घटनाएं रनवे 23 से ही जुड़ी हुई है। 19 अक्टूबर 1988 को मुंबई से अहमदाबाद आर इंडियन एयरलाइंस का विमान इसी रनवे पर उतरने से पहले हादसे का शिकार हो गया था। इस विमान में 139 यात्री सवार थे जिनमें से 133 यात्रियों की मौत हो गई थी। गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन उड़ान भरने वाले विमान ने रनवे 23 से ही उड़ान भरी थी। 1988 की विमान दुर्घटना की जांच में पाया गया था कि विमान पायलटो की गलती के कारण 500 फीट की न्यूनतम ऊंचाई से नीचे आ गया था रिपोर्ट के अनुसार दोनों पायलटो को रनवे देखने में समस्या हुई थी और उन्होंने एयरपोर्ट के पास पहुंचने का प्रयास किया था इसके कारण वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया था 12 तारीख गुरुवार के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का हालांकि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय नें इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है पर यह दोनों दुर्घटनाएं रनवे 23 में ही हुई थी। पूर्व पायलट अधिकारियों ने कहा है कि बोइंग 787-8 ड्रीम लाइनर विश्व के सर्वाधिक सुरक्षित एवं सुगम यात्रा करने वाला विमान माना जाता है यह अत्यंत अत्यंत आधुनिक विमान भी था जिसकी फ्यूल कैपेसिटी 126000 लीटर एवियशन फ्यूल की थी और यह एक साथ 12 से 13 घंटे की उड़ान भरने वाला विमान जिसकी गति 900 किलोमीटर प्रति घंटे की थी का इस तरह दुर्घटनाग्रस्त होना और इसके दोनों इंजन अचानक फेल हो जाना एक असंभव सी बात नजर आती है। विमान में एक यात्री को छोड़कर 241 यात्रियों के शरीर काफी जल गए है जिंदगी पहचान करना भी एक बड़ा मुश्किल कार्य प्रशासन के सामने आ गया है इस संदर्भ में गुजरात प्रशासन के स्वास्थ्य विभाग में अपने बयान में कहा की मारे गए लोगों की पहचान के लिए डीएनए जांच कराई जाएगी। मृतकों की पहचान के लिए अहमदाबाद सिविल अस्पताल में डीएनए नमूने एकत्रित करने की व्यवस्था की जा रही जिसमें मृतकों के माता-पिता या बच्चे या उनके भाई-बहन अपने डीएनए नमूने दे सकते हैं। जिससे मृतकों की सही-सही पहचान की जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद एयरपोर्ट की देखरेख का एवं संचालन का कार्य अडानी गु्रप करता है एवं एयरलाइंस के विमान टाटा समूह संचालित करता है। इसी तारतम्य में टाटा समूह ने घोषणा की है कि सभी मृतक व्यक्तियों को मुआवजे के तौर पर एक-एक करोड रुपए प्रदान किये जाएगे।
यह बात अत्यंत सत्य है कि ‘‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’’इस कहावत को चरितार्थ करते हुए इस विमान दुर्घटना से जुड़ी महत्वपूर्ण खबर है कि अहमदाबाद विमान हादसे में ट्रैफिक जाम के कारण एक यात्री भूमि चौहान की जान बच गई एक निजी चैनल को इंटरव्यू देते हुए भूमि ने अत्यंत सहमीं हुई आवाज में बताया कि विमान हादसे की खबर सुनने के बाद मेरा शरीर कांप जाता है मैं कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थी उन्होंने बताया कि ट्रैफिक जाम में फंसने के कारण भूमि 10 मिनट की देरी से सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट पहुंची थी जिसके कारण उन्हें अहमदाबाद लंदन की फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं मिली जिससे वे अत्यंत दुखी होकर एग्जिट गेट तक पहुंच गई थी तभी उन्हें पता चला कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है और उनकी जान बच गई है। अपनी जान बचाने के लिए ईश्वर को बहुत-बहुत आभार प्रेषित किया है। भूमि चौहान 2 साल बाद लंदन से भारत में छुट्टियां मनाने आई थी। उन्होंने भगवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि मुझे गणपति बप्पा ने इस बड़े हादसे से बचा लिया है मैं ईश्वर की अत्यंत शुक्रगुजार हूं। उल्लेखनीय है कि बोइंग 787-8 ड्रीम लाइनर की खासियत अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और ईंधन बचाने वाले सक्षम विमान में गिनती की जाती है परंतु यह सदैव विवादों के घेरे में रहा है इसमें सुरक्षा बड़ा मुद्दा है इसके अलावा कई बार उत्पादक गुणवत्ता संबंधी खामियों भी सामने आई हैं। अहमदाबाद हादसे ने इस पर फिर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 787 ड्रीमलाइनर परिवार के पहले संस्करण 787-8 को आधिकारिक तौर पर 2004 में लॉन्च किया गया था। पहली उड़ान 15 दिसंबर 2009 को भरी थी इसके बाद अक्टूबर 2011 में ऑल निपान एयरवेज के साथ वाणिज्यिक सेवाओं में इसे लॉन्च किया गया था और इसकी उड़ान में 210 से 248 यात्री सफर कर सकते हैं।
एयर इंडिया का विमान जब एयरपोर्ट के पास मेडिकल कर्मियों के आवासीय व हॉस्टल परिसर में गिरा तो चश्मदीद गवाहों के अनुसार ऐसा लगा जैसे धरती कांप उठी हो। हॉस्टल में भोजन कर रहे डॉक्टरों एवं आवासीय परिसर में रह रहे परिवारों में से अनुमानित तौर पर लगभग 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर कितने नागरिकों की इस विमान दुर्घटना में मौत हुई है इसकी कोई सूचना नहीं दी गई है। यह एक अत्यंत संवेदना और मर्म का विषय है कि इस बड़े विमान हादसे में इतने लोगों की मौत पर पूरे देश को झगजोर दिया है पूरा देश नीशब्द और मौन है। इस हादसे से कई शहरों के कई नागरिक, माता, बहनों एवं पतियों को भारत ने को दिया है हम उनके परिवार के साथ सतत खड़े हैं एवं मृत आत्माओं की शांति के लिए हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं एवं उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। शांति। शांति।


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