सीता का रुप धारण कर सुपर्णखा आयी है,
कदम रखते ही ससुराल में मातम छायी है।
बनकर दुल्हन सोना-चाँदी सब लूटने आयी है,
अपने ही पति को झुठे केस में फंसाने आयी है।
जिसकी नजर में शादी-विवाह एक कचरा है,
पति जीवन साथी नहीं बल्कि बलि का बकरा है।
ऐसी दुष्ट महिलाओं की परवरिश पर लालत है,
जिनकी इरादों में ससुराल को लूटने की लालच है।
देखने में तो भोली-भाली व मासूम सी शक्ल है,
पर असल में उसकी किसी शैतान सी अक्ल है।
मालदार मर्दों को शादी के जाल में फंसाती है,
फिर शादी करके जीवन भर उसको रुलाती है।
रिश्ता तोड़ने के लिए ही वो विवाह रचाती है,
हर-रोज अलग-अलग तरीका अपनाती है।
ऐसी औरतें खुद को बहुत चालाक समझती है,
एक ही रात में शादी को तलाक में बदल देती है।
घर में उपद्रव मचाकर अपने पीहर में जा बैठती है,
तलाक के बहाने अपने पति से लाखों रुपये ऐंठती है।
विवाह को पैसा कमाने के लिए बिजनेस बनायी है,
कोर्ट-कचहरी में हर-रोज मेंटनेंस की केस आयी है।
