राजपुर,18 मई 2025 (घटती-घटना)। बलरामपुर जिले के राजपुर ब्लॉक स्थित कुपोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में हितग्राहियों का भुगतान वर्षों से लंबित पड़ा है। लंबित होने की वजह से लाभार्थियों में गहरी नाराज़गी और असंतोष देखा जा रहा है। जिन माताओं ने अपने बच्चों को गंभीर कुपोषण की स्थिति में केंद्र में भर्ती कराया और सप्ताहों तक वहीं रहकर इलाज कराया,उन्हें अब तक तय मानदेय या सहयोग राशि नहीं मिली है।
आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2010 से 2014 के बीच राज्यव्यापी स्तर पर एनआरसीएस की स्थापना की गई थी। इसके लिए रायपुर स्थित एआईआईएमएस में एक स्मार्ट यूनिट भी कार्यरत है,जहां गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को उन्नत उपचार दिया जाता है। बावजूद इसके,जिला और ब्लॉक स्तर पर ऐसे केंद्रों की व्यवस्थाओं में लगातार लापरवाही की खबरें सामने आ रही हैं। इन केंद्रों का उद्देश्य बच्चों को समुचित चिकित्सकीय देखभाल, विशेष पोषण आहार (जैसे एफ -75, एफ -100) तथा माताओं को पोषण संबंधी परामर्श देना है। एनआरसीएस का संचालन जिला और ब्लॉक स्तर पर किया जाता है, जहां बच्चों को एक निर्धारित अवधि तक रखकर गहन निगरानी की जाती है।
राजपुर ब्लॉक में रहने वाली कुछ महिला हितग्राहियों को नहीं मिला है (एनआरसी) मंद का भुगतान
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजपुर ब्लॉक के कुछ हितग्राहियों का कहना है कि वे बच्चों के इलाज के दौरान आर्थिक रूप से भी काफी परेशान हुए हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से निर्धारित राशि न मिलने के कारण उनकी समस्याएं और बढ़ गई हैं। भुगतान की उनका कहना है उनकी फाइलें वर्षों से लंबित हैं,उनका कहना है कि अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद उन्हें मिलने नहीं राशी की भुगतान आज तक नहीं मिल पाया है। विदित हो की पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती होने की दशा में बच्चे के साथ अटेंडर के रूप में आए उसके एक परिजन को भी शासन की तरफ से भोजन तथा 15 दिन तक 150 रूपये प्रतिदिन के आधार पर सहायता राशि दिया जाना सुनिश्चित है। बावजूद इसके राजपुर के कुछमहिला हितग्राहियों को लाभ नहीं मिल पाया है। राजपुर ब्लॉक के (एनआरसी) पुनर्वास केंद्र में कार्यरत एक विभागीय कर्मचारी से पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि दिनांक 1/10/2023 से 31/03/2024 तक कुल पात्र हितग्राही 120 हैं, जिसमे 92 हितग्राहियों को भुगतान प्राप्त हो चुका है वर्तमान में 29 हितग्राहियों का भुगतान लंबित है। वहीं दिनांक 01/04/2024 से 31/03/2025 तक कुल पात्र हितग्राही 140 हैं उनमें भुगतान प्राप्त हितग्राही 118 हैं 22 हितग्राहियों का भुगतान लंबित है। इसकी जानकारी हमारे कार्यालय की ओर से बलरामपुर जिला स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय को लिखित में अवगत कराया कराया जा चुका है। यह अब उनकी जवाबदारी है कि प्रदेश में उनके द्वारा शेष बचे महिलाओं को दी जाने वाली राशि की मांग प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय से की गई है नही की है। उन्होंने कहा कि जैसे हमारे (एनआरसी) केंद्र में (एनआरसी) मंद से मिलने वाली राशि आएगी शेष बचे महिला हितग्राहियों का भुगतान कर दिया जाएगा। उन्हें कार्यालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। स्थानीय स्तर पर प्रशासन की उदासीनता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जहां फंड की अनुपलब्धता का हवाला दे रहे हैं,वहीं ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि अगर समय रहते सहायता न मिले तो वे भविष्य में केंद्र में बच्चों को भर्ती कराने से हिचकेंगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार?
राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम प्रसाद तिर्की के द्वारा बताया गया कि एनआरसी मद से फल खाना, इत्यादि के लिए जिला को लिखित में मांग किया गया है।जिला से जब आ जाएगा सभी हितग्राहियों का भुगतान कर दिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार नेमोबाइल पर कहा…
मुख्य जिला स्वास्थ्य अधिकारी बसंत कुमार ने बताया कि फरवरी- मार्च 2025 से फंड नहीं आया है आयेगा तो भुगतान किया जाएगा। वहीं वर्ष 2023 से 2025 के भुगतान के लिए उनसे सवाल किया गया तो उनके द्वारा कहा गया कि पता करके बताता हूं,भुगतान कब से नहीं आया है। लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद उनके द्वारा ना ही कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। तो इसे क्या समझा जाए?
तो क्या स्वास्थ्य मंत्रालय पर सवाल उठना स्वाभाविक है?
क्या (एनआरसी) पुनर्वास केंद्र के कर्मचारी की बातों को माने तो यह समझा जय की स्वास्थ्य मंत्रालय से (एनआरसी) मंद से मिलने वाली राशि स्वास्थ मंत्रालय से नहीं आ रहा है. या स्वास्थ्य मंत्रालय से आने वाली (एनआरसी) मंद की राशि जिला स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में कही दफन कर दबा दिया गया है?
