सुरजपुर@साहब…ट्रांसफार्मर व लाइनमैन की कमी के साथ शहर की जर्जर बिजली केबल के बीच कैसे करें बिजली की बेहतर व्यवस्था की कल्पना?

Share


-ओंकार पाण्डेय-
सुरजपुर,16 मई 2025 (घटती-घटना)। सूरजपुर मुख्यालय की बिजली व्यवस्था ही जब खस्ता हाल है तो फिर गांव की बिजली व्यवस्था बेहतर होने की उम्मीद करना तो शायद नासमझी होगी,इस समय यदि सूरजपुर शहर मुख्यालय की बिजली व्यवस्था की बात की जाए तो थूक पॉलिश में ही चल रहा है पूरा काम यह कहना गलत नहीं होगा,शहरों में लगे बिजली केबल जर्जर हो चुके हैं,खंभों में बिजली केबल लगे हैं यह एबीसी केबल कहलाते हैं इस केबल के ऊपर एक प्लास्टिक या रबड़ की परत होती है जिससे बिजली चोरी को रोकने में मदद मिलती है पर यह केबल के ऊपर लगा हुआ ग्रिप प्लास्टिक की या रबर के होने की वजह से कुछ सालों में खराब हो जाता है, और एक दूसरे में लपेटे केवल एल्युमिनियम का होता है और उसके उपरी हिसा पर प्लास्टिक रबर से कभर किया रहता है जब वह ख़राब होता है तो और उसके अंदर का एल्युमिनियम एक दुसरे के सम्पर्क में आकर भारी नुकसान पहुंचा देते हैं,इसलिए एक समय अवधि के बाद इस केबल को बदल देना ही ज्यादा जरूरी होता है क्योकि दुर्घटना भी घटने की आशंका बनी रहती है शहरों में लगे यह केबल काफी जगह पर जर्जर हो चुके हैं साथ शहर में ट्रांसफार्मर की कमी है और जहां पर ट्रांसफार्मर की कैपेसिटी अधिक चाहिए वहां पर कम कैपेसिटी के ट्रांसफार्मर लगे हुए है जिस वजह से लो वोल्टेज की भी समस्या बनी रहती है जिस वजह से आए दिन बिजली की समस्या से लोगों को दो-चार होना पड़ता है, उसके बाद तीसरी समस्या है वह शहर में लाइनमैन व हेल्पर की कमी जो चौपट बिजली व्यवस्था में चार चांद लगा देती है, क्योंकि यदि शिकायतकर्ता फोन लगाकर शिकायत करता है कि घर में लाइट नहीं है तो वह यह उम्मीद न करें कि तत्काल ही उस की समस्या सुन ली जाएगी,सुविधा तो घर बैठे फोन करने की है शिकायत दर्ज करने के लिए,ऐप बनाए गए हैं,पर यह सब सुविधा शिकायत करने के लिए है उससे निजात दिलाने के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं बनी है? जो तत्काल लोगों को मिल सके,यदि बिजली संबंधी यदि कोई शिकायत है और ऐप पर शिकायत दर्ज करते हैं तो आपको दुसरे तरफ से जवाब फोन पर मिलता है कि लाइनमैंने यहां गए हुए हैं वहां गए हुए हैं गाड़ी की कमी है लाइनमैन की कमी है कुल मिलाकर कमियां ही गिनवाई जाती है और शिकायत से निजात के लिए उपभोक्ता को कई घंटे इंतजार करना पड़ता है कभी कभी तो कई दिन समस्या से निजात मिलने में लग जाता है, पर शिकायत करने के लिए सुविधा आपको बेहतर दी गई है, आपको एक बेहतर ऐप दिया गया है जिसमें आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं घर बैठे जितनी आसानी से आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं उतनी आसानी से उस शिकायत का हल आपको नहीं मिलता है, पर इसकी मुख्य वजह सिर्फ विभाग में बैठे उच्च अधिकारी व जनप्रतिनिधि हैं जो सिर्फ कुर्सी की शोभा ही बढ़ा रहे हैं व्यवस्था कैसे सुदृढ़ हो इस पर उनकी रुचि कम ही रहती है, ठेकेदार व कमीशन के भरोसे उनकी विद्युत व्यवस्था चल रही है और यदि बात कर लिया जाए विद्युत संबंधित उपकरणों की तो आप बेहतर मलिटी का मिलना मुश्किल है, क्योंकि कमीशन ही इतना है कि ठेकेदार भी उपकरणों वाले सामान किस गुणवाा की लगाएगा आप अंदाजा लागा सकते है।
लाइनमैन की कमी के साथ ही पेट्रोलिंग गाड़ी की कमी ने भी विद्युत व्यवस्था को बिगाड़ा है…
एक गाड़ी के भरोसे पूरे शहर के 18 वार्ड सहित शहर के सरहद के पास लगे गांव की पेट्रोलिंग की व्यवस्था है,एक वाहन है जो तीनों शिफ्ट में शिकायत मिलने पर दौड़ती रहती है ऐसी व्यवस्था नहीं है कि यदि एक कंप्लेंट यहां है तो दूसरी कंप्लेंट कहीं और है तो वहां पर कोई और टीम जाकर उस समस्या का समाधान कर सके, उसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा जब तक कि वह एक कंप्लेंट का निराकरण न कर ले,हो सकता है कि वह कंप्लेंट का निराकरण करते उसकी ड्यूटी खत्म हो जाए कर्मचारी घर चले जाए,फिर दूसरे शिफ्ट में भी कुछ ऐसा ही बना रहता है फिर तीसरा शिफ्ट भी ऐसा ही रहता है एक गाड़ी और 12 से 15 कर्मचारी के भरोसे 18 वार्ड के बिजली की शिकायतों का समाधान की जिम्मेदारी है,पर यह सीमित समाधान कैसे होता होगा यह तो वास्तविक जगह पर आप रहकर ही देख सकते हैं,शिकायत का निराकरण करने वाले कर्मचारी भी थक जाते हैं एक गाड़ी से पहुंचने में, यहां तक की उनके पास शिकायतकर्ताओं का फोन भी लगातार आता रहता है पर वह भी करें तो करें क्या गाड़ी की कमी और कर्मचारियों की कमी उनके ऊपर अतिरिक्त भार डाल रही है पर शायद इस समस्या के भी जानकारी इस विभाग के अधिकारियों को न हो।
पार्षद व अध्यक्ष की जिम्मेदारी सिर्फ वोट लेने तक…उनके वार्डो व शहर की समस्या सुलझाने में दिलचस्पी कम?
शहर सरकार बनने के लिए वार्ड सरकार बनने के लिए प्रत्याशी चुनाव के समय हर घर तक पहुंचाते हैं पर उनके क्षेत्र की समस्या न रहे इस पर उनका ज्यादा ध्यान नहीं रहता है, क्षेत्र में समस्या हमेशा बनी रहती है बिजली पानी से लेकर सड़क ऐसी मूलभूत सुविधाएं हैं जिसकी जरूरत सभी को है पर ऐसी चीजों से भी शहर में लोग वंचित हैं बिजली की समस्या तो उनके लिए बवासीर बीमारी की तरह हो गई है,जिसका समाधान तो हो ही नहीं पा रहा बिजली 24 घंटे देने का दावा सिर्फ खोखले हैं सही मायने में तो जर्जर व्यवस्था के साथ ही जर्जर बिजली केबल ही मुख्य समस्या बनी हुई है जो बिजली के 24 घंटा सेवा में अवरोध डाल रही है। नगर पालिका अध्यक्ष जीतकर एसी में बैठकर समस्या सुलझा रहे हैं तो पार्षद भी अपने धुन में मगन है बाकी उनकी जनता परेशान होते रहे उससे फर्क क्या है?
सुशासन तिहार में जो शिकायतें आए हैं क्या उसका निराकरण बहुत तेजी से होगा?
छाीसगढ़ की प्रदेश सरकार इस समय सुशासन तिहार चला रही है और बेहतर सुशासन स्थापित करने का दावा कर रही है, इस दावे के बीच उन्होंने सुशासन तिहार को अपने बेहतर सरकार होने का प्रचार कर रही है साथ ही सुशासन और अच्छा स्थापित हो सके इसके लिए वह शिकायतें व मांग भी ले रहे है और उसका निराकरण भी जल्द से जल्द करने की दावा कर रहे हैं अब इस सुशासन तिहार पर बिजली की समस्या को लेकर कई शिकायतें आई हैं लोगों ने इसी उम्मीद में शिकायत किया है कि छाीसगढ़ की सरकार अपने सुशासन तिहार की शिकायत का निराकरण जल्द करेगी लोगों ने वार्ड नंबर 1 से लेकर वार्ड नंबर 18 तक बिजली ट्रांसफार्मर सहित छोटे-छोटे अपनी समस्याओं की शिकायत व मांग की है अब देखना यह है कि कितना जल्दी इसका निपटारा होता है या फिर टेंडर प्रक्रिया और प्रक्रियाओं की बात कह कर सालों इस मामले में उलझाया जाता है।
सूरजपुर शहर के वार्ड नंबर 1 से लेकर वार्ड नंबर 18 तक बिजली की है समस्या
सरकार द्वारा घर-घर बेहतर बिजली देने के दावे सिर्फ सरकारी विज्ञापनों में या फिर किसी नेता के भाषणों में सुनने में अच्छा लगता है,पर वास्तविक स्थिति तो क्या है यह किसी से छुपी नहीं है सूरजपुर शहर में 18 वार्ड है और 18 वार्ड में तकरीबन 15000 से अधिक उपभोक्ता है, उसके साथ ही उद्योग वाले उपभोक्ता अलग है, जिससे राजस्व की आय भी खूब होती है पर व्यवस्था उस आय के मुताबिक शायद ही लोगों को मिलती है,शहर की बिजली व्यवस्था की यदि बात की जाए तो जर्जर बिजली केबल के भरोसे लोगों के घर लाइन पहुंच रहा है,दुर्घटना की अशंका तो बनी रहती है और कब केबल टूट जाए कब बिजली कट जाए और घरो के महंगे उपकरण ख़राब हो जाए इस बात का डर भी बना रहता है,ऐसी समस्या सिर्फ बरसात में ही नहीं पूरे 12 महीने बनी होती है,क्योंकि जो बिजली केबल लगे हुए हैं वह काफी पुराने हो चुके हैं और जर्जर हो चुके हैं पर उस जर्जर केबल को सुधारने या बदलने का सर्वे शायद ही बिजली विभाग करती हो? वह भी चाहती है कि जैसा चल रहा है वैसा चलता रहे और उनका कमीशन तो जो आ रहा है वह आता ही रहेगा। यदि खंभों के केबल की बात की जाए तो सारे केबल 8 साल 10 साल पुराने हो चुके हैं सभी खंभे से आने वाले बिजली केबल का ऊपरी परत खराब हो चुके हैं एक दूसरे में सट कर जल जाते है और उस फाल्ट को खोजने में विद्युतकर्मी या लाइन लाइनमैन असमर्थ हो जाते हैं, जर्जर बिजली केबल जलने से घरों के उपकरण तो खराब हो ही रहे हैं।
एरियल बंडल केबल भी पुराने होने पर परेशान करते है…
जबकि बिजली विभाग द्वारा बिजली चोरी से बचाव लिए एरियल बंडल केवल का उपयोग करता है ताकि बिजली चोरी न हो सके और बेहतर बिजली की व्यवस्था लोगों के घर तक पहुंचाया जा सके,इस केवल की खासियत यह है कि इस केबल के ऊपर में एक प्लास्टिक रबर की परत रहता है और यह तार खुला हुआ नहीं होता है जिस वजह से बिजली चोरी नहीं हो पाती है पर यदि एरियल बंडल केवल की बात की जाए तो इसके ऊपर के परत कुछ सालों के बाद खराब होने लगते हैं और एरियल बंडल केवल एक दूसरे में चपक कर शॉर्ट सर्किट के साथ ही कई समस्या खड़े कर देते हैं,इसलिए इस बिजली केबल को एक समय अवधि के लिए लगाया जाता है और उस समय अवधि पर इसे बदल दिया जाता है नहीं तो इससे भारी नुकसान होने की भी संभावना बनी रहती है साथ ही बिजली के फाल्ट को भी खोजने में बिजली विभाग के कर्मचारियों के पसीने छूट जाते हैं पर शायद इस सब समस्याओं से विद्युत विभाग अनजान होगा या फिर ऐसी समस्या से निपटने का इन के पास क्योंकि प्लान नहीं है, अधिकारी टेबल पर बैठकर समस्या देखते हैं यदि सड़कों पर उतरते तब समस्या पता चलती है की समस्या है क्या?
सुशासन तिहार में बिजली की समस्या के भी आवेदन आए
सुशासन तिहार के दौरान भी यह देखने को मिला कि शहर में बिजली की समस्या काफी विकराल है,क्योंकि हर वार्ड से बिजली की समस्या की शिकायत गई है, कहीं ट्रांसफार्मर जरूरत से कम है तो कहीं कम कैपेसिटी के ट्रांसफार्मर लगे हैं, जिस कारण लो वोल्टेज की समस्या शहर के उपभोक्ता झेल रहे हैं,तो फिर समझिए कि ग्रामीण उपभोक्ताओं की स्थिति क्या होगी? और यह ऐसे उपभोक्ता है जो अपना बिजली का बिल समय पर ऑनलाइन देते है बिजली के व्यवस्था बेहतर हो इस पर कोई जोर नहीं है, पर बिजली का बिल व शिकायत आ जाए इसके लिए व्यवस्था जरूर बेहतर है, बिजली के बिल पटाने के लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है ऑनलाइन आप जमा कर सकते हैं शिकायत करने के लिए भी आपको जाने की जरूरत नहीं आप घर बैठे शिकायत कर सकते हैं पर बिजली की समस्या शिकायत करने के बाद तत्काल हल हो जाए इसकी आप उम्मीद इस विभाग से करना तो नाइंसाफी है।


Share

Check Also

अंबिकापुर@युवाओं और किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में होगी नई पहल

Share तेलघानी उद्योग युवाओं और किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम बनेगाःजितेन्द्र साहू अंबिकापुर,19 मई …

Leave a Reply