कोरिया,@क्या जिम्मेदार अधिकारियों के नाक के नीचे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में करोड़ों का हुआ इंसेंटिव घोटाला?

Share

-रवि सिंह-
कोरिया,19 मार्च 2025 (घटती-घटना)। क्या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कोरिया जिले के लिए बना भ्रष्टाचार का केंद्र? राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से आने वाले पैसे को आखिर किसने दिया घोटाले का रूप राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की स्थापना बड़े पैमाने पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए हुई थी, पर कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से कई जिलों में यह विभाग अधिकारियों के लिए कमाई का जरिया बन गया, जो भ्रष्टाचार व घोटाले के लिए प्रसिद्ध पा रहा है जो जानकारी अभी आई है वह चौंकाने वाली है जहां जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत वितरित किए जाने वाले इंसेंटिव और अन्य प्रोत्साहन राशि में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में जिले के कई स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी प्रोत्साहन राशि नहीं मिली, जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य सरकार से समय-समय पर करोड़ों रुपये की मांग की गई थी। बचरा पोड़ी और सोनहत के स्वास्थ्य कर्मियों को पूरे वित्तीय वर्ष का इंसेंटिव नहीं मिला,जबकि कोरिया जिले से अलग हुए मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में लंबित भुगतान जारी कर दिए गए। बार-बार शिकायत के बावजूद न तो कोई कार्रवाई हुई और न ही बकाया राशि जारी की गई। फिर सवाल यह उठता है कि आखिर आया हुआ पैसा गया का आखिर किसने प्रोत्साहन राशि के पैसे को डकार लिया?
आरटीआई से हुआ बड़ा खुलासा:करोड़ों की राशि गायब
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से स्पष्ट हुआ कि तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोरिया द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से करोड़ों रुपये की मांग की गई थी, जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी भी दी। लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों तक यह राशि पहुंची ही नहीं।
शिकायतों के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
बचरा पोड़ी और सोनहत सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने कई बार अपनी लंबित राशि के लिए शिकायतें दर्ज कराईं,लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले से पल्ला झाड़ते रहे। अधिकारियों का कहना है कि यह उनके कार्यकाल का मामला नहीं है, जबकि राशि 2023-24 में आई थी और उसी समय वितरण हो जाना चाहिए था। बड़ी बात यह है कि अन्य जिलों में बकाया भुगतान हो चुका है,लेकिन कोरिया जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को अब तक उनका हक नहीं मिला।
कहां गई करोड़ों की राशि?
यह मामला अब बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा एनएचएम से समय-समय पर करोड़ों रुपये की मांग की गई और राज्य सरकार ने इसे जारी भी किया,लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों तक नहीं पहुंचा। यह पूरी राशि कहां और कैसे खर्च हुई? स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से लेकर राज्य स्तर तक शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब सवाल उठता है कि क्या इस घोटाले की निष्पक्ष जांच होगी? और क्या स्वास्थ्य कर्मियों को उनका हक मिलेगा? यह देखना दिलचस्प होगा कि स्वास्थ्य विभाग और सरकार इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
कब-कब मांगी गई राशि और कब मिली?
तत्कालीन सीएमएचओ कोरिया द्वारा विभिन्न तिथियों में एनएचएम से राशि की मांग की गई, इस राशि को विभिन्न प्रोत्साहन भुगतान और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं में देने की बात कही गई थी।
जिसमें प्रमुख रूप से…
28 अगस्त 2023: 5 करोड़
23 अक्टूबर 2023: 1 करोड़
22 मार्च 2024: 1 करोड़
राशि कहां और कैसे खर्च की गई?
वहीं,राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रायपुर द्वारा कोरिया जिले को करोड़ों रुपये जारी किए गए…इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों को उनका हक नहीं मिला…जिससे संदेह गहरा गया है कि यह राशि कहां और कैसे खर्च की गई?
जिनमें प्रमुख रूप से…
1 सितंबर 2023: 5.23 करोड़
10 अक्टूबर 2023: 7.60 करोड़
26 नवंबर 2023: 9 करोड़
28 नवंबर 2023: 9.80 करोड़
27 दिसंबर 2023: 10.33 करोड़
7 मार्च 2024: 1.60 करोड़
27 मार्च 2024: 1 करोड़
28 मार्च 2024: 65 लाख


Share

Check Also

अंबिकापुर@युवाओं और किसानों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में होगी नई पहल

Share तेलघानी उद्योग युवाओं और किसानों के लिए आत्मनिर्भरता का माध्यम बनेगाःजितेन्द्र साहू अंबिकापुर,19 मई …

Leave a Reply