अम्बिकापुर@उदयपुर क्षेत्र में अब नहीं खुलेंगी कोई नई कोल खदानः टीएस

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अम्बिकापुर,23 सितम्बर 2022(घटती-घटना)। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड द्वारा प्रस्तावित कोल माइंस को लेकर अंबिकापुर नगर के कोठी घर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए स्वास्थ्य मंत्री व क्षेत्रीय विधायक टीएस सिंह देव ने कहा कि परसा कोल ब्लॉक क्षेत्र में अब कोई भी नई कोयला खदान नहीं खुलेंगे। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मोबाइल पर वार्ता की। मुख्यमंत्री ने खदान नहीं खोलने को लेकर अपनी सहमति दी है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित केते एक्सटेंशन, पेंडरकी व बासेन में कोयला खदान को लेकर गांव वाले काफी विरोध में हैं। 95 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि यहां खदान नहीं खुले। सिंहदेव ने कहा कि गांव वालों के राय के अनुसार ही खदान खुलेगी, गांव वालों के विरोध को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की गई जिन्होंने खदान नहीं खोलने की सहमति दी है।
वार्ता के दौरान मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि नए मेडिकल कॉलेज में निर्माण कार्य की प्रगति काफी अच्छी है। चिंता इस बात की है कि हम को 50 सीट और मिलने वाली है, अभी जो डिजाइन हुआ है 100 प्लस 25 सीट का है। 125 बच्चों को बैठाकर पढ़ाई कराना इसके लिए व्यवस्था देखने गत गुरुवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल गया हुआ था। सिंहदेव ने कहा कि एक लैब अनौपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया है। मेडिकल कॉलेज पांचवा व अंतिम फ्लोर की ढलाई करीब पूरा हो गया है। फिनिसिंग का कार्य चल रहा है। मार्च आखिरी तक संभवत: कंप्लीट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नए भवन में 31 दिसंबर तक संभवत मेडिकल कॉलेज भी चालू हो जाएगा नहीं तो मार्च आखरी तक प्रारंभ हो जाएगा। मेडिकल कॉलेज में एमआरआई मशीन व नए उपकरण की खरीदी के लिए टेंडर प्रक्रिया आगे बढ़ी है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि पूरे छत्तीसगढ़ में सबसे कम समय में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज सर्वाधिक 46 पोस्टग्रेजुएट की सीट लाने में सफल हुई है। 46 पोस्टग्रेजुएट कोर्स यहां शीघ्र ही चालू हो जाएंगे। पोस्टग्रेजुएट के कोर्स को प्रारंभ कराने स्टाफ की आवश्यकता पड़ेगी। स्टाफ में 70 प्रतिशत पोस्ट आ गई है। 30 प्रतिशत बाकी है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में 3 नए मेडिकल कॉलेज के लिए भी स्टाफ की आवश्यकता है। अभी हाई कोर्ट का निर्णय आ गया है पहले हमने स्थानीय बोर्ड से भर्ती का फैसला लिया था लेकिन हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताया है और इस परीक्षा को ओपन रखने का निर्णय दिया है। सिंह देव ने बताया कि बाहर के जो लोग आते हैं भर्ती होते हैं और ट्रांसफर करा कर चले जाते हैं जिसके कारण स्टाफ की कमी बनी रहती है और प्रबंधन के सामने परेशानी बरकरार रहता है। अब जो न्यायालय का आदेश आया है सरकार उस पर विचार कर रही है। खुली भर्ती में कमिश्नरी व जिला स्तर पर तबादला होने जैसे नियम बनाए जा रहे हैं ताकि जहां भर्ती हो उस जिले में ही ट्रांसफर हो सके।


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