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अम्बिकापुर@मैनपाट में नए बाक्साइट खदान का विरोध ग्रामसभा की अनुमति पर उठे सवाल…

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-संवाददाता-
अम्बिकापुर,02 दिसम्बर 2025 (घटती-घटना)। मैनपाट के कंडराजा और सपनादर क्षेत्र में नए बाक्साइट खदान के विस्तार के खिलाफ स्थानीय ग्रामीणों का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। इन क्षेत्रों में खनन का अधिकार निजी कंपनी मां कुदरगढ़ी स्टील प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है,जो इन स्थानों पर बाक्साइट का उत्खनन करेगी। हालांकि, स्थानीय लोग इस खनन को पर्यावरण और उनके जीवनयापन के लिए खतरनाक मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। सपनादर में खुले जाने वाले नए बाक्साइट खदान के लिए मंगलवार को आयोजित पर्यावरणीय जनसुनवाई में भारी हंगामा हुआ। जनसुनवाई में पहुंचे अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि इस जनसुनवाई को बिना ग्रामसभा की सहमति के आयोजित किया गया है। उनका कहना था कि प्रभावित गांवों के लोग इस सुनवाई के बारे में अवगत नहीं थे और इससे ग्रामीणों की सहमति की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। सिंह ने यह भी कहा कि ग्रामसभा से अनापत्ति का प्रमाण पत्र पहले लिया जाना चाहिए था, जो कि इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। सपनादर के साथ ही,कंडराजा में भी 30 नवंबर को इसी प्रकार की जनसुनवाई आयोजित की गई थी, जहां स्थानीय लोगों ने खदान के खिलाफ जमकर विरोध किया था। कंडराजा में 135 हेक्टेयर और सपनादर में 171 हेक्टेयर भूमि पर बाक्साइट का खनन किया जाएगा। यह दोनों स्थान पर्यावरणीय दृष्टि से काफी संवेदनशील माने जाते हैं, और खनन कार्यों से इन क्षेत्रों की हरियाली और जैव विविधता पर प्रतिकूल असर पडऩे की आशंका है। जनसुनवाई के दौरान सपनादर में ग्रामीणों ने पंडाल के भीतर न बैठकर बाहर विरोध जताया और जनसुनवाई में पहुंचे बाहरी व्यक्तियों को भी खदेड़ दिया,जो खनन के पक्ष में थे। स्थानीय लोगों का कहना था कि बाहरी लोग इस मामले से जुड़े नहीं हैं और उनके विचारों का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस हंगामे के कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसे काबू करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। स्थानीय नेताओं और निवासियों ने खनन के कारण पर्यटन उद्योग पर पडऩे वाले प्रभाव की भी चिंता जताई है। मैनपाट एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि खदानों के विस्तार से इस क्षेत्र की हरियाली नष्ट होगी, जिससे पर्यटन को नुकसान पहुंचेगा। वे यह भी कहते हैं कि खनन से जो प्रदूषण और पर्यावरणीय बदलाव आएंगे, उनका असर स्थानीय समुदाय के स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। दूसरी ओर,जनसुनवाई में पहुंचे जिला पंचायत सदस्य रतनी नाग ने कहा कि यह पूरी प्रक्रिया अवैध है,क्योंकि ग्रामसभा से बिना अनुमति के जनसुनवाई का आयोजन किया गया है। उनका आरोप है कि इस मुद्दे पर किसी भी प्रकार की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया,जिससे यह पूरी प्रक्रिया कानूनी रूप से संदिग्ध हो जाती है। इस प्रकार, मैनपाट के कंडराजा और सपनादर क्षेत्र में होने वाले नए बाक्साइट खदानों के विस्तार के खिलाफ स्थानीय लोगों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। उनका कहना है कि यह खनन परियोजना केवल निजी कंपनी के फायदे के लिए है,जबकि इसके खतरनाक पर्यावरणीय प्रभावों से पूरे क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।


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