सूरजपुर,@कोविड में ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाले को भुगतान न करके उससे मिलते-जुलते नाम वाले को भुगतान मामले में…तत्कालीन सीएमएचओ सहित पांच के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज

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-ओंकार पाण्डेय-
सूरजपुर,11 मई 2025 (घटती-घटना)। जहां गोल्डमैन हो और वहां गड़बड़ी न हो यह तो संभव नहीं है,सरगुजा संभाग में गोल्डमैन स्वास्थ्य विभाग का एक ऐसे कर्मचारी हैं जिनके रहने पर गड़बड़ी होने की संभावना बनी रहती है,कई बार भर्तियों में भी गड़बड़ी उनकी उपस्थिति में हुई है,पर हर बार यह बचकर निकल जाते हैं यह गोल्डमैन के नाम से जाने जाते हैं इनका नाम है जेम्स कुजूर जो काफी चर्चित नाम है अब इस नाम की चर्चा इसलिए ज्यादा हो रही है क्योंकि सूरजपुर जिले में यह पदस्थ है और सूरजपुर जिले में ही एक मामला सामने आया है,जिसमें तत्कालीन सीएमएचओ सहित पांच के विरुद्ध अपराध दर्ज हुआ है, इस अपराध दर्ज करने की जो वजह है वह यह है कि 2020 में जब कोविड महामारी फैली थी उस समय ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए सभी जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे थे,जिसके लिए टेंडर हुआ था 2020-21 में ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की जान जा रही थी जिसे देखते हुए यह फैसला लिया गया था कि ऑक्सीजन प्लांट बनाना है, और सूरजपुर के लिए यह टेंडर भी हो गया और यह काम रायपुर की एक कंपनी यूनिक इंडिया जिसके संचालक जयंत चौधरी हैं,काम इन्हें मिला पर भुगतान किसी दूसरे को हो गया इसके बाद उन्होंने शिकायत की और शिकायत के बाद सूरजपुर पुलिस ने जांच के उपरांत अपराध दर्ज कर लिया प्लांट 2020-21 में लगा भुगतान 2022 में हुआ और अपराध 2025 में दर्ज हुआ। इस अपराध में गोल्डन मैन के नाम से प्रसिद्ध तकनीकी लिपिक सहायक वर्ग 2 जेम्स कुजूर का भी नाम शामिल है और यह काफी चर्चित नाम है।
आईए जानते हैं कौन है गोल्डन मैन
गोल्डमैन के नाम से विख्यात यह एक ऐसा शख्स है जिसकी पहचान राजधानी तक इसी नाम से है,राजधानी के वीआईपी रोड में इसका एक आलीशान होटल भी चलता है जहां यह खुद अधिकांश समय बैठता है हाजिरी सुरजपुर में लगती है,यह व्यक्ति स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार का वह चेहरा है जिसने सरगुजा संभाग के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार को जन्म दिया है,यह कहना बिल्कुल अतिशयोक्तिपूर्ण इसलिए नहीं क्योंकि यह एकदम माहिर है स्वास्थ्य विभाग को लूटने में,यह जहां जहां रहा है कार्यरत सभी जगह इसने भ्रष्टाचार किया है, भर्तियों में भी इसका भ्रष्टाचार लोगों की जबानी सुना जा सकता है। यह भ्रष्टाचार के दम पर आज राजधानी में एक बड़ा होटल व्यवसाई बन सका है। इनके शरीर में पर जितने सोना के आभूषण देखे जाते हैं वह लगभग दो से तीन किलो का बताया जाता है जिसका लागत लाखों में बताया जा रहा है एक वर्ग दो का कर्मचारी का सोने में लदा रहना एक आश्चर्य का विषय है जिसकी वजह से उसे गोल्डमैन भी लोग कहने लगे हैं इसको जब मौका मिला है स्वास्थ्य विभाग में इसने भ्रष्टाचार किया है, ऐसा माना जाता है कि यह स्वास्थ्य विभाग का वह दीमक है जिसने सरगुजा संभाग के स्वास्थ्य विभाग को चट करने का मन बनाया हुआ है। ताजा मामला ऐसा ही है बस।
जिनके खिलाफ अपराध दर्ज हुए हैं वह राजनीतिक पकड़ वाले हैं…जहां तत्कालीन सीएमएचओ पूर्व विधायक के रिश्तेदार है तो वहीं गोल्डन मैन की पकड़ भी कम नहीं है…
जिन लोगों के ऊपर सुरजपुर में अपराध दर्ज हुआ है और जिनके ऊपर स्वास्थ्य विभाग जैसे जिम्मेदार सेवा संस्थान जैसे मानवीय क्षेत्र से जुड़े विभाग की जिम्मेदारी है उनका राजनीतिक पकड़ भी कम नहीं है,तत्कालीन सीएमएचओ जहां पूर्व विधायक के रिश्तेदार हैं वहीं गोल्डमैन काफी माहिर खिलाड़ी हैं भ्रष्टाचार मामले के और उनकी पकड़ भी काफी ऊंची मानी जाती है। कुल मिलाकर मामले में शासकीय राशि गबन के शामिल सभी काफी पहुंचे हुए लोग हैं और इसीलिए इन्होंने इतनी बड़ी हिम्मत की है,गोल्डमैन तो इस सब के आदि और ऐसे करामातों के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं।
सुरजपुर के कई लिपिक हैं आज कई करोड़ों के मालिक,छोटी सी तनख्वाह और आलीशान कोठियां ऊंचा रहन सहन क्या यह जांच का विषय होगा
सुरजपुर की ही केवल बात की जाए तो सुरजपुर के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत कई लिपिक आज कई करोड़ों के मालिक बन चुके हैं, सभी ने जमकर लूटा है विभाग को आपदा को भी अवसर बनाया सभी ने यह कहना गलत नहीं होगा, छोटी सी तनख्वाह और आलीशान कोठियां उच्च रहन सहन इनका देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि इन्होंने सेवा भाव वाले क्षेत्र को जमकर लूटा है दीमक बनकर खोखला किया है। क्या ऐसे लिपिकों के ऊपर भी जांच कर कार्यवाही कभी होगी यह बड़ा सवाल है?
अपराध तो दर्ज हो गया क्या गिरफ्तारी भी हो पाएगी?
स्वास्थ्य विभाग एक ऐसा विभाग पिछले समय में रहा है जहां जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, कोविड काल वैश्विक महामारी का काल तो जैसे इस विभाग के लिए स्वर्णिम काल था और सरगुजा संभाग की ही बात करें तो यहां जीवन रक्षक दवाइयों के अलावा खरीदी में भी इतना भ्रष्टाचार हुआ कि जिसकी यदि पोल खुलती जाए मानवता और सेवा भावना की शपथ लेने वाला यह विभाग अविश्वनीय विभाग हो जाए लोगों के लिए। मामले संभाग के हर जिले में भ्रष्टाचार के मिल जायेंगे कोविड काल के लेकिन सुरजपुर का ताजा सामने आया मामला सबसे विचित्र है काफी यह विडंबना जैसी स्थिति है। अब मामले में अपराध दर्ज हो चुका है वहीं इसमें एक नाम गोल्डमैन का भी है जो हर बार स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार कर बच निकलता है और क्या वह फिर इस बार बच निकलेगा यह देखने वाली बात होगी, क्या सभी की तत्काल गिरफ्तारी हो पाती है या यह मामला केवल कागजों में ही दर्ज रह जाता है यह भी देखना होगा आगे।
आईए जानते है 83 लाख 21 हजार रुपए के फर्जी तरीके के भुगतान के मामले को…
सूरजपुर के जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली फर्म के बजाए मिलते-जुलते नाम वाले फर्म को 83 लाख 21 हजार रुपए का भुगतान कर दिया गया। इस मामले में तत्कालीन सीएमएचओ समेत तीन कर्मचारी और भुगतान प्राप्त करने वाले फर्म के संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का केस दर्ज किया गया है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, रायपुर में संचालित फर्म यूनिक इंडिया कंपनी के संचालक जयंत चौधरी ने सरगुजा आईजी से शिकायत की थी कि, सीएमएचओ सूरजपुर ने जेम ऑनलाइन पोर्टल पर एमजीपीएस संयंत्र स्थापित करने के लिए ऑनलाइन टेंडर निकाला था। यूनिक इंडिया कंपनी फर्म को 13 सितंबर 2021 को 83,21,000 रुपए में संयंत्र लगाने का टेंडर मिला और कांट्रेक्ट के बाद कार्यादेश जारी किया गया।
जिस फर्म ने काम पूरा किया उसे नहीं हुआ भुगतान
शिकायतकर्ता जयंत चौधरी ने बताया कि,उन्होंने संयंत्र स्थापना का काम पूरा कर दिया,लेकिन भुगतान के लिए सीएमएचओ और लेखापाल उन्हें घुमाते रहे। जब सूरजपुर सीएमएचओ के पद पर डॉ. कपिल देव पैकरा की नियुक्ति हुई, तो जयंत चौधरी ने भुगतान के लिए उनसे संपर्क किया। तब पता चला कि इससे परेशान होकर उन्होंने ऑनलाइन पोर्टल पर कांट्रेक्ट निरस्त करने के लिए आवेदन डाला तो पता चला कि यह काम पूरा हो चुका है। कांट्रेक्ट की पूरी राशि का भुगतान आवेदक के फर्म को कर दिया गया है। जयंत चौधरी ने भुगतान की जानकारी ली तो पता चला कि कांट्रेक्ट की राशि 83,21,000 रुपए दंतेवाड़ा के यूनिक इंडिया कंपनी को किया गया है, जो आशीष कुमार बोरा के नाम पर रजिस्टर्ड है। इस फर्म को 5 जनवरी 2022 राशि 50 लाख रुपए और 31 जनवरी 2022 को 31 लाख 85 हजार 881 रुपए समेत कुल 81 लाख 85 हजार 881 रुपए का भुगतान किया गया है।
तत्कालीन सीएमएचओ समेत 5 के खिलाफ भुगतान के 2 साल बाद अपराध हुआ दर्ज
इस मामले में यूनिक इंडिया कंपनी रायपुर के संचालक जयंत चौधरी ने तत्कालीन सीएमएचओ सूरजपुर डॉ. रनसाय सिंह,सूरजपुर,आशीष कुमार बोरा,संचालक यूनिक इंडिया कंपनी, दंतेवाडा,सेवानिवृा लेखापाल विजय सिन्हा,जेम्स कुमार बेक,सहायक ग्रेड 2, सकिरन दास,फार्मासिस्ट के खिलाफ फर्जी तरीके से दूसरी फर्म को भुगतान करने की शिकायत सूरजपुर एसपी और सरगुजा आईजी से की थी। जांच के बाद सूरजपुर पुलिस ने तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रनसाय सिंह समेत पांच के खिलाफ धारा के तहत धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
काम पूरा होने के बाद बनी फर्म को भुगतान कैसे?
शिकायतकर्ता जयंत चौधरी ने बताया कि,सूरजपुर सीएमएचओ के पद पर डॉ. रनसाय सिंह के स्थान पर डॉ. कपिल देव पैकरा की नियुक्ति हुई तो उन्होंने भुगतान की जानकारी मांगी। डॉ. कपिल देव पैकरा ने बताया कि भुगतान दूसरी कंपनी को हो गया है। उन्होंने सही फर्म को भुगतान कराने का आश्वासन दिया, लेकिन भुगतान नहीं हो सका। जिस फर्म को उक्त संयत्र की स्थापना का भुगतान किया गया है, वह काम की पूर्णता अवधि तक अस्तित्व में नहीं थी। यूनिक इंडिया कंपनी का जीएसटी पंजीयन 08 दिसंबर 2021 को किया गया था,तब तक संयत्र का कार्य पूर्ण हो चुका था। सूरजपुर टीआई ने बताया कि, मामले में अपराध दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।


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