रायपुर , 20 नवम्बर 2021 ( ए )। अभिभावकों का आत्मकरूणा और मानसिक स्वास्थ्य संतुलित व सकारात्मक रहेगा तभी वे अपने दिव्यांगता से ग्रसित बच्चों की भी देखभाल उपचार के लिए सकारात्मक कार्य करने में सफल हो सकेंगे यह जानकारी पत्रवार्ता में डॉ सिमी श्रीवास्तव और शिवली श्रीवास्तव ने दी उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने एक शोध किया है इस शोध में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई है ।इस अत्यंत महत्वपूर्ण शोधके लिए डॉक्टर सिम्मी श्रीवास्तव और उनकी बेटी शिवली श्रीवास्तव को विगत 15 नवंबर 2021 को डॉ किरण बेदी संस्थापक इंडिया विजन फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा रीटा पेशावरिया मेनन फेलोशिप अवार्ड दिया गया है । उन्होंने बताया कि यह शोध देशभर में पहला शोध है जिसमें खासतौर पर ऑटिज्म और मानसिक दिव्यांगता से ग्रसित अभिभावकों के आत्म करुणा और मानसिक स्वास्थ्य पर रिसर्च किया गया है । शोधकर्ताओं द्वारा आत्म करुणा के तीन महत्वपूर्ण वर्गों में शोध किया गया है जैसे आत्म दया विरुद्ध आत्म निर्णय, सामान्य मानवता विरुद्ध एकांत एवं सचेतन विरुद्ध अति चेतना । इसके अतिरिक्तअवसाद, तनाव और चिंता पर भी शोध किया गया है । यह अक्सर पाया गया कि अभिभावकों को अपने दिव्यांगता से ग्रसित बच्चों के बारे में पूर्ण जानकारी और उनके लिए पाए जाने वाली उपचार पद्धतियों के बारे में जानकारी का अभाव होता है । इसके इसके कारण वे उसके समुचित उपचार से वंचित रह जाते हैं इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की आवश्यकता है ।
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