भाजपा में प्रत्येक कार्यकर्ता प्रत्येक व्यक्तिका सम्मानःअनिल जायसवाल
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 17 अक्टूबर 2021(घटती-घटना)। प्रधानमंत्री और छत्तीसगढ़ के सीएम के कार्यषैली व व्यवहार में फर्क, व्यस्त दिनचर्या के बावजुद मिले प्रधानमंत्री खिंचाई फोटो। मध्यप्रदेश से पदयात्रा करते पहुंचे व्यक्ति से मिले प्रधानमंत्री वहीं कोरिया बचाव, हसदेव बचाव, बस्तर के आदिवासी पदयात्रा करते हुये पहूंचे राजधानी सीएम रहे व्यस्त। छत्तीसगढ़ में सीएम पद के चाह में चल रही आपसी गुटबाजी से प्रदेश के जनता अधर में। जब छत्तीसगढ़ की बात हो तो वर्तमान में सीएम पद की चाह में चल रही आपसी गुटबाजी प्रदेश की जनता के जहन में एकबारगी बिजली की कौंद सी चमक उठ¸ती है। पर नेतृत्व की बात करें तो जहां देश के प्रधानमंत्री के व्यस्तम जीवनशैली के बीच एक 63 वर्षीय छोटेलाल अहिरवार 735 किलोमीटर पैदल चलकर प्रधानमंत्री से मिलने की आस में दिल्ली जा पहुंचे और प्रोटोकाल को समझे बिना सीधे पीएम हाउस पुहंच गये थे।
भाजपा किसान मोर्चा जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने कहा 735 किलोमीटर पैदल चलकर एक भाजपा कार्यकर्ता प्रधानमंत्री समर्थक प्रधानमंत्री से दिल्ली मिलने पहुंचा, प्रधानमंत्री द्वारा खुद मुलाकात करने को लेकर बयान जारी करते हुए अनिल जायसवाल ने कहा कि भाजपा में प्रधानमंत्री को भी मालूम है कि एक कार्यकर्ता एक समर्थक का कितना महत्व है कौन कितनी आस्था कितने विस्वास से मिलने आ रहा है उसको किस तरह से सम्मान देना है। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के समर्थक जिसने 735 किलोमीटर पैदल चलकर प्रधानमंत्री से मिलने की इक्षा जाहिर की और प्रधानमंत्री ने समर्थक से मिलना जरूरी समझा और स्वयं मुलाकात की और समर्थक को निराश नहीं किया।
वहीं जिला किसान मोर्चा भाजपा अनिल जायसवाल ने यह भी कहा कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री के पास बस्तर के पदयात्रियों से जो 350 किलोमीटर पैदल चलकर आये समस्या लेकर आये उनसे भी मिलने का वक्त नही था स्वास्थ्य मंत्री से उनकी मुलाकात हुई यह सोचने वाली बात है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में जब एक क्षेत्र एक संभाग के सैकड़ो व्यक्ति की पदयात्रा का सम्मान नहीं हो सका और मुख्यमंत्री को उनसे मिलने का समय देने में कठिनाई हुई उससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस में समस्याओं की कद्र नहीं वहीं समस्या लेकर पदयात्रियों का भी सम्मान नहीं। जायसवाल ने आगे कहा की मध्यप्रदेश के सागर देवरी तहसील के जेतपुर गांव के 63 वर्षीय छोटेलाल अहिरवार भाजपा के झंडे के रंग के कपड़े पहनकर प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे, छोटेलाल प्रधानमंत्री से मिलकर इतने भावुक हो गए कि प्रधानमंत्री के सामने कुछ बोल नहीं पाए, छोटेलाल ने बताया कि प्रधानमंत्री से मिलने के बाद 735 किलोमीटर पैदल चलने की थकान मिट गई, उन्होंने बताया कि वह प्रधानमंत्री की गरीबों की जनकल्याणकारी नीतियों से प्रभावित हैं
छोटेलाल का जिले में भी हुआ स्वागत- प्रधानमंत्री से मिलकर लौटे छोटेलाल भाजपा कार्यकर्ताओं लिए सम्मानीय बन गए हैं, उनका जगह-जगह स्वागत हो रहा है, छोटेलाल से मिलने के लिए हर भाजपा कार्यकर्ता पहुंच रहा है, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी ट्वीट कर अभिभूत महसूस कर रहे हैं, केन्द्र सरकार के कई मंत्रियों ने छोटेलाल को लेकर ट्वीट भी किया है।
ऐसे हुई मुलाकात
जिला किसान मोर्चा भाजपा अनिल जायसवाल ने बताया कि छोटेलाल अहिरवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने दिल्ली पहुचे, केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने पत्र लिखा था और उनसे मिलने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था,वहीं उन्होंने पैदल चलकर दिल्ली पहुंचे छोटेलाल अहिरवार को अपने आवास पर ठहराया, मोदी से मिलने अपने क्षेत्र से 740 किलोमीटर से अधिक की दूरी पूरी कर 3 दिन पूर्व पैदल दिल्ली पुहंचे छोटेलाल बिना समय लिये अथवा प्रोटोकाल को समझे सीधे पी एम हाउस पुहंच गये थे, लेकिन जब उन्हे बताया गया कि बिना समय निर्धारण के प्रधान-मंत्री जी से मुलाकात सम्भव नही है, वे मायूस हो गये। इस बीच केन्द्रीय जल शक्ति एवं खाद्य संस्करण राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल को पता लगने पर उन्होने अपना वाहन भेजकर छोटेलाल अहिरवार को अपने दिल्ली स्थित सरकारी निवास पर बुलाया ओर उनकी अवाभगत की ओर अपने निवास पर ठहराया तथा प्रधानमंत्री श्री मोदी को आग्रह पत्र भेजकर मिलने का निवेदन किया, जिस पर छोटेलाल जी को समय मिला ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह ने उनकी हौसला अफजाई की ओर साथ में फोटो भी खिचवाई।
भाजपा में नहीं है छोटे-बड़े का भेद
किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने कहा कि भाजपा में छोटे बड़े का भेद नहीं है प्रधानमंत्री ने भी छोटेलाल अहिरवार से मिलकर यह साबित कर दिया वहीं उन्होंने यह भी कहा कि अभी हाल में ही एक पदयात्रियों का दल कोरिया जिले से राजधानी गया था उसमें भी पदयात्रियों से मुख्यमंत्री की मुलाकात के माध्यम खुद विधायक व महापौर को बनना पड़ा और उनकी मांगों का निराकरण भी नहीं हुआ,वहीं बस्तर से चलकर आने वाले पदयात्रियों से तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को मिलने तक का समय निकालने में कठिनाई हुई और उन्हें बिना मुख्यमंत्री से मिले ही लौट जाना पड़ा।